हैदराबाद: पीडी एक्ट के तहत गिरफ्तार और चंचलगुड़ा जेल में बंद गोशामहल विधायक टी राजा सिंह को लेकर उनकी पत्नी उषा ने सनसनीखेज टिप्पणी की है। उषा ने तेलंगाना हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कहा कि जेल में बंद उनके पति के जान का खतरा है।
यह टिप्पणी इस समय राजनीतिक गलियारों मे चर्चा का अहम विषय बन गया है। हाल ही में विधायक की पत्नी ने राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन से मिलकर शिकायत की कि राजा सिंह के खिलाफ झूठे मामलों में गलत पीडी एक्ट दर्ज किया गया है। इस बात को ध्यान में रखते हुए मुझे न्याय दिलाये।
इसी क्रम में उषा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। दायर याचिका में उन्होंने कहा कि जेल में उनके पति के जान को खतरा है। इस बात को ध्यान में रखते हुए राजा सिंह को अन्य कैदियों से दूर रखा जाये। साथ ही उनके पति को विशेष कैदी का दर्जा दिया जाये। इसके लिए विशेष कमरा, पलंग, टेबल, कुर्सी, समाचार पत्र, टीवी और खाने की विशेष सुविधा उपलब्ध किया जाये। दायर याचिक को सुनवाई जस्टिस कन्नेगंटी ललिता ने स्वीकार कर लिया है। इसी बीच बहस के लिए समय देने का दायर याचिका के अधिवक्ता ने हाई कोर्ट से आग्रह किया। इसके चलते हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई 28 सितंबर तक स्थगित कर दी।
आपको मालूम हो कि राजा सिंह को लेकर जेल अधिकारी सतर्क होने/रहने की खबरें आई थी। अब उनकी पत्नी की चिंता से राजा सिंह के समर्थकों में टेंशन पैदा हो गया है। इसी बीच तेलंगाना बीजेपी के अध्यक्ष बंडी संजय की प्रजा संग्राम पदयात्रा के समापन आमसभा में राजा सिंह को रिहा करने की मांग करते हुए अनेक कार्यकर्ताओं ने प्लेकार्ड के साथ प्रदर्शन किया। इसके चलते कुछ समय के लिए आमसभा अफरातफरी का माहोल बन गया था। इसी बीच बंडी संजय ने कहा कि राजा सिंह के बारे में क्या किया जाना है हमें पता है। जो होना है वह होता है। हमें जेल जाना कोई नई बात नहीं है। धर्म के लिए जेल जाने के लिए हम पीछे नहीं हटेंगे।
मगर विवादास्प टिप्पणी के लिए चलते बीजेपी ने राजा सिंह को पार्टी से निलंबित कर दिया और दस दिन के भीतर जवाब देने को कहा था। इसी बीच राजा सिंह जेल चले गये। फिर भी बीजेपी के सभा में राजा सिंह के समर्थन में नारे लगाया जाना पार्टी में चर्चा का विषय बना है। यह भी चर्चा है कि राजा सिंह के बार में यदि पार्टी लाइट लेती है तो बीजेपी के हर सभा में उनके समर्थक नारे लगाएंगे। आपको बता दें कि राजा सिंह की गिरफ्तारी के विरोध में तेलंगाना में अनेक जिलों में विरोध प्रदर्शन किये गये थे।