हैदराबाद : आज समाज में हम देख रहे हैं कि कई लड़के प्यार के नाम पर लड़कियों को धोखा दे रहे हैं। लड़कियों को परेशान कर रहे हैं। हमें नहीं मिलने वाली लड़की किसी और की न हो इसीलिए उसकी जान भी ले रहे हैं। कुछ युवक प्रेमिका नहीं मिली कहकर आत्महत्या तक कर ले रहे हैं। आज की दुनिया में इस प्रकार की घटनाओं को देखकर लगता है कि प्रेम की परिभाषा हत्या या आत्महत्या में बदल गई है।
लेकिन भद्रादी कोत्तागुडेम जिले के एक युवक ने दुनिया को प्रेम का सही अर्थ और परिभाषा दिखाया/बताया है। अगर इस प्रेम के बारे में जानोगे या पता चला तो यह कहे बिना नहीं रह पाओगो कि दुनिया का सबसे बड़ा प्रेमी (The World’s Greatest Lover) यही है।
भद्राद्री कोत्तागुडेम जिले के इल्लेंदु निवासी मूती वसंत राव (22) और मणुगुरु निवासी दिव्यांग नरसम्मा (21) की दुनिया की सबसे बड़ी प्रेम कहानी है। ड्राइवर का काम करने वाले वसंत राव एक साल पहले एक शादी समारोह में नरसम्मा को देखा/मिला। इस दौरान दोनों में बातचीत हुई। इस बातचीत के दौरान दोनों के मन जुड़ गये। इसके चलते दोनों ने शादी के बंधन में बंध जाने का फैसला लिया।
हालांकि नरसम्मा एक दिव्यांग है। इसक के कारण वह चल नहीं पाती। फर्श पर बैठकर बाजुओं के दम पर आगे की ओर बढ़ती है। नरसम्मा के माता-पिता और भाई इस दुनिया में नहीं है। इसके चलते वह भाभी के पास रहकर डिग्री तक पढ़ाई की और दर्जी सीख ली। अब कपड़ों की सिलाई का काम करती है। अर्थात अपना जीवन जीने के लिए वह सक्षम हो गई है।
दूसरी ओर वसंत राव ने परिवार के घरवालों/बुजुर्गों के सामने नरसम्मा के साथ शादी करने का प्रस्ताव रखा। यह सुनकर बुजुर्गों ने कहा कि दिव्यांग से शादी करके कभी भी खुश नहीं रह पाओगे। हालांकि वसंत राव ने घरवालों को समझाने की कोशिश की कि उनका प्यार सच्चा है। इसके लिए दिव्यांग नहीं बल्कि दिल का मिलन जरूर है। फिर भी घरवाले/बुजुर्ग उसकी शादी के लिए राजी नहीं हुए। दूसरी ओर नरसम्मा के रिश्तेदार भी इस शादी के लिए तैयार नहीं हुए।
इसके चलते इस प्रेमी युगल ने जिले के प्रतिभावन संगठन और दिव्यांग संघों से संपर्क किया। यह सुनकर और देखकर संगठनों के नेताओं ने दोनों की शादी करवाने लिए तौयार हो गये। रविवार को कोत्तागुडेम रुद्रमपुर के मंदिर में दोनों का आदर्श विवाह करवाया। विवाह स्थल पर दूल्हे ने दुल्हन को उठाकर मंडप की ओर ले आते देख उपस्थित अतिथियों ने तालियों के साथ दोनों का जोरदार स्वागत किया। दिव्यांग नरसम्मा को नया जीवन देने वाले वसंत राव को बधाई दी और कहा- “दुनिया का सबसे बड़ा प्रेमी (The World’s Greatest Lover) यही है।”