तेलंगाना में चुनाव की सरगर्मियां तेज, इसीलिए है बीजेपी सबसे आगे

हैदराबाद : तेलंगाना चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई है। हर राजनीतिक दल में चुनाव को लेकर ही चर्चा हो रही है। इनमें सबसे आगे बीजेपी है। यूं कहा जाये तो बीजेपी चुनाव को लेकर काफी उत्सुक है। जैसे ही गुजरात में विधानसभा चुनाव खत्म होते ही बीजेपी तेलंगाना में अब अगले साल होने वाले चुनाव पर फोकस किया है। इसी तैयारियों के तहत तेलंगाना में पार्टी को मजबूती बनाने की योजना बना रही है।

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 16 दिसंबर को एक जनसभा को संबोधित करने के लिए तेलंगाना का दौरे पर आ रहे है। बीजेपी के तेलंगाना अध्यक्ष बंडी संजय की ‘प्रजा संग्राम यात्रा’ पांचवें चरण की समाप्त के दिन करीमनगर में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी और एमएलसी के कविता का नाम दिल्ली शराब नीति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय की जांच में आने के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो उन्हें नोटिस दिया। इसी मुद्दे पर बीजेपी सही वक्त मान रही है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेलंगाना के मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और अन्य नेताओं के खिलाफ अलग-अलग मामलों में केंद्रीय एजेंसियों की ओर से की जा रही छापेमारी से टीआरएस पहले से ही परेशान है। बीजेपी इस स्थिति को राजनीतिक रूप से भुनाने की कोशिश कर रही है। पिछले दिनों अनेक जनसभाओं में बीजेपी नेताओं ने केसीआर सरकार को पूरे देश में सबसे बड़ा भ्रष्ट बताया था। दुब्बाका और हुजुराबाद विधानसभा सीटें जीतने के बाद बीजेपी मुनुगोडु सीट जीतकर हैट्रिक बनाना चाह रही थी, लेकिन टीआरएस ने कड़े मुकाबले वाले उपचुनाव में जीत हासिल कर बीजेपी की योजना को विफल कर दिया। फिर भी टीआरएस के शीर्ष नेताओं के खिलाफ ईडी, सीबीआई और आईटी एजेंसियों की ओर से किये जा रहे छापे बीजेपी को मददगार साबित हुए हैं।

टीआरएस अक्टूबर में बीजेपी के तीन कथित एजेंटों की गिरफ्तारी के जवाब में छापे को देख रही हैं। टीआरएस के चार विधायकों को बड़ी रकम की पेशकश के साथ बीजेपी में शामिल होने की कोशिश की गई। जांच के दौरान बीजेपी महासचिव बी एल संतोष और दो अन्य का नाम सामने आने के बाद राज्य पुलिस के विशेष जांच दल ने न केवल उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया, बल्कि उन्हें आरोपी के रूप में मामले में शामिल कर लिया। विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले की राज्य की ओर से जांच की जा रही है और केंद्रीय एजेंसियों की ओर से की गई छापेमारी ने तेलंगाना में राजनीतिक गर्मी पैदा कर दी है।

तेलंगाना बीजेपी के अध्यक्ष की ओर से चल रही प्रजा संग्राम यात्रा (पदयात्रा) और 16 दिसंबर को नड्डा की ओर से संबोधित की जाने वाली विशाल जनसभा में आग में घी डाले जाने की संभावना है। पुलिस ने भैंसा से बंडी की पदयात्रा शुरू करने और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की ओर से संबोधित की जाने वाली जनसभा को भी अनुमति देने से इनकार कर दिया। इसके चलते पुलिस कार्रवाई को चुनौती देने वाली बीजेपी की याचिका पर तेलंगाना हाई कोर्ट ने पदयात्रा की सशर्त अनुमति दी थी। पदयात्रा के भाषणों के दौरान संजय ने बीजेपी अपने मिशन 2023 चुनाव को ध्यान में रखकर किया और कर रही है। संजय ने बीजेपी को गरीबों के लिए काम करने वाली पार्टी, हिंदू धर्म और हिंदू भाइयों की रक्षा करने वाली बताया है।

बीजेपी नेता ने केसीआर और कविता पर हमला करते हुए टिप्पणी की है कि दिल्ली शराब घोटाले में सीबीआई की ओर से उन्हें नोटिस जारी किए जाने के बाद पिता और बेटी दोनों परेशान है। साथ ही चेतावनी दी है कि केसीआर और कविता को कोई नहीं बचा सकता। भ्रष्ट परिवार को जेल में डालेंगे। कुल मिलाकर बीजेपी और टीआरएस के बीच जारी बयानबाजी चुनाव की तैयारी दर्शाता है। (एजेंसियां)

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