कोरोना की तीसरी लहर को लेकर पूरा विश्व चिंतित है। क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख ट्रेडोस अधनोम ने दुनिया में कोरोना की तीसरी लहर शुरू होने की जैसे ही घोषणा की, तो सबका ध्यान उन देशों की ओर गया है, जहां कोरोना के केस फिर से बढ़ने लगे हैं। डेल्टा वैरिएंट अब दुनिया के 100 से अधिक देशों में फैल चुका है और सबसे ज्यादा नए केस ब्राजील से आ रहे हैं। जबकि भारत के साथ-साथ इंडोनेशिया, कोलंबिया ब्रिटेन में भी इसके केसेस बढ़ने लगे हैं। वैसे तो बढ़ते हुए मामलों को देखें तो यह साफ है कि पिछले चार सप्ताह से दुनिया भर में कोरोना के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं।
वहीं डब्लयूएचओ की आपातकालीन समिति के विशेषज्ञों ने भी हाल ही में चेतावनी दी कि नए वैरिएंट से महामारी को रोकना मुश्किल होगा और हैं। दुनिया में जिस तेजी से नए केस बढ़ रहे हैं वो डराने वाले हैं। दूसरी लहर के खत्म होने के बाद दुनिया में जहां एक दिन में औसतन तीन लाख से अधिक मामले ही आ रहे थे। अब पिछले एक महीने में यह बढ़कर 9 लाख हर दिन हो गए हैं। वहीं दस सप्ताह तक मौतों की संख्या में गिरावट आने के बाद फिर से कोरोना से मरने वालों की संख्या बढ़ने लगी है। नई मौतों में सबसे अधिक अफ्रीकी में देखी गई है।
पिछले सप्ताह सबसे अधिक नए मामले ब्राजील में 3,33,030 सबसे अधिक नए मामलों के साथ पहले नंबर है। यहां 15-3 फीसदी लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है। वहीं भारत 2,91,789 केसों के साथ भारत दूसरे नंबर पर है। भारत में टीकाकरण की गति जो दो सप्ताह पहले तेज होती दिख रही थी, वह भी तब से धीमी हो गई है। भारत ने नौ जुलाई तक 22.4 फीसदी आबादी को कम से कम एक खुराक दी है। 7.78 करोड़ यानी केवल 5.7 फीसदी लोगों ने ही टीके का दोनों डोज लिया है। वही इंडोनेशिया 2,43,119 केसों के साथ तीसरे नंबर पर बना है। इंडोनेशिया में इससे पहले की लहर में 12 हजार केस हर दिन आ रहे थे। अब 40 हजार हर दिन के हिसाब से केस बढ़ रहे हैं। यहां की 1.59 करोड़ आबादी को वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके हैं।
इसी तरह ब्रिटेन में 2,10,277 नए मामले हैं और यह चौथे नंबर पर है। ब्रिटेन में जहां कुछ महीने पहले दूसरी लहर के समय 59 हजार रोज केस रोज आ रहे थे। अब 34 हजार हर दिन दर्ज हो रहे हैं। ब्रिटेन-ऑफिस फॉर नेशनल स्टैटिस्टिक्स (ONS) के आंकड़ों के मुताबिक हर 540 लोगों में से एक व्यक्ति डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित है। यह काफी तेजी से ब्रिटेन में फैल रहा है। यहां पर 3.52 करोड़ टीके का दोनों डोज ले चुके हैं और 52.7 फीसदी आबादी ने टीका ले लिया है। जबकि कोलंबिया में 1,74, 320 नए मामलों के कारण कोलंबिया पांचवें नंबर पर है। यहां की 91.8 लाख यानी 18.2फीसदी आबादी को टीका लग चुका है।
