सफ़र जारी हैं…
मंजिलें और भी हैं…
और रास्ते भी सुदूर तक जाते हैं…
साहित्य गरिमा पुरस्कार की परिकल्पना
अखिल भारतीय स्तर पर यूँ तो देशभर में वर्ष 2000 तक महिला लेखिकाओं की स्थिति बहुत अच्छी नहीं कही जा सकती थी। विशेष रूप से दक्षिण में हिंदी में लेखन करने वाले लोग कम ही थे। इसमें महिला लेखिकाओं द्वारा हिंदी लेखन करने वालों की गिनती बहुत सुलभ थी। इस स्थिति को देखकर वर्ष 1999 में कुछ प्रबुद्ध महिलाओं के साथ विमर्श करते हुए पहले दक्षिण के चार राज्यों की हिन्दीतर भाषी हिंदी लेखिकाओं हेतु साहित्य की विभिन्न विधाओं में से एक विधा में प्रतिवर्ष साहित्य गरिमा पुरस्कार देने का निर्णय लिया गया। साहित्य गरिमा पुरस्कार समिति, हैदराबाद जो नगर का एवं दक्षिण भारत की महिला साहित्यकारों के लिए एक महत्वपूर्ण पुरस्कार है। पुरस्कार का उद्देश्य महिला लेखन को प्रोत्साहित एवं प्रतिष्ठित करने का व्यापक चिंतन है। इसकी स्थापना डॉ अहिल्या मिश्र जी द्वारा वर्ष 2000 में की गई थी। डॉ मिश्र इस संस्था की संस्थापक अध्यक्ष हैं। प्रारम्भ में चार पुरस्कार देने के पश्चात् राज्यों की सीमा में वृद्धि की गई। तेरहवीं सीढ़ी पर आते-आते दक्षिण के समस्त प्रान्त (आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र, गोवा एवं पांडुचेरी) को भी शामिल कर लिया गया। अगले वर्ष (2025) सीमाओं का कुछ और विस्तार किया जायेगा।
पुरस्कार चयन की प्रक्रिया
यह पुरस्कार साहित्य की किसी एक चयनित विधा में दिया जाता है। इस पुरस्कार की चयन प्रक्रिया अत्यंत पारदर्शी है। चयनित विधा पर प्रविष्टियाँ आमंत्रित की जाती हैं और अखिल भारतीय के ख्याति लब्ध तीन साहित्यकारों / राष्ट्रीय निर्णायकों को प्रविष्टियों से प्राप्त पुस्तकें मूल्यांकन हेतु भेज दी जाती हैं। उनके द्वारा किये गए मूल्यांकन की रिपोर्ट हमारे स्थानीय निर्णायकों के समक्ष प्रस्तुत की जाती है। मूल्यांकन में प्राप्त सबसे अधिक अंक पाने वाली रचनाकार को पुरस्कृत घोषित किया जाता है। तत्पश्चात सभी पदाधिकारियों के निर्णयानुसार समारोह की तिथि निर्धारित कर एवं पुरस्कार ग्रहीता को आमंत्रित कर उन्हें पुरस्कृत किया जाता है। निर्धारित तिथि से पूर्व की संध्या से लेकर समारोह के दिन शाम तक ठहरने एवं भोजन की व्यवस्था समिति द्वारा की जाती है। मार्गव्यय देने का हमारे पास कोई प्रावधान नहीं है। पुरस्कार की धनराशि 21,000 रुपये एवं सम्मान – पत्र, शॉल-माला तथा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया जाता है। प्रारम्भ में कुछ पुरस्कारों को नगर के प्रबुद्ध एवं संभ्रांत व्यक्तियों ने पुरस्कार प्रायोजित किये एवं कुछ संरक्षक – पोषक एवं आजीवन सदस्य बनकर अपना आर्थिक सहयोग देकर संस्था को सम्बल प्रदान किया। अब संस्था पूर्ण रूप से समर्थ हो गई है और निरंतर आगे बढ़ रही है।
