हैदराबाद (सरिता सुराणा की रिपोर्ट): सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था, भारत, हैदराबाद द्वारा 47 वीं मासिक गोष्ठी बसन्तोत्सव के रूप में ऑनलाइन आयोजित की गई। संस्थापिका सरिता सुराणा ने सभी सम्मानित सदस्यों का हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन किया। यह गोष्ठी विशेष रूप से उन सदस्यों के लिए आयोजित की गई थी, जो देश भर से संस्था से जुड़े हुए हैं। संस्था सचिव आर्या झा द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वन्दना से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ।
सरिता सुराणा ने संस्था की आगामी योजनाओं और कार्यकारिणी समिति की बैठक के बारे में जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि संस्था द्वारा शीघ्र ही ऑनलाइन त्रैमासिक पत्रिका का प्रकाशन प्रारम्भ किया जायेगा। समस्त सदस्यों ने उनकी घोषणा का करतल ध्वनि से स्वागत किया और अपना सम्पूर्ण सहयोग देने का विश्वास दिलाया।
उन्होंने प्रख्यात कवि श्री कुँअर बेचैन के गीत- ओ बासंती पवन हमारे घर आना के पाठ से काव्य गोष्ठी को प्रारम्भ किया। तत्पश्चात् हैदराबाद से श्रीमती किरन सिंह, श्रीमती सोनी कुमारी, श्रीमती चुंडूरी कामेश्वरी, श्रीमती भावना पुरोहित, श्रीमती हर्षलता दुधोड़िया, श्रीमती ज्योति गोलामुडी, डॉ संगीता जी. शर्मा और दर्शन सिंह ने गणतंत्र दिवस, श्रीराम जन्मभूमि शिलान्यास पर आधारित रचनाएं और बसन्त ऋतु पर आधारित रचनाओं का सस्वर पाठ करके गोष्ठी में कवि सम्मेलन जैसा समां बांध दिया।
इस गोष्ठी में कोलकाता, पश्चिम बंगाल से श्रीमती हिम्मत चौरड़िया और श्रीमती सुशीला चनानी, कटक, उड़ीसा से श्रीमती रिमझिम झा, इन्दौर, मध्य-प्रदेश से श्रीमती ममता सक्सेना, मुम्बई, महाराष्ट्र से श्रीमती कुसुम सुराणा और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह से डाॅ आशा गुप्ता आशु ने अपनी शानदार काव्य प्रस्तुतियों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। आर्या झा ने बहुत ही कुशलतापूर्वक काव्य गोष्ठी का संचालन किया और संस्था की गतिविधियों की संक्षिप्त जानकारी प्रदान की।
उसके बाद अध्यक्ष ने उन्हें काव्य पाठ हेतु आमंत्रित किया। उन्होंने अपनी शानदार रचना प्रस्तुत की। अंत में सरिता सुराणा ने अध्यक्षीय काव्य पाठ प्रस्तुत करते हुए अपनी रचना- सखी बसन्त आया का पाठ किया। भावना पुरोहित के धन्यवाद ज्ञापन से गोष्ठी सम्पन्न हुई।