हैदराबाद : दुष्कर्म की शिकार नाबालिग के गर्भवती होने के मामले में तेलंगाना हाईकोर्ट ने बड़ा और क्रांतिकारी फैसला सुनाया है। नाबालिग और उसकी मां के अनुरोध पर गर्भपात कराने की अनुमित देते हुए फैसला सुनाया है।
गौरतलब है कि 16 साल की नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया गया। परिणामस्वरूप नाबालिग गर्भवती हो गई। इसके चलते पीड़िता अबॉर्शन कराने के लिए अस्पताल गई। लेकिन डॉक्टरों ने गर्भपात कराने से मना कर दिया। इसके चलते पीड़िता और उसकी मां ने गर्भपात की अनुमति देने के आग्रह करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
मामले की सुनवाई कर रहे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी विजयसेन रेड्डी ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि नाबालिग को अवांछित गर्भपात कराने का अधिकार है। साथ ही कहा कि दुष्कर्म पीड़िता के अधिकार भ्रूण के अधिकारों से अधिक महत्वपूर्ण हैं। कोठी प्रसव अस्पताल के अधीक्षक को निर्देश दिया कि विशेषज्ञों की देखरेख में सभी सावधानियां बरतते हुए नाबालिग के 26 सप्ताह के भ्रूण को हटा दें।