‘सोडियोन इनर्जी’- भारत में सोडियम-आयन आधारित बैटरी लॉन्च करने वाली पहली कंपनी
लिथियम की तुलना में सोडियम आयन बैटरी ज्यादा सुरक्षित
बेहतर सप्लाय चेन के साथ बी2बी मार्केट में ‘सोडियोन एनर्जी’ प्रवेश के लिए तैयार
भारत में सुरक्षित सोडियम आयन बैटरियों को लोकप्रिय बनाने के लिए मार्च 2024 से रोड शो की योजना
हैदराबाद: ‘सोडियोन एनर्जी’ देश में सोडियम आयन बैटरी और एप्लिकेशन लॉन्च करने वाली भारत की पहली कंपनी बन गई है। कंपनी ने हैदराबाद के सोमाजीगुडा स्थित होटल मर्क्यूर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने प्रमुख उत्पादों का प्रदर्शन किया। कंपनी के सह-संस्थापक बाला पचयप्पा ने दावा किया कि गहन अनुसंधान के बाद और सभी सुरक्षा मानकों के मुताबिक दोपहिया वाहन के लिए बैटरी, यूपीएस और स्टार्टर बैटरी की लॉन्चिंग की जा रही है।
पचयप्पा ने इस बात पर जोर दिया कि लिथियम बैटरी की तुलना में सोडियम आयन आधारित बैटरी के फटने की संभावना नगण्य होती है। हाल के दिनों में जिस तरह बैटरी वाहनों में लीथियम बैटरीज के फटने की खबरें आई हैं, उससे लोग डरे हुए हैं। जिसके जवाब में सोडियम आयन बैटरीज ज्यादा कारगर और सुरक्षित विकल्प साबित हो सकती है। कंपनी की योजना फिलहाल बी2बी बाजार में प्रवेश करने की है। सोडियोन एनर्जी के शीर्ष प्रबंधन ने लोगों को अपने बैटरी उत्पादों में बेहतर सुरक्षा उपायों और इसकी खूबियों की जानकारी देने के लिए आगामी मार्च से व्यापक रोड शो की योजना बनाई है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सोडियोन एनर्जी के सह-संस्थापक श्री बाला पचयप्पा पिछले 30 सालों से बैटरी प्रौद्योगिकी पर काम कर रहे हैं। श्री बाला प्रतिष्ठित कंपनी ‘एम्पीयर व्हीकल्स’ के संस्थापक भी हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आने वाले भविष्य में लिथियम आधारित बैटरी तकनीक की तुलना में सोडियम आयन आधारित बैटरी की मांग अधिक होगी। चूंकि सोडियम-आयन बैटरीज पर्यावरण के लिए अनुकूल है और इनमें शून्य वोल्टेज परिवहन की क्षमता है।
सोडियम बैटरी के लिए कच्चा माल यानी सोडियम हाइड्रॉक्साइड $300 से $800 प्रति मीट्रिक टन की दर पर उपलब्ध है, जबकि लिथियम हाइड्रॉक्साइड की कीमत $78,000 प्रति मीट्रिक टन है। कंपनी सोडियोन एनर्जी नेक्स्ट जेनरेशन के लिए सुरक्षित और उच्च गुणवत्ता वाली बैटरी विकसित कर रही है। खासकर दोपहिया और तिपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों में सोडियम आयन बैटरी की मांग आने वाले समय में बढ़ेगी।
यूके स्थित मार्केट रिसर्च कंपनी IDTechEx के मुताबिक सोडियम-आयन बैटरियों की वैश्विक मांग 27% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर के साथ बढ़ी है। बाजार की भारी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, सोडियोन एनर्जी ने उन्नत अनुसंधान एवं विकास और सुरक्षित प्रौद्योगिकी उपायों के साथ अपनी विश्वसनीयता स्थापित की है। सोडियोन एनर्जी की स्थापना प्रोफेसर सीसी हैंग, अध्यक्ष और पी बाला द्वारा की गई है, दोनों के पास तीन दशकों से अधिक समय से इलेक्ट्रिक वाहनों के डिजाइन और प्रौद्योगिकी में विशेषज्ञता है।
सोडियोन एनर्जी ने हाल ही में घरेलू और एक्सपोर्ट मार्केट की जरूरतों को पूरा करने के लिए सोडियम आयन बैटरी पैक बनाने के लिए कोयंबटूर में सिंगापुर की स्टार्ट-अप AR4 टेक के साथ साझेदारी की है। जैसे-जैसे सोडियम-आयन बैटरियों के लिए वैश्विक व्यावसायीकरण प्रयास तेज हो रहे हैं, यह उम्मीद की जाती है कि 2025 तक, लगभग 10 गीगावॉट सोडियम-आयन बैटरियां स्थापित की जाएंगी।
इलेक्ट्रिक 2 और 3-पहिया वाहनों का भारत के ईवी बाजार में 95% स्वामित्व है इनमें अधिकांश लीथियम आधारित बैटरी पर चलती हैं। खर्च को कम करने और बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इन वाहनों के आने वाले समय में सोडियम बैटरी अपनाने की उम्मीद की जा रही है। इसके अलावा सौर ऊर्जा, यूपीएस, ऑटोमोटिव स्टार्टर बैटरी आदि में भी बड़ी मात्रा में सोडियम आयन बैटरीज के इस्तेमाल का आकलन किया जा रहा है।
सोडियन एनर्जी के सह-संस्थापक और सीईओ बाला पचयप्पा सोडियम-आयन बैटरी की तुलनात्मक खूबियों पर चर्चा करते हैं। उन्होंने भारत में इसे बेहतर ढंग से अपनाने पर जोर दिया। ऐसा माना जाता है कि वर्ष 2026 तक बिजली भंडारण की जरूरतें पांच गुना बढ़ने वाली हैं। खासकर जब एक बड़ी आबादी इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाएगी तो सस्ती सोडियम आयन आधारित बैटरी की भारी खपत की गुंजाइश है।
सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में हाल के दिनों में लिथियम आयन बैटरी से जुड़े हादसों ने लोगों को डरा दिया है। सोडियोन एनर्जी इन आकस्मिक खतरों पर काबू पाने की पूरी गारंटी देती है। रिसाइकिल की क्षमता और पर्यावरण के अनुकूल होना खासियत के तौर पर गिनाई जा रही है।