साहित्य गरिमा पुरस्कार से पुरस्कृत साहित्यकार 2023 तक
प्रथम साहित्य गरिमा पुरस्कार वर्ष- 2000 का समारोह श्री पोट्टि श्री रामुलु तेलुगु विश्व विद्यालय के सभागार में (25 अगस्त, 2000) आयोजित हुआ। इस पुरस्कार के लिए नगर की सुप्रसिद्ध कथाकार श्रीमती पवित्रा अग्रवाल के कहानी संग्रह `पहला कदम’ का चयन किया गया। मुख्य अतिथि नरेन्द्र लूथर (पूर्व मुख्य सचिव ,आंध्र प्रदेश सरकार), मुनींद्र जी, विधायक प्रेम सिंह राठौड़, डॉ अहिल्या मिश्र एवं नगर के अनेक गणमान्य साहित्यकारों की उपस्थिति में दिया गया। पुरस्कार स्वरूप ग्यारह हजार की धनराशि, प्रशस्ति पत्र, शॉल – माला एवं स्मृति चिन्ह द्वारा लेखिका श्रीमती पवित्रा अग्रवाल जी को सम्म्मानित किया गया।
द्वितीय साहित्य गरिमा पुरस्कार-2003 का समारोह (17 जून, 2004 माहेश्वरी चेंबर, सोमाजीगुड़ा स्थित आंध्र प्रादेशिक मारवाड़ी महिला सम्मलेन के भवन में आयोजित हुआ था। स्व डॉ प्रतिभा गर्ग जी को उनकी काव्यकृति `सुधा कृति’ की पांडुलिपि पर पर्यटन मंत्री डॉ जे गीता रेड्डी, डॉ हरिप्रिया रंगराजन, प्रथम महिला आंध्र प्रदेश की अध्यक्षता में डॉ सरोज बजाज, श्री रामगोपाल गोयनका एवं डॉ अहिल्या मिश्र, डॉ रमा द्विवेदी एवं नगर के अनेक गणमान्य साहित्यकारों की उपस्थिति में दिया गया। पुरस्कार स्वरूप ग्यारह हजार की धनराशि, प्रशस्ति पत्र, शॉल – माला एवं स्मृति चिन्ह द्वारा डॉ प्रतिभा गर्ग जी को सम्म्मानित किया गया। सौभाग्य से मैं भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थी।
तृतीय साहित्य गरिमा पुरस्कार वर्ष- 2007 डॉ गुणमाला सोमानी को उनके निबंध संग्रह ललित निबंध माला'को (आंध्र प्रदेश हिंदी साहित्य अकादमी के सभागार) में 28 सितम्बर, 2008 के समारोह में मुख्य अतिथि प्रो एन गोपी, डॉ राधेश्याम शुक्ल (पूर्व सम्पादक, स्वतंत्र वार्ता) प्रो टी मोहन सिंह, डॉ अहिल्या मिश्र (संस्थापक अध्यक्ष) मीना मुथा, डॉ रमा द्विवेदी एवं कई अन्य गणमान्य विद्वानों की उपस्थिति में पुरस्कार स्वरूप ग्यारह हजार की धनराशि, प्रशस्ति पत्र, शॉल - माला एवं स्मृति चिन्ह द्वारा उन्हें सम्म्मानित किया गया था। इस अवसर पर
पुष्पक-9, पत्रिका का लोकार्पण भी किया गया। मैं इस समारोह में संस्था की बतौर कार्यकारी कार्यदर्शी साक्षी रही।
