साहित्य सृजन कुटुंब: ‘माटी मेरे देश की’ लोकार्पित, कवि व सहित्यकार प्रदीप भट्ट ने की द्वितीय सत्र की अध्यक्षता

हैदराबाद: साहित्यिक संस्था साहित्य सृजन कुटुंब द्वारा गाँधी शान्ति प्रतिष्ठान (नई दिल्ली) में आयोजित कार्यक्रम में देश के कुल 52 मूर्धन्य साहित्यकारों एवम् प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा अपनी अपनी जन्मभूमि पर सृजित कविता/गीतों के संकलन ‘माटी मेरे देश की’ जिसका संपादन डॉक्टर सन्तोष सम्प्रिति के द्वारा किया गया है, का लोकार्पण वरिष्ठ सहित्यकार एवम् नाट्यकर्मी नरेश शांडिल्य, असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ़ पुलिस राजेंद्र कलकल, प्रमोद कुमार मिश्र ‘निर्मल’ एवं अन्य साहित्यकारों के करमलों द्वारा किया गया।

प्रथम सत्र के कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन, कुमारी अदिति शर्मा द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना तथा प्रियंका छाबड़ा द्वारा कथक के माध्यम से गणेश वंदना की अद्भुद प्रस्तुति से हुआ। माटी मेरे देश की अलावा बाहरवीं की छात्रा दिव्यांशी जांगिड़ की प्रथम पुस्तक का भी लोकार्पण किया गया। दिव्यांशी ने प्रथम सत्र का सुंदर संचालन किया। प्रथम सत्र के अंत में ‘माटी मेरे देश की’ पुस्तक के सभी रचनाकारों को ‘साहित्य सृजन कुटुंब’ की सर्वेसर्वा डॉक्टर संतोष सम्प्रिति द्वारा सम्मानित किया गया।

द्वितीय सत्र में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ कवि/ सहित्यकार प्रदीप भट्ट द्वारा की गईं। लब्ध प्रतिष्ठ साहित्यकार प्रदीप भट्ट की अध्यक्षता में नीमराना के वरिष्ठ साहित्यकार धर्मपाल ‘धर्म’ कर्नाटक के हिंदी साहित्य परिषद् के अध्यक्ष सफल साहित्यकार एवं अनुवादक डॉ. रंजीत कुमार, पूर्व सैन्यअधिकारी एवं साहित्यसेवी प्रवीण शंकर त्रिपाठी, भारत सरकार रक्षा मंत्रालय के अपर निदेशक डॉ. राजेश कुमार त्रिपाठी, डॉक्टर सन्तोष सम्प्रिति के अतिरिक्त कुल 40 कवियों ने विविध विधाओं में मधुर काव्य पाठ कर सभा में उपस्थित श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। अंत में डॉ. संतोष कुमारी ‘संप्रीति’ ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापन किया एवं राष्ट्रगान के साथ यह कार्यक्रम संपन्न हुआ।

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