हैदराबाद : छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले स्थित एडेसमेट्टा गांव में 8 आदिवासियों की हत्या मामले में न्यायिक आयोग की रिपोर्ट आ गई है। 2013 में सीआरपीएफ के जवानों ने आदिवासियों को नक्सली बताकर गोली चलाई थी। गोलीबारी में 8 आदिवासी मारे गये थे। इस मामले में न्यायिक आयोग की रिपोर्ट आ गई है। रिपोर्ट में मुठभेड़ को फर्जी करार दिया गया है।
साथ ही कहा गया है कि स्थानीय त्योहार मनाने वाले आदिवासियों पर दहशत में गोलियां चलाई होंगी। सीएम भूपेश बघेल ने सोमवार को न्यायमूर्ति वीके अग्रवाल आयोग की रिपोर्ट विधानसभा में पेश की। पहली बार विधानसभा में इस रिपोर्ट को सार्वजनिक की गई है। मानवधिकार संगठनों ने रिपोर्ट पर प्रसन्नता जाहिर की है।
न्यायिक आयोग की सिफारिशों पर की गई कार्रवाई के बारे में बताया गया कि सामान्य प्रशासन विभाग ने पीड़ित परिवारों को राहत प्रदान करने की सिफारिश की थी। इसके लिए एक पांच सदस्यीय समिति गठित करने करने का आदेश 7 दिसंबर को जारी किया गया था। गृह मंत्रालय विभाग ने पहले कैबिनेट के समक्ष एक कार्रवाई रिपोर्ट पेशी की थी। इसमें कहा गया था कि सीबीआई अब मामले की जांच कर रही है।
गौरतलब है कि यह घटना 17-18 मई 2013 की दरमियानी रात की है। बीजापुर जिला मुख्यालय से लगभग 30 किमी दूर और रायपुर से 440 किमी दक्षिण में जंगल की बस्ती एडेसमेट्टा में हुई थी। स्थानीय लोगों का एक समूह बीज पांडम आदिवासी उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुआ था। इसे देख करीब एक हजार सुरक्षाकर्मियों ने गोलीबारी शुरू कर दी थी। गोलीबारी में 8 आदिवासी मारे गये थे। (एजेंसियां)