चतुर्थ साहित्य गरिमा पुरस्कार 25 दिसंबर, 2009 को नरेंद्र भवन (राजमोहल्ला) के सभागार में डॉ रमा द्विवेदी को उनके काव्य संग्रह `दे दो आकाश’ को मिला। मुख्य अतिथि डॉ रामकुमार मिश्र (निदेशक, आई पी ई) डॉ राधे श्याम शुक्ल (पूर्व संपादक स्वतंत्र वार्ता), प्रो शुभदा वांजपे (विभागाध्यक्ष हिंदी, उस्मानिया विश्वविद्यालय) डॉ अहिल्या मिश्र, मीना मुथा, एवं कई अन्य गणमान्य विद्वानों की उपस्थिति में पुरस्कार स्वरूप ग्यारह हजार रुपये की धनराशि, प्रशस्ति पत्र, शॉल – माला एवं स्मृति चिन्ह द्वारा डॉ रमा द्विवेदी को सम्म्मानित किया गया। यह पल यह दिन मेरे जीवन का अविस्मरणीय उपलब्धि का यादगार दिन बन गया। इस पुरस्कार की गरिमापूर्ण उपलब्धि ने मुझे इस पुरस्कार के प्रति अत्याधिक संवेदनशील एवं दायित्व के प्रति गंभीर बना दिया। तत्पश्चात डॉ मिश्र ने मुझे साहित्य गरिमा पुरस्कार समिति का महासचिव नियुक्त किया। तब से मैं इस पद के दायित्व को तन – मन से अब तक इस दायित्व को निभाने की पुरजोर कोशिश में लगी हूँ। इस समारोह में पुष्पक – अंक 16 का लोकार्पण भी किया गया।
पंचम साहित्य गरिमा पुरस्कार- 2011 पुरस्कार समारोह (14 अक्टूबर 2012 बशीरबाग स्थित प्रेस क्लब) में आयोजित किया गया। श्रीमती शांति अग्रवाल के कहानी संग्रह `गुलमोहर’ की पाण्डुलिपि को दिया गया इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ शिव शंकर अवस्थी (सेक्रेटरी जनरल, ऑथर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया), जैन रत्न सुरेंद्र लूणिया, कमल नारायण अग्रवाल, मधुसूदन सोंथालिया, प्रो शकुन्तलम्मा, डॉ अहिल्या मिश्र (अध्यक्ष) मीना मुथा, डॉ रमा द्विवेदी एवं अन्य गणमान्य विद्वानों की उपस्थिति में पुरस्कार स्वरूप ग्यारह हजार की धनराशि, प्रशस्ति पत्र , शॉल – माला एवं स्मृति चिन्ह द्वारा लेखिका श्रीमती शांति अग्रवाल जी को सम्म्मानित किया गया।
षष्टम साहित्य गरिमा पुरस्कार-2012 पुरस्कार समारोह (होटल क़्वालिटी इन फिडालगो, नामपल्ली) में 13 जुलाई, 2014 को आयोजित किया गया। यह पुरस्कार वड़ोदरा की वरिष्ठ साहित्यकार नीलम कुलश्रेष्ठ को उनके कहानी संग्रह `शेर के पिंजड़े में’ को मुख्य अतिथि विश्वजीत सपन (आई पी एस), टी गोपाल सिंह, डॉ पुष्पेश, डॉ मुरलीधर गुप्ता, डॉ अहिल्या मिश्र, मीना मुथा, डॉ रमा द्विवेदी एवं अनेक गणमान्य साहित्यकारों की उपस्थिति में प्रदान किया गया। पुरस्कार के रूप में ग्यारह हजार रूपये की धनराशि, प्रशस्ति पत्र, शॉल-माला एवं स्मृति चिन्ह से लेखिका नीलम कुलश्रेष्ठ जी को अलंकृत किया गया।
सप्तम साहित्य गरिमा पुरस्कार-2015 का समारोह नरेंद्र भवन (राजमोहल्ला) सभागार (13 दिसंबर 2015) में आयोजित हुआ। तिरुवरंतपुरम, केरल की वरिष्ठ साहित्यकार डॉ सी जे प्रसन्ना कुमारी को उनकी पुस्तक `भारतीय अभियंताओं की स्वप्न भूमि’ पर मुख्य अतिथि मुनींद्र सिन्हा, डॉ एस एस अवस्थी, डॉ अहिल्या मिश्र, नरेंद्र परिहार, मानवेन्द्र मिश्र, मीना मुथा, डॉ रमा द्विवेदी एवं कई गणमान्य विद्वानों की उपस्थिति में दिया गया। पुरस्कार स्वरूप ग्यारह हजार रुपये की धनराशि, प्रशस्ति पत्र, शॉल-माला एवं स्मृति चिन्ह से लेखिका डॉ सी जे प्रसन्ना कुमारी जी को सम्मानित किया गया।
