हैदराबाद : सुप्रीम कोर्ट से एक और महत्वपूर्ण फैसला आया है। सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को मणिपुर के पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता एरेन्ड्रो लेचुोंबाम को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है। पुलिस ने एरेन्ड्रो लेचुोंबाम (Erendro Leichomban) को एक विवादित फेसबुक पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पत्रकार के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) लगाया था।
पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता एरेंड्रो ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि गाय के गोबर और गोमूत्र से कोरोना का इलाज नहीं होता है। यह टिप्पणी तब की ती जब मणिपुर राज्य के बीजेपी नेता एस टिकेंद्र सिंह का कोरोना वायरस के कारण निधन हो गया था।
सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हम इस व्यक्ति को एक दिन भी जेल में रखने की इजाजत नहीं दे सकते। जस्टिस ने आगे कहा कि वह पत्रकार इसके लिए एक रात भी जेल में नहीं रह सकता। मगर एसजी की अपील पर रिहाई को कल तक के लिए टाल दिया गया है। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को हिरासत में रखना उसके जीने के अधिकार का उल्लंघन है।
इससे पहले इम्फाल वेस्ट के पुलिस सुपरिटेंडेंट के मेघचंद्र सिंह ने बताया है कि लिचोम्बम के खिलाफ IPC की धारा 153 ए के तहत गिरफ्तार किया गया है और उन पर दो समूहों के बीच धार्मिक और जातीय आधार पर नफरत फैलाने का आरोप है। उन्होंने बताया कि सोमवार को उन पर NSA लगाया गया है और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये उनकी पेशी के बाद उन्हें 4 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। इस वक्त वह इम्फाल जेल में बंद हैं। इंडियन पीनल कोड की धारा 153 ए के तहत अधिकतम 5 साल की जेल का प्रावधान है। (एजेंसियां)