इसके अलावा रुस और बांग्लादेश जैसे राज्यों को भी देखें तो यहां भी हालात बिगड़ने लगे हैं। जब कोरोना पीक पर था तो रुस में 28 हजार मामले रोज आ रहे थे, अभी 25 हजार केस है। इसी तरह बांग्लादेश में पीक के समय 7 हजार केस थे, अब 13 हजार से नए केस रोज रिपोर्ट हो रहे हैं। सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि नए केस वैक्सीनेशन शुरू होने के बाद फिर बढ़े हैं। जबकि दुनिया भर में कुल 349 करोड़ से अधिक लोगों का टीकाकरण हो चुका है। कोरोना महामारी आने के बाद 100 से अधिक वैक्सीन दुनियाभर में कंपनियां बना रही हैं. मकसद है कि जल्दी से लोगों का वैक्सीनेशन करके उन्हें कोरना से बचाया जा सके।
मॉडर्ना, फाइजर, एस्ट्रेजेनका समेत कई वैक्सीन दुनिया भर में लोगों को लगाया जा रहा है. अमेरिका की 16 करोड़ से अधिक आबादी दोनों डोज ले चुकी है. देश की आबादी के 48.8 फीसदी हिस्से को वैक्सीन की दोनों डोज लगाई जा चुकी है. इसके अलावा रुस की 13.6फीसदी, फ्रांस की 38.5 फीसदी और इजरायल में 57 फीसदी लोगों को वैक्सीन लग चुका है।
पिछले सप्ताह की तुलना में इस सप्ताह जिसमें 55,000 से अधिक मौतें हुईं। विश्व स्तर पर रिपोर्ट किए गए मामलों की संख्या अब 186 मिलियन से अधिक है और मरने वालों की संख्या 4 मिलियन से अधिक है। दुनिया में कोरोना के मामले बढ़कर 18.82 करोड़ हो चुके हैं। जबकि इस महामारी से 40.5 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
दुनियाभर में 21 जून को 3,59,800 नए मामले मिले थे वहीं 14 जुलाई को यह आंकड़े बढ़कर 4,17,163 हो गए। एक रिपोर्ट के अनुसार, हाल के महीनों में, यूरोप और उत्तरी अमेरिका में जिस तरह से टीकाकरण दरों में वृद्धि हुई थी उससे नए मामलों में और मौतों में लगातार गिरावट हुई थी। लेकिन यूरोप के कई देशों और अमेरिका में तेजी से केस बढ़ रहे हैं। पूर्व में बांग्लादेश, म्यांमार जैसे देशों में मामले तेजी से सामने आए हैं।
डब्लूयएचओ के ताजा आंकडों के मुताबिक इस सप्ताह, अमेरिका को छोड़कर सभी क्षेत्रों में नए मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है। लेकिन यहां भी मामलों में गिरावट के बाद फिर से इजाफा होने लगा है। पिछले तीन हफ्तों में प्रति दिन नए मामलों की संख्या दोगुनी हो रही है। तेजी से फैलने वाले डेल्टा संस्करण टीकाकरण दरों में कमी और जुलाई में इकट्ठा हुई लोगों की भीड़ से है। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के अनुसार, कोविड -19 के केस इस सोमवार तक बढ़कर औसतन 23,600 हो गए थे जो 23 जून को 11,300 ही थे। हालांकि मौतों की संख्या में 11% की कमी आई है।
सीएसएसई के अनुसार, वैसे दुनिया के सबसे अधिक 33,946,217 मामलों और 608,104 मौतों की संख्या के साथ अमेरिका सबसे ज्यादा प्रभावित देश बना हुआ है। संक्रमण के मामले में भारत 30,946,074 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर है। ग्रीस, तुर्की, सीरिया जैसे देशों में सबसे अधिक वृद्धि (25%) दर्ज की गई। इसके बाद यूरोपीय क्षेत्र में 20% का इजाफा हुआ है। पिछले सप्ताह की तुलना में इस सप्ताह अफ्रीकी क्षेत्र में सबसे कम मामले आए हैं लेकिन इस केस की तुलना में मौतों की संख्या में 50% की वृद्धि दर्ज की गई है। दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में भी मौतों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई
