हैदराबाद : तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले में एक परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। एक महीने के भीतर मां, बेटे और बेटी की मौत हो गई। लगभग 80 लाख रुपये खर्च किए गए, लेकिन किसी की जान नहीं बच पाई।
मिली जानकारी के अनुसार, शमशाबाद क्षेत्र के तोंडपल्ली निवासी पेदिरीपाटी विट्ठलय्या और सुलोचना दंपति को तीन बेटे और एक बेटी संतान हैं। 28 अप्रैल को सबसे छोटे बेटे सुभाष ने परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों के साथ अपनी 25वीं शादी की सालगिरह मनाई। सालगिरह समारोह में भाग ले चुके पांच लोग कोरोना संक्रमित हो गये। 1 मई को सुभाष की मां सुलोचना को अस्पताल ले जाया गया, जहां 12 मई को उसकी मौत हो गई।
सुलोचना के बेटे सुभाष ने बेटी लावण्या को अस्पताल ले गया। 25 दिन बाद यानी इसी महीने की 8 तारीख को सुभाष की मौत हो गई। अस्पताल में 31 दिन तक कोरोना से जंग लड़ने वाली लावण्या का भी सोमवार को निधन हो गया। स्थानीय लोग यह जानकर विचलित और दुखी हो गये कि बेटे के दसवीं के रस्म के दिन ही बेटी का अंतिम संस्कार करना पड़ा।
लावण्या के पति किरण गौड़ का दस साल पहले निधन हो गया था। तब से वह मां के पास ही रह रही थी। सुभाष की पत्नी चंद्रिका ने घर पर ही कोरोना की जंग में जीत हासिल कर ली है और उनका बेटा भी ठीक हो गया। कोरोना संक्रमित सुलोचना के साथ सुभाष और लावण्या के इलाज के लिए परिवार के सदस्यों एक महीने तक कॉरपोरेट अस्पतालों के चक्कर काटते रहे।
परिवार के सदस्यों ने बताया कि इनके इलाज पर लगभग 80 लाख रुपये खर्च करने के बावजूद तीनों नहीं बच पाये। तीनों की जान बचाने के लिए शमशाबाद के एक निजी अस्पताल के साथ गच्चीबौली के एक अन्य कॉरपोरेट अस्पताल में इलाज कराया गया। मगर 80 लाख रुपये खर्च करने के बावजूद तीनों की मौत हो गई।