अष्टम साहित्य गरिमा पुरस्कार-2016 समारोह तेलंगाना सारस्वत परिषद' (बोगुलकुंटा) सभागार में (16 अप्रैल, 2017) को आयोजित हुआ और मुंबई की वरिष्ठ साहित्यकार डॉ राजम नटराजन पिल्लै को उनके काव्य संग्रह
उत्तराधिकार’ पर मुख्य अतिथि आर. पी. ठाकुर, रामकिशोर उपाध्याय, डॉ राम निवास साहू, प्रिया चौधरी, डॉ अहिल्या मिश्र, प्रो ऋषभदेव शर्मा, मानवेन्द्र मिश्र, मीना मुथा, डॉ रमा द्विवेदी एवं कई गणमान्य साहित्यकारों की उपस्थिति में दिया गया। पुरस्कार स्वरूप ग्यारह हजार रुपये की धनराशि, प्रशस्ति पत्र, शॉल-माला एवं स्मृति चिन्ह से कवयित्री डॉ राजम नटराजन पिल्लै जी को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर `पुष्पक’ अंक – 34′ का लोकार्पण हुआ।
नवम साहित्य गरिमा पुरस्कार- 2017, एस जी कम्फर्ट होटल चिराग अली लेन में (4 नवम्बर, 2018) को आयोजित समारोह में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ बीना बुदकी (मुंबई) को उनकी पुस्तक (नंगी इमारत का बलात्कार) पर मुख्य अतिथि सुश्री शिखा गोयल (एडिशनल पुलिस कमिशनर, हैदराबाद), डॉ पी के जैन, रेनू सोनी, मानवेन्द्र मिश्र, राजकुमार सुराणा, प्रो ऋषभदेव शर्मा, डॉ अहिल्या मिश्र (संस्थापक अध्यक्ष) प्रवीण प्रणव, अवधेश कुमार सिन्हा, मीना मुथा, डॉ रमा द्विवेदी एवं अन्य गणमान्य विद्वानों के समक्ष प्रदान किया गया। पुरस्कार स्वरूप ग्यारह हजार रुपये की धनराशि, प्रशस्ति पत्र, शॉल-माला एवं स्मृति चिन्ह से लेखिका डॉ बीना बुदकी को सम्मानित किया गया।
दशम साहित्य गरिमा पुरस्कार-2018 समारोह कादम्बिनी क्लब (रजतोत्सव) एवं ऑथर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में मदन देवी कीमती सभागार में (15 मार्च 2019) को आयोजित किया गया। यह पुरस्कार वरिष्ठ साहित्यकार डॉ सादिका नवाब सहर' के उपन्यास 'जिस दिन से' को मुख्य अतिथि विश्वजीत सपन (प्रधान सचिव, गृह मंत्रालय, आंध्र प्रदेश), डॉ शिव शंकर अवस्थी (सेक्रेटरी जनरल,ऑथर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया), साहित्यकार पंखुरी सिन्हा, मधुसूदन सोंथालिया, डॉ अहिल्या मिश्र, निशांत शर्मा, राजकुमार सुराणा, मानवेन्द्र मिश्र (प्रबंध न्यासी) अवधेश कुमार सिन्हा, प्रवीण प्रणव, डॉ रमा द्विवेदी, मीना मुथा (उपाध्यक्ष) एवं अन्य अनेक गणमान्य विद्वानों की उपस्थिति में इक्कीस हजार रूपये की धनराशि, प्रशस्ति पत्र, शॉल-माला एवं स्मृति चिन्ह से लेखिका डॉ सादिका नवाब
