हैदराबाद: रणनीतिकारों के आगमन से तेलंगाना में सियासत गरमा रही है। समय से पहले चुनाव प्रचार को लेकर सभी दल व्यस्त हो गये हैं। ऐसा लगता है कि तेलंगाना का भविष्य, पार्टियों की रणनीति और प्रति रणनीति को रणनीतिकार ही तय करने वाले हैं। ‘बीजेपी मुक्त भारत’ का नारा देने वाले सीएम केसीआर राष्ट्रीय स्तर पर एक मंच तैयार करने में जुटे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोधी गठबंधन की कोशिशें तेज कर दी हैं। भाजपा गैर-कांग्रेसी दलों के साथ गठबंधन करने के लिए देश में दौरा करने का फैसला किया है। इसी पृष्ठभूमि में तेलंगाना राजनीतिक माहौल अचानक बदल गया है। प्रशांत किशोर (PK) को टीआरएस ने पहले ही रणनीतिकार के रूप में मैदान में उतार चुकी है।
इसी क्रम में तेलंगाना में बहस चल रही है कि टीआरएस की विकल्प पार्टी कौन-सी है। उधर कांग्रेस और इधर बीजेपी दोनों ही टीआरएस का विकल्प होने का दावा कर रहे हैं। बीजेपी नेताओं साफ कर दिया हैं कि उन्हें रणनीतिकारों की जरूरत नहीं है। पार्टी कार्यकर्ता ही उनके रणनीतिकार हैं। टीआरएस को टक्कर देने की कांग्रेस पार्टी तैयारी कर रही है। कांग्रेस ने पहले ही डिजिटल सदस्यता पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पार्टी के नेताओं को 40 लाख सदस्यों को पंजीकृत की उम्मीद है। कांग्रेस का मानना है कि सदस्यता पंजीकरण के साथ रणनीतिकारों की रणनीति होती तो अच्छा होता। इसी के तहत कांग्रेस पार्टी ने प्रशांत किशोर के अनुयायी सुनील कनुगोल (SK) की सेवाएं लेने का मन बनाया है। सुनील का आंध्र प्रदेश से संबंध है। उनका जन्म विजयवाड़ा में हुआ।
सुनील का परिवार फिलहाल चेन्नई में रहता है। कहा जा रहा है कि सुनील पहले ही कई पार्टियों के लिए रणनीतिकार के रूप में काम कर चुके हैं। उनके बारे में यह भी कहा जाता है कि अनेक नेताओं को जीत दिला चुके है। इस बात को ध्यान रखते हुए कांग्रेस पार्टी सुनील को रणनीतिकार के रूप में नियुक्त कर लिया है। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने अभी तक इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की है।
कांग्रेस और टीआरएस की तरह रणनीतिकारों पर निर्भर रहने के बजाय बीजेपी अपने कार्यकर्ताओं पर विश्वास कर रही है। कहा जा रहा है कि पांच राज्यों के चुनावों के नतीजे आने के बाद राष्ट्रीय नेता और केंद्रीय मंत्री तेलंगाना के दौरे पर आने वाले हैं। बीजेपी तेलंगाना में 17 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए रणनीति बनाने जुट गई है। इसी के अंतर्गत तेलंगाना बीजेपी के अध्यक्ष बंडी संजय दूसरे चरण की पदयात्रा के साथ सभाओं की भी रणनीति बना रहे हैं। भाजपा को उम्मीद है कि अगले साल गुजरात और कर्नाटक में होने वाले चुनाव के साथ तेलंगाना में भी चुनाव कराने पर केसीआर फैसला ले सकते हैं। तेलंगाना में जब भी चुनाव हो बीजेपी सत्ता हासिल करने के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रही है। पहले से भी तेलंगाना में जोर पकड़ा है।
इसी तरह वाईएसआर तेलंगाना पार्टी पहले ही रणनीतिकार को नियुक्त किया है। तेलंगाना बहुजन समाज पार्टी इस बारे में कोई खुलासा नहीं किया है।