सूत्रधार : धूमधाम से मनाया गया चतुर्थ वार्षिकोत्सव समारोह, इन कवि व साहित्यकारों ने लिया हिस्सा और दिया यह संदेश

हैदराबाद (सरिता सुराणा की रिपोर्ट) : सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था, हैदराबाद, भारत द्वारा ‘चतुर्थ वार्षिकोत्सव समारोह’ के अवसर पर त्रिदिवसीय कार्यक्रमों का ऑनलाइन आयोजन किया गया। संस्थापिका सरिता सुराणा ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी।

प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार समारोह के पहले दिन नन्हे-मुन्ने बाल साहित्यकारों के लिए राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का शानदार आयोजन किया गया। जिसमें विशेष प्रतिभाशाली बच्चों ने भाग लिया। रांची, झारखंड से नौवीं कक्षा के विद्यार्थी अंशुमान मिश्रा, जो ‘जिन्दगी के रास्ते पर’ पुस्तक के लेखक हैं और बहुत अच्छे कवि हैं ने इस कवि सम्मेलन में अपनी स्वरचित कविताओं का पाठ किया। इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल पुस्तक- Sam’s Dino World :The Dino Factia के नन्हे लेखक सान्निध्य वर्मा ने अपनी अंग्रेजी कविताओं का पाठ बड़े ही जोश के साथ किया।

बास्केटबॉल खिलाड़ी, शास्त्रीय नृत्य और बैले डांस में प्रवीण उत्कृष्ट लेखिका सुश्री सन्निधि वर्मा ने स्वरचित शिव महिमा का गान करके श्रोताओं का मन मोह लिया। उदयपुर से किशोर वय कवयित्री और अंतरराष्ट्रीय कराटे चैंपियनशिप में कांस्य पदक विजेता सुश्री मृणाल जोशी ने स्वरचित कविताओं का बहुत ही शानदार ढंग से पाठ किया। नन्ही शिवात्मिका शर्मा ने हिन्दी और अंग्रेजी भाषा में स्वरचित रचनाओं का वाचन किया। श्रोता गण इन बाल लेखकों की प्रतिभा को देखकर मंत्रमुग्ध हुए बिना नहीं रह सके। सरिता सुराणा ने सभी सहभागियों और श्रोताओं का हार्दिक आभार व्यक्त किया।

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दूसरे दिन ‘बहुभाषी कवि सम्मेलन’ का आयोजन किया गया। सरिता सुराणा ने सभी सम्मानित अतिथि गणों को मंच पर आमंत्रित किया। इस कवि सम्मेलन की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार एवं समाज सेवी डॉ अहिल्या मिश्र ने की। पुष्पक साहित्यिकी पत्रिका की सम्पादक साहित्यकार डॉ आशा मिश्र ‘मुक्ता’ मुख्य अतिथि के रूप में मंचासीन थीं। कोलकाता से वरिष्ठ साहित्यकार श्रीमती विद्या भण्डारी और कवयित्री एवं नाट्य कर्मी सुश्री नीता अनामिका, अहमदाबाद से वरिष्ठ साहित्यकार एवं विभिन्न भाषाओं की ज्ञाता आभा मेहता ‘उर्मिल’ विशेष अतिथि के रूप में मंच पर आसीन थीं।

श्रीमती रिमझिम झा की सरस्वती वन्दना से कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ। तत्पश्चात् सरिता सुराणा ने सभी अतिथियों का शब्द पुष्पों से स्वागत किया। संस्था की वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्रीमती ज्योति गोलामुडी ने संस्था के 4 वर्षों के कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी प्रदान की। अपने उद्बोधन में डॉआशा मिश्र ‘मुक्ता’ ने कहा कि हैदराबाद में बहुत साहित्यिक संस्थाएं काम कर रही हैं लेकिन सूत्रधार संस्था ने इन 4 वर्षों में अपनी अलग पहचान बनाई है।

मंचासीन विशेष अतिथियों ने संस्था के चतुर्थ वार्षिकोत्सव समारोह पर अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की। अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ अहिल्या मिश्र ने कहा कि सूत्रधार संस्था वास्तव में देश-विदेश से साहित्यकारों को जोड़ने का अच्छा कार्य कर रही है। बड़े साहित्यकारों के साथ-साथ बाल कलाकारों और कवियों को मंच प्रदान करना बहुत अच्छी बात है। ऑनलाइन माध्यम से कार्यक्रम करने पर हम कहीं से भी उसमें जुड़ सकते हैं। उन्होंने संस्था के प्रति अपनी शुभकामनाएं दीं और सभी सहभागियों को आशीर्वाद प्रदान किया।