कोरोना संक्रमित देशों को देखें तो यह बात समझ में आती है सभी देशों में एक समान पैटर्न नहीं है। जहां कुछ देशों स्पष्ट रूप से तीसरी लहर आ चुकी है। वहीं ब्राजील और कोलंबिया जहां दैनिक संक्रमण दर ज्यादा है वहां ऐसा नहीं है। कई लहरें देखने वाले देश जैसे यूएस, यूके, तुर्की में मामलों के पीक पर होने के बीच भी कोई समानता नहीं है।
डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि अफ्रीका में कोरोना की तीसरी लहर खराब हो सकती है क्योंकि नए और तेजी से फैलने वाले वेरिएंट संक्रमण को बढ़ाते है। अफ्रीका में पिछले सप्ताह नए मामले इस साल जनवरी में दूसरी लहर में दर्ज सबसे अधिक मामलों से आगे निकल गए हैं। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि 4 जुलाई को समाप्त सप्ताह में 251,000 से अधिक नए मामले दर्ज किए गए, जिससे यह “अब तक का सबसे खराब महामारी सप्ताह” बन गया। अफ्रीका के लिए डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक मात्शिदिसो मोएती कहते हैं, “सबसे खराब अभी आना बाकी है क्योंकि तेजी से आगे बढ़ने वाली तीसरी लहर गति और नई जमीन हासिल कर रही है।”
दुनियाभर में कोरोना ने आवाजाही पर सबसे ज्यादा प्रतिबंध लगा दिया है। जिससे सबसे ज्यादा परेशानी नौकरीपेशा, कामगारों और छात्रों को हो रही है। नागर विमानन महानिदेशालय ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर 31 जुलाई तक की पाबंदी लगाई हुई है। इसकी अवधि पहले जून में समाप्त हो रही थी। अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर बहुत सीमित संख्या में ही उड़ाने संचालितकी जा रही है। ऐसे में कोरोना के केसों के बढ़ने के कारण इन पाबंदियों को आगे तक भी बढ़ाए जाने की संभावना है। हजारों की संख्या में छात्र और नौकरीपेशा ब्रिटेन और अमेरिका जाने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन स्थिति में सुधार नहीं होने से अभी फिलहाल वहां नहीं जा पाने के कारण कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
सरकार ने विदेश जाने वालों के लिए अपने पासपोर्ट में वैक्सीन सर्टिफिकेट को लिंक कराने की सुविधा शुरु कर दी है। हालांकि यह सुविधा अभी केवल कोविशील्ड वैक्सीन के लिए है। जब तक कोवैक्स को डब्लूएचओ से मान्यता नहीं मिलती तब तक उन लोगों क लिए परेशानी बनी हुई है जिन्होंने कोवैक्स की डोज ली है। इस्राइल के मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आगमन की निगरानी के लिए पहली बार एक “कोरोनावायरस आयुक्त” नियुक्त किया गया है। सरकार ने पहले ही टीकाकरण वाले पर्यटकों के लिए देश को फिर से खोलने की योजना को स्थगित कर दिया है। संभावना है कि दूसरे देश भी इस तरह हवाई अड्डों पर कोरोना की जांच के लिए कोरोनावायरस अधिकारी नियुक्त कर सकते हैं। सबसे पहले यह वैरिएंट ब्रिटेन में पाया गया था। भारत में यह वैरिएंट अक्टूबर महीने में मिला था। भारत को तहस-नहस करने के बाद ये वेरिएंट अब अमेरिका, ब्रिटेन, इंडोनेशिया, इजरायल, रूस, ईरान, कोलंबिया और एशिया और अफ्रीका के कई देशों में पहुंच चुका है। डेल्टा वैरिएंट के बी.1.1.7 वैरिएंट की तुलना में 50 फीसदी अधिक संक्रमित करता है। डेल्टा वैरिएंट उन लोगों को भी प्रभावित कर सकता है जिन्हें पहले ही संक्रमण हो चुका है। (एजेंसियां)