सहर’को सम्मानित किया गया। इस समारोह की विशेषता यह रही कि स्व राजेंद्र अवस्थी जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर परिचर्चा उनके सुपुत्र डॉ शिव शंकर अवस्थी के साक्षात्कार से हुई। इस सत्र का सञ्चालन प्रवीण प्रणव ने किया। अंतिम सत्र में बहुभाषी कवि सम्मलेन भी संपन्न हुआ।
वर्ष- 2020-21 का साहित्य गरिमा पुरस्कार कोविड त्रासदी के लॉकडाउन के कारण निरस्त कर दिया गया।
ग्यारहवाँ साहित्य गरिमा पुरस्कार -2019 समारोह रॉयलटन होटल (अबिड्स) में 21 अगस्त, 2022 को आयोजित किया गया। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ उषा रानी राव (बंगलुरु) को उनके खंड काव्य कविता की आँच में पिघलता अँधेरा' पर मुख्य अतिथि डॉ एस के झा, प्रो सर्राजु, प्रो शुभदा वांजपे, अनुराधा रेड्डी (अतिथि गण), डॉ अहिल्या मिश्र (संस्थापक अध्यक्ष) मानवेन्द्र मिश्र (प्रबंध न्यासी) प्रो ऋषभदेव शर्मा,अवधेश कुमार सिन्हा, प्रवीण प्रणव, डॉ रमा द्विवेदी, मीना मुथा एवं अन्य अनेक गणमान्य विद्वानों की उपस्थिति में ग्यारहवाँ साहित्य गरिमा पुरस्कार स्वरूप इक्कीस हजार रूपये की धनराशि, प्रशस्ति पत्र, शॉल-माला एवं स्मृति चिन्ह से कवयित्री डॉ उषारानी राव को अलंकृत किया गया। दूसरे सत्र में डॉ अहिल्या मिश्र कृत
मील का पत्थर’ पुस्तक एवं पुष्पक साहित्यिकी’ पत्रिका का लोकार्पण प्रो ऋषभदेव शर्मा एवं सभी अतिथियों द्वारा किया गया।
अब तक संस्था साहित्य गरिमा पुरस्कार समिति की ओर से ग्यारह पुरस्कार दे चुकी है। इस बार 18 फरवरी, 2024 को होटल अबोड, लकड़ी का पुल में बारहवाँ और तेरहवाँ साहित्य गरिमा पुरस्कार वर्ष- 2022- 23 प्रदान करने जा रही है।
पुरस्कार के पूर्व प्रायोजक
श्रीमती विनोदिनी गोयनका, डॉ. सरोज बजाज, विजय शंकर वर्मा, वीरेंद्र मुथा, काचार्ला राजकुमार व राजकुमार सुराणा है।
संरक्षक सदस्य
सतीश काबरा, मधुसूदन सोंथालिया, अजित गुप्ता, डॉ मदन देवी पोकरणा, शमशात बेगम संस्था के संरक्षक एवं श्रीमती शांति अग्रवाल विशेष संरक्षक हैं।
पोषक सदस्य
श्रीमती पवित्रा अग्रवाल, स्व. डॉ. प्रतिभा गर्ग, माँगी राम तायल, श्रीमती संपत मुरारका एवं डॉ रमा द्विवेदी, श्रीमती शीला सोंथालिया एवं वी वरलक्ष्मी ने पोषक सदस्य के रूप में अपनी सहभागिता निभाई है।
विशेष सहयोगी
हर्ष कुमार मुणोत, श्रीमती तारा कीमती, राजकुमार, विमलेश सिंघवी, रमेश अग्रवाल, विनोद कीमती, द्वारका प्रसाद मायछ एवं डॉ. सीता मिश्र ने अपना विशेष सहयोग प्रदान किया है।
साहित्य गरिमा पुरस्कार के पूर्व परामर्शदाता
डॉ सरोज बजाज, जैन रत्न सुरेंद्र लूणिया, श्रीमती रत्नमाला साबू , श्रीमती पुष्पा कीमती, अमृत कुमार जैन, विद्या देवधरे, रवि श्रीवास्तव, राम कुमार तिवारी हैं।
वर्ष 2024 के परामर्शदाता
विपमा वीर, अवधेश कुमार सिन्हा, अनंत कदम, डॉ टी सी वसंता, वेणुगोपाल भट्टड, श्रीमती शीला सोंथालिया और प्रदीप दत्त हैं।