इस बहुभाषी कवि सम्मेलन में इन साहित्यकारों ने काव्य पाठ किया- हैदराबाद से हर्षलता दुधोड़िया ने राजस्थानी भाषा, सस्मिता नायक ने उड़िया भाषा, भावना पुरोहित ने गुजराती, अमिता श्रीवास्तव, विनीता शर्मा, भगवती अग्रवाल, ज्योति गोलामुडी, तृप्ति मिश्रा ने हिन्दी, रांची, झारखंड से कल्याणी झा ने मैथिली, सिलीगुड़ी से भारती बजाज बिहानी ने हिन्दी, सुनीता लुल्ला और दर्शन सिंह ने पंजाबी, मुम्बई से कुसुम सुराणा ने मारवाड़ी, तिरुपुर, तमिलनाडु से मंजू सेठिया, इन्दौर से ममता सक्सेना, बैंगलुरू से अमृता श्रीवास्तव, कोलकाता से सुशीला चनानी, विद्या भण्डारी और नीता अनामिका ने हिन्दी में काव्य पाठ किया। कटक, उड़ीसा से श्रीमती रिमझिम झा ने भोजपुरी भाषा में, अहमदाबाद से आभा मेहता ‘उर्मिल’ ने गुजराती भाषा में और सपना श्रीपत व्यास और सरिता सुराणा ने राजस्थानी, आर्या झा ने मैथिली में काव्य पाठ किया।

डॉ आशा मिश्र ‘मुक्ता’ ने शिव और शक्ति विषय पर अपनी सार्थक रचना का पाठ किया। अध्यक्षीय टिप्पणी देते हुए डॉ अहिल्या मिश्र ने कहा कि ‘यह सही अर्थों में बहुभाषी कवि सम्मेलन है। विविध भारतीय भाषाओं में सभी सदस्यों ने इतनी शानदार रचनाओं का पाठ किया, मन आनंदित हो गया। सबकी रचनाएं अति उत्तम थीं, सबको बहुत-बहुत बधाई और संस्था को ऐसे आयोजन हेतु बहुत-बहुत साधुवाद। उन्होंने अपनी ओजस्वी वाणी में सार्थक रचनाओं का पाठ किया। एडवोकेट अमृता श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापित किया। अहिल्या मिश्र ने कवि सम्मेलन के समापन की घोषणा की।

वार्षिकोत्सव के तीसरे दिन आयोजित ‘राष्ट्रीय युगल साहित्यकार कवि सम्मेलन’ बहुत ही उल्लासपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ। वरिष्ठ साहित्यकार एवं मीडिया विशेषज्ञ, पूर्व उप महानिदेशक आकाशवाणी श्री लक्ष्मीशंकर वाजपेयी और वरिष्ठ अंतरराष्ट्रीय कवयित्री डॉ ममता किरण ने इस कवि सम्मेलन की अध्यक्षता की। वरिष्ठ साहित्यकार एवं यूनिक ग्लोबल मार्केटिंग टीम हैड श्री राकेश नमित और वरिष्ठ अंतरराष्ट्रीय कवयित्री एवं भारत सरकार की राजपत्रित अधिकारी डॉ. नमिता राकेश मुख्य अतिथि के रूप में मंचासीन हुए। वरिष्ठ साहित्यकार, कवि एवं समालोचक प्रोफेसर डॉ ऋषभदेव शर्मा और वरिष्ठ साहित्यकार एवं प्राध्यापिका डॉ पूर्णिमा शर्मा, वरिष्ठ साहित्यकार एवं मुख्य सम्पादक मंथन फीचर्स श्री मनोज अबोध और वनिता पत्रिका की मुख्य डेस्क सम्पादक, वरिष्ठ कवयित्री रूबी मोहन्ती विशेष अतिथि के रूप में मंच पर आसीन थे।

सभी साहित्यकारों ने गीत, ग़ज़ल, मुक्तक, कविता, माहिया और दोहों की शानदार प्रस्तुति देकर कवि सम्मेलन में समां बांध दिया। सरिता सुराणा ने कन्या भ्रूण हत्या पर आधारित अपनी रचना का पाठ किया। अध्यक्षीय टिप्पणी देते हुए लक्ष्मीशंकर वाजपेयी ने कहा कि आज़ जब इतनी विसंगतियों, इतनी घृणा और वैमनस्य का दौर है, ऐसे वातावरण में कविता की बहुत आवश्यकता है। उन्होंने सभी सहभागी साहित्यकारों की रचनाओं पर अपनी सकारात्मक टिप्पणी प्रस्तुत की और समसामयिक घटनाचक्र पर आधारित ग़ज़लें और माहिए प्रस्तुत किए। सरिता सुराणा ने सभी के प्रति हार्दिक कृतज्ञता ज्ञापित की। अध्यक्षीय अनुमति से कार्यक्रम के समापन की घोषणा की गयी।

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