हैदराबाद: तेलंगाना सशस्त्र संघर्ष सेनानी मल्लू स्वराज्यम (91) का निधन हो गया है। स्वास्थ्य समस्याओं के चलते केयर अस्पताल में भर्ती किया गया। इलाज के दौरान शनिवार शाम को स्वराज्यम ने अंतिम सांस ली। सशस्त्र संघर्ष आंदोलन में बंदूक रखने वाली मल्लू स्वराज्यम पहली महिला थीं।
तेलंगाना सशस्त्र सेनानी और स्वतंत्रता आंदोलन में मुख्य भूमिका निभाने वाली मल्लू स्वराज्यम का जन्म 1931 में सूर्यापेट जिले के तुंगतुर्ती निर्वाचन क्षेत्र के करिविराला कोत्तागुडेम गांव निवासी भीमिरेड्डी रामिरेड्डी- चोक्कम्मा दंपत्ति के घर हुआ था। उनके पास सैकड़ों एकड़ जमीन थी। वह एक सामंती परिवार से ताल्लुक रखती हैं।

1945-46 में तेलंगाना सशस्त्र संघर्ष के दौरान निज़ाम सरकार को नाक में दम कर रखा था। 1947-46 में निजाम गुंडों ने स्वराज्यम की मकान को आग लगा दी थी। मल्लू स्वराज्यम ने आदिलाबाद, वरंगल और करीमनगर जिलों में सशस्त्र संघर्ष में भाग लिया। तब कुलीन वर्ग के अहंकार को गीतों के माध्यम से पुनर्जीवित किया था। स्वराज्यम एक महिला कमांडर के रूप में कार्य किया था।

तत्कालीन निजाम सरकार ने मल्लू स्वराज्यम को पकड़े वालों को दस हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की थी। आंध्र महासभा के आह्वान पर उन्होंने अपने खेत में पके धान को गरीबों में बांट दिया था। उनके पति मल्लू वेंकट नरसिम्हा रेड्डी सीपीएम केंद्रीय समिति के सदस्य थे और लंबे समय तक संयुक्त नलगोंडा जिला सचिव के रूप में कार्य किया था।

उनके भाई भीमिरेड्डी नरसिम्हा रेड्डी तत्कालीन मिर्यालगुडा संसद निर्वाचन क्षेत्र से दो बार सांसद चुने गये। आंध्र प्रदेश विधान सभा के लिए नलगोंडा जिले के तुंगतुरती निर्वाचन क्षेत्र से विधायक के रूप में कार्य किया। उन्होंने 1978 से 1983 तक पहली बार और दूसरी बार 1983 से 1984 तक ए दूसरी बार सीपीएम विधायक के रूप में कार्य किया। मिर्यालगुडा ने संसद के लिए चुनाव लड़ा और कम अंतर से हार का सामना पड़ा। मल्लू स्वराज्यम ने संयुक्त आंध्र प्रदेश में शराब बंदी आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाई थी।

स्वराज्यम ने अखिल भारतीय लोकतांत्रिक महिला संघ के पांचवें राज्य और राष्ट्रीय स्तर के नेता के रूप में कार्य किया। मल्लू स्वराज्यम की बेटी पादुरी करुणा और बेटा मल्लू गौतम रेड्डी और मल्लू नागार्जुन रेड्डी हैं। उनकी छोटी बहु मल्लू लक्ष्मी ने पिछले संसदीय चुनाव में नलगोंडा सांसद के रूप में चुनाव लड़ा था। मल्लू के सबसे बड़े बेटे मल्लू गौतम रेड्डी सीपीएम पार्टी नलगोंडा जिला समिति के सदस्य हैं और उनके सबसे छोटे बेटे मल्लू नागार्जुन रेड्डी सीपीएम सूर्यपेटा जिला सचिव हैं।

केसीआर ने जताया शोक
सीएम केसीआर ने मल्लू स्वराज्यम के निधन पर शोक व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मल्लू स्वराज्यम एक महिला योद्धा है। जीवन भर लोगों के लिए अथक परिश्रम किया है। उनकी जीवन की यात्रा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायी है। मल्लू स्वराज्यम जैसी महिला नेता का जाना तेलंगाना के लिए बहुत बड़ी क्षति है। सीएम केसीआर ने उनके परिवार के सदस्यों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। टीपीसीसी अध्यक्ष रेवंत रेड्डी ने स्वराज्यम के निधन पर शोक जताया है।
అణగారిన వర్గాలను చైతన్యపరిచి…
— Revanth Reddy (@revanth_anumula) March 19, 2022
నైజాం సర్కారుకు వ్యతిరేకంగా పోరాడి…
ఎందరికో స్ఫూర్తిదాయకంగా నిలిచి…
నిష్క్రమించిన కామ్రేడ్ మల్లు స్వరాజ్యం గారి మరణం తీరని లోటు…
వారితో నాకున్న అనుబంధాన్ని గుర్తు చేసుకుంటూ లాల్ సలాం… pic.twitter.com/dtprlIP9zs