हैदराबाद (सरिता सुराणा की चौथे दिन की रिपोर्ट) : सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था, भारत हैदराबाद द्वारा आयोजित ‘नौ दिवसीय मातृ-भक्ति गीत महोत्सव’ में चौथे दिन माता कुष्मांडा की आराधना हेतु देश के कोने-कोने से भक्तों ने माता के दरबार में अपनी गरिमामय उपस्थिति दी। सरिता सुराणा ने माता के श्लोकों से कार्यक्रम का शुभारम्भ किया और सवाई माधोपुर, राजस्थान से ख्याति प्राप्त साहित्यकार डॉ मदन मोहन शर्मा जी को अध्यक्षता करने हेतु मंच पर सादर आमंत्रित किया।
डॉ मदन मोहन ने दतिया, मध्य-प्रदेश से कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में जुड़े श्री विनोद मिश्रा और अण्डमान निकोबार द्वीप समूह से डॉ आशा गुप्ता को भी मंच पर आमंत्रित किया। विनोद मिश्रा जी ने बुन्देली भाषा में कई मातृ भक्ति गीत प्रस्तुत किए और साथ ही साथ मां पीतांबरा और धूमावती माता की पीठ के ऐतिहासिक महत्त्व के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। तत्पश्चात् कोलकाता से श्रीमती हिम्मत चौरड़िया ने अपनी मातृभाषा मारवाड़ी में बहुत ही सुन्दर भावपूर्ण भजन प्रस्तुत किया।
आशा गुप्ता ने मैया को अपने आंगन में पधारने की विनती करते हुए बहुत ही सुन्दर भजन प्रस्तुत किया। कटक, उड़ीसा से श्रीमती रिमझिम झा ने अपनी माता को मां का दर्जा देते हुए उनके सम्मान में अपना गीत प्रस्तुत किया। सरिता सुराणा ने अपना गीत- माता के भक्तों ने दरबार लगाया है, की सुन्दर प्रस्तुति दी।
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अंत में अध्यक्षीय टिप्पणी देते हुए डॉ.मदन मोहन शर्मा जी ने कहा कि भाषा और संस्कृति के विकास हेतु ऐसे गरिमामय आयोजन करने के लिए बहुत श्रम और समय की आवश्यकता होती है। सरिता सुराणा निस्वार्थ भाव से हम सभी को जोड़ती हैं और लगातार नौ दिन तक मातृ-भक्ति गीत महोत्सव का आयोजन करती हैं, इसके लिए मैं उन्हें बहुत-बहुत बधाई और साधुवाद देता हूं। उन्होंने बहुत ही सुन्दर एवं भावपूर्ण गीत और कुण्डलिया प्रस्तुत किए।
सरिता सुराणा ने सभी अतिथियों और श्रोताओं का हार्दिक आभार व्यक्त किया। श्रीमती रिमझिम झा ने कार्यक्रम का बहुत ही सुन्दर ढंग से संचालन किया और अंत में धन्यवाद ज्ञापन किया।