राष्ट्रीय स्तर के निर्णायक मंडल
स्व. श्री राजेन्द्र अवस्थी, (नई दिल्ली), हिमांशु जोशी (दिल्ली) डॉ. सरोजिनी प्रीतम (दिल्ली) महेंद्र शर्मा (हरियाणा) किशन कौशिक (हिसार) डॉ मृदुला सिन्हा (दिल्ली), श्री वीरेन्द्र सक्सेना (दिल्ली) डॉ. मिथिलेश कुमारी (पटना) प्रो एम. वेंकटेश (हैदराबाद) रवींद्र सेठ (दिल्ली) प्रो. दिलीप सिंह (अमरकंटक) डॉ. के. एन. पी. श्रीवास्तव (पटना) प्रो. कृष्ण कुमार गोस्वामी (दिल्ली) प्रो. गंगा रहे हैं। प्रसाद विमल (नई दिल्ली) डॉ. पूरन चंद टंडन (नई दिल्ली) डॉ शिव शंकर अवस्थी (दिल्ली), डॉ. मोहन आनंद, डॉ देव राज (वर्धा) डॉ सुधाकर आशावादी (मेरठ), डॉ लक्ष्मी शर्मा (जबलपुर) टी एस मरवाडे (बीजापुर) डॉ ऋचा जोशी (मेरठ) डॉ अनीता शुक्ल (वड़ोदरा) पंखुरी सिन्हा (मुजफ्फरपुर) रामकिशोर उपाध्याय (दिल्ली) श्रीमती आशा शैली (उत्तराखंड) हैं।
वर्ष 2024 के निर्णायक
डॉ अश्विनी कुमार शुक्ल (उप्र) डॉ एस निर्मला मौर्य (बनारस) डॉ अमिता दुबे (लखनऊ) डॉ अतुल कनक (कोटा) प्रभा ललित सिंह (नागपुर) डॉ उषा रानी राव (बंगलुरू) है।
स्थानीय निर्णायक मंडल
प्रो ऋषभदेव शर्मा, डॉ जी नीरजा, प्रो शुभदा वांजपे, डॉ गंगाधर वानोडे, संस्था के प्रबंध न्यासी मानवेन्द्र मिश्र हैं।
18 फरवरी-2024 के समारोह में प्रदत्त पुरस्कार
हैदराबाद: साहित्य गरिमा पुरस्कार समिति, कादम्बिनी क्लब, हैदराबाद एवं ए जी आई हैदराबाद चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय संगोष्ठी 18 फरवरी 10 .30 बजे से होटल अबोड (लकड़ी का पुल, हैदराबाद) में साहित्य गरिमा पुरस्कार समारोह आयोजित किया जायेगा। साहित्य गरिमा पुरस्कार की संस्थापक अध्यक्ष डॉ अहिल्या मिश्रा, महासचिव डॉ रमा द्विवेदी एवं कादम्बिनी क्लब की कार्यकारी संयोजिका मीना मुथा ने संयुक्त विज्ञप्ति में बताया कि प्रथम सत्र में बारहवाँ एवं तेरहवाँ साहित्य गरिमा पुरस्कार-2022 /2023 एवं अन्य नौ प्रायोजित पुरस्कार समारोह का आयोजन किया जाएगा।
इस सत्र के मुख्य अतिथि महासहस्त्रावधानि (पद्मश्री) डॉ गरिकिपाटि नरसिंहा राव जी होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो शुभदा वांजपे करेंगी। साहित्य गरिमा पुरस्कार की संस्थापक अध्यक्ष डॉ अहिल्या मिश्र, विशिष्ट अतिथि डॉ अमिता दुबे, विशिष्ट अतिथि अनंत कदम, विशिष्ट अतिथि श्रीमती शांति अग्रवाल, प्रो ऋषभदेव शर्मा (अध्यक्ष, द्वितीय सत्र) तथा प्रबंध न्यासी श्री मानवेन्द्र मिश्र (उद्योगपति एवं समाज सेवी) मंचासीन होंगे।
