हैदराबाद : इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) में फंसी भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स वापस जल्द ही धरती आने वाली हैं। सुनीता और एस्ट्रोनॉट बुच विल्मोर को धरती पर लेकर लाने के लिए अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा और स्पेसएक्स ने एक मिशन लॉन्च किया है। ये दोनों नौ महीने से आईएसएस पर फंसे हुए हैं।
मिशन में फाल्कन 9 रॉकेट ने क्रू-10 मिशन के तहत ड्रैगन अंतरिक्ष यान को ले जाया गया। इस मिशन ने चार नए अंतरिक्ष यात्रियों को भी आईएसएस भेजा है। इनमें नासा के ऐनी मैकक्लेन और निकोल एयर्स, JAXA के ताकुया ओनिशी और रोस्कोस्मोस के किरिल पेस्कोव शामिल हैं।

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर पिछले साल जून में आईएसएस पहुंचे थे। उन्हें वहां लगभग एक हफ्ते रहना था, लेकिन किसी कारणवश वे नौ महीने तक वहां फंसे रहे। अब क्रू-10 मिशन उन्हें वापस धरती पर लाएगा। यह स्पेसएक्स का दसवां क्रू रोटेशन मिशन है। आईएसएस के कमर्शियल क्रू प्रोग्राम के तहत आईएसएस के लिए यह ग्यारहवीं क्रू फ्लाइट है। इसमें डेमो-2 टेस्ट फ्लाइट भी शामिल है।
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लॉन्च से पहले, अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने एक वीडियो संदेश में नासा के स्पेसएक्स क्रू-10 के लिए समर्थन व्यक्त किया। फॉक्स न्यूज के अनुसार, एक्स पर पोस्ट किए गए वीडियो में हेगसेथ ने कहा, “मैं बस एक पल के लिए कहना चाहता हूं कि हम आपके लिए प्रार्थना कर रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा, “हम आप सभी के लिए शुभकामनाएं देते हैं, और हम जल्द ही आप सभी का घर में स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं।”
हेगसेथ ने आगे कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप ने एलन मस्क से कहा, ‘अंतरिक्ष यात्रियों को घर ले आओ और अभी करो’ और वे जवाब दे रहे हैं।” फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा, “और वे नासा के अंतरिक्ष यात्रियों को वापस ला रहे हैं, जो रिटायर्ड यूएस नेवी कैप्टन बुच विल्मोर और रिटायर्ड यूएस नेवी कैप्टन सुनी विलियम्स भी हैं।”
इस मिशन में चार नए अंतरिक्ष यात्री आईएसएस पर कई वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे। इससे अंतरिक्ष के बारे में हमारी समझ बढ़ेगी। आईएसएस एक अनोखी वैज्ञानिक प्रयोगशाला है जो पृथ्वी से लगभग 400 किलोमीटर ऊपर घूमती है। यहां गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव बहुत कम होता है। यह वातावरण वैज्ञानिकों को ऐसे प्रयोग करने का मौका देता है जो धरती पर संभव नहीं हैं। आईएसएस में कई देशों के अंतरिक्ष यात्री एक साथ काम करते हैं। (एजेंसियां)
భూమికి తిరిగి రానున్న సునీతా విలియమ్స్
హైదరాబాద్ : ISS లో చిక్కుకున్న సునీతా విలియమ్స్ ను భూమికి తీసుకువచ్చే ప్రక్రియ వేగవంతం అయింది. దాదాపు 9 నెలలుగా అంతరిక్షంలోనే ఉన్న వ్యోమగాములు సునీతా విలియమ్స్, విల్మోరోలు మరికొన్ని రోజుల్లోనే అంతరిక్షం నుంచి భూమికి తిరిగి రానున్నారు. వారి రాక కోసం యావత్ ప్రపంచం ఎదురుచూస్తోంది. తొమ్మిది నెలలపాటు అంతర్జాతీయ అంతరిక్ష కేంద్రంలోనే ఉన్న వ్యోమగాములు సునీతా విలియమ్స్, విల్మోర్ను తీసుకురావడానికి అమెరికా ముమ్మర ప్రయత్నాలు చేస్తోంది.
ఇప్పటికీ నాసాతోపాటు ఎలాన్ మస్క్ కంపెనీ స్పేస్ ఎక్స్ కలిసి చేసిన ప్రయత్నాలు కొలిక్కిరాలేదు. మొన్ననే ఫాల్కన్-9 రాకెట్ ప్రయోగం కూడా చివరి నిమిషంలో వాయిదా పడింది. అయితే 24 గంటల్లోనే సీన్ మారింది. క్రూ-10 మిషన్ను ప్రయోగిస్తున్నట్లు నాసా, స్పేస్ ఎక్స్ ప్రకటించాయి.
సునీతా విలియమ్స్ ఇక ఊపిరి పీల్చుకో.. తొమ్మిదినెలల తర్వాత, మరికొద్దిరోజుల్లో నువ్వు భూమ్మీదకు రాబోతున్నావ్.. అంటూ నాసా- స్పేస్ ఎక్స్ పేర్కొన్నాయి. శనివారం తెల్లవారుజామున 4.30కి అంతరిక్షంలోకి క్రూ-10 మిషన్ను పంపించనున్నారు. ఫ్లోరిడాలోని కెన్నడీ స్పేస్ సెంటర్ నుంచి ఈ రాకెట్ను లాంచ్ చేస్తున్నారు.
క్రూ-10లో నాసా, జపాన్, రష్యాకు చెందిన నలుగురు వ్యోమగాములు వెళ్తున్నారు. వారు వెళ్లి అంతర్జాతీయ అంతరిక్ష కేంద్రంలో ఉన్న సునీతా, విల్మోర్లను తీసుకురానున్నారు. ఈ నెల 20వ తేదీ తర్వాత సునీతా విలియమ్స్ భూమిపై అడుగుపెట్టే అవకాశం ఉందని తెలుస్తోంది. (ఏజెన్సీలు)