संगारेड्डी बाल कल्याण विभाग को हैटसॉफ: हे बेदर्द मां ! शिशु को कूड़ेदान में नहीं, पालना में छोड़कर जाओ

हैदराबाद : अनहोनी हो या अनचाही प्रेग्नेंसी हो या पालन-पोषण करने की हिम्मत न हो या समाज की लाज से बचने के लिए हो !! कारण जो भी हो, जो शिशु अभी-अभी अपनी मां के गर्भ से बाहर निकले हैं, ऐसे शिशुओं को सड़क किनारे बने कूड़ेदानों या कांटों के पौधों में फेंक दिये जाने की घटनाएं इन दिनों बढ़ती ही जा रही हैं। जहां यह शिशु अपनी मां की गोद में आराम से सोने के बजाय कुत्तों और सूअरों का आहार बन रहे हैं।

यह सब देखकर स्तब्ध और विचलित होकर संगारेड्डी बाल कल्याण विभाग के अधिकारियों ने एक अभिनव कार्यक्रम चलाने का फैसला लिया है। शिशु को बोझ मानने वाले महिलाओं से प्रार्थना की है कि वो अपने शिशु कूड़ेदान में न फेंक दें। बल्कि उनकी ओर से बनाये गये पालना में डालकर चले जाने का आग्रह किया है। इस कार्य के लिए संगारेड्डी बाल कल्याण विभाग के अधिकारियों की जमकर तारीफ हो रही है।

आये दिनों में कूड़ेदान और सड़क किनारे कूड़ेदानों और कांटों को पौधों में बच्चों फेंकर जाने की घटनाओं को देख संगारेड्डी बाल कल्याण विभाग के अधिकारियों को दिल विचलित और स्तब्ध रह गया है। सड़क किनारे छोड़कर जाने वाले शिशुओं के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किया है। बाल कल्याण विभाग ने कार्यालय में एक पालना स्थापित किया। संगारेड्डी बाल कल्याण विभाग की पहल को हर कोई सलाम कर रहा है।

साथ ही अधिकारियों ने आह्वान किया है कि जो कोई भी शिशु को बोझ या अपमान समझते है तो वह अपने शिशु को कार्यालय में स्थापित पालना में छोड़कर जा सकते है। अपने शिशुओं को छोड़कर जाने वाले परिजनों का पता नहीं चल पाये इसीलिए कार्यालय के आसपास सीसीटीवी कैमरा भी नहीं लगाया है। इतना ही बाल कल्याण विभाग इसके लिए जागरूक कार्यक्रम में भी चला रही है। जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत बेकसूर शिशुकों को इस तरह बलि नहीं देने का बार-बार आग्रह कर रहे हैं।

बाल कल्याण विभाग के जिला अधिकारी पद्मावती, बालिका बचाओ अधिकारी रत्नम, एनजीओ के प्रतिनिधि व मानवीय अधिकारी डॉ चक्रपाणी, डॉ शंकर बाबू, कृष्ण कुमार, शिवकुमार, गायत्री, उदय कुमार आदि ने इस पालना को स्थापित किया है। पद्मावती ने बताया कि तेलंगाना सरकार के आगे आकर निराधार बच्चों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है। इसी के अंतर्गत जिले के सभी क्षेत्रीय अस्पतालों में जल्द ही पालना स्थापित किया जाएगा।

नौ महीने कोख में रखने वाली एक बेदर्द मां अपने शिशु को कुड़ेदानों में फेंककर जा रही है। ऐसे समय में शिशुओं को संगारेड्डी बाल कल्याण विभाग के अधिकारी उन शिशुओं को गले लगा रहे हैं। इस पहल को देखकर हर कोई संगारेड्डी बाल कल्याण विभाग के अधिकारियों को हैटसॉफ कर रहा है।

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