रथम सत्र का शुभारम्भ मंचासीन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित एवं सुश्री शुभ्रा महंतो की वंदना प्रस्तुति से किया जायेगा। संस्था की अध्यक्ष डॉ अहिल्या मिश्र स्वागत भाषण एवं मुख्य अतिथि एवं अध्यक्ष द्वय का परिचय देंगी। डॉ आशा मिश्रा मुक्ता’ (कोषाध्यक्ष) तीनों विशिष्ट अतिथियों का परिचय प्रस्तुत करेंगी। तत्पश्चात अतिथियों का सम्मान डॉ अहिल्या मिश्र, डॉ रमा द्विवेदी, प्रवीण प्रणव, मीना मुथा एवं डॉ आशा मिश्रमुक्ता’ एवं अन्य सदस्यों द्वारा किया जायेगा। साहित्य गरिमा पुरस्कार समिति का प्रतिवेदन डॉ रमा द्विवेदी प्रस्तुत करेंगी।
बारहवाँ साहित्य गरिमा पुरस्कार वर्ष-2022 लेखिका डॉ वीणा मेदनी (बंगलौर) को उनके कहानी संग्रह शहीद की पत्नी एवं अन्य कहानियाँ’ को तथा तेरहवाँ साहित्य गरिमा पुरस्कार-2023 उपन्यासकार डॉ प्रणव भारती (अहमदाबाद) को उनके उपन्यास ‘प्रेम न हाट बिकाय’ को प्रदान किया जायेगा।
इस समारोह में नौ प्रायोजित पुरस्कार : सिया सहचरी पद्य साहित्य पुरस्कार’-2024 – श्री लाल्टू जी को उनके काव्य संग्रहहरे से भरा था उसका बदन’ के लिए, महासहस्त्रावधानि डॉ गरिकिपाटि नरसिंग राव – तेलुगु अनुवादक पुरस्कार’ (2024) – श्री के सत्यनारायण जी को उनकी अनुवाद कृतिआत्म चित्रम’ के लिए, महासहस्त्रावधानि डॉ गिरिकिपाटि नरसिंग राव – हिंदी अनुवादक पुरस्कार'(2024)- देवा प्रसाद मायला को उनकी अनुवाद कृति चागंटि तुलसी कृत कूनल माई पद्य एवं गद्य कविताएँ’ के लिए, श्री आचार्य कृष्ण दत्त व्यंग्य/लघुकथा लेखन पुरस्कार’ (2024) श्री बी एल आच्छा जी को उनके व्यंग्य संग्रहमेघदूत का टी ए बिल’ के लिए, श्रीमती शान्ति अग्रवाल कहानी/उपन्यास लेखन पुरस्कार’ (2024) – डॉ राशि सिन्हा को उनके उपन्यासआखिर टूटना क्यों’ के लिए, ‘सृजनात्मक तकनीक हिंदी सम्मान’ (2024) – श्री मोहित जी को उनके पॉडकास्ट हिंदुस्तानी पोएट्री प्रोजेक्ट’ के लिए,चंपाई माधव कदम हिंदी लेखन पुरस्कार’ (2024) डॉ दत्ता शिवराम साकोले जी को उनकी पुस्तक अज्ञेय की कहानियों में मानवीय यथार्थ- 2009′ के लिए,कादम्बिनी क्लब साहित्य गौरव सम्मान’ (2024) श्री चंद्र प्रकाश दायमा को कादम्बिनी क्लब हैदराबाद में उनके सहयोग और साहित्यिक सहभागिता के लिए तथा `शुभ्रा मोहन्तो संगीत साधना पुरस्कार ‘(2024) सुश्री रंजिता मित्रा को उत्कृष्ट गायन के लिए पुरस्कार प्रदान किये जायेंगे एवं पुरस्कार प्रायोजकों का सम्मान किया जाएगा। उपर्युक्त सभी पुरस्कार साहित्य गरिमा पुरस्कार समारोह के अंतर्गत दिए जायेंगे।
दूसरे सत्र का आयोजन 3 बजे से किया जायेगा। इस सत्र की अध्यक्षता प्रो ऋषभदेव शर्मा जी करेंगे। सर्वप्रथम `पुष्पक साहित्यिकी’ पत्रिका का लोकार्पण किया जायेगा। पुष्पक साहित्यिकी का परिचय प्रवीण प्रणव जी (उपाध्यक्ष) प्रस्तुत करेंगे। प्रथम सत्र का संचालन एफ एम सलीम जी करेंगे एवं दूसरे सत्र का संचालन सुश्री मीना मुथा जी (उपाध्यक्ष) करेंगी। प्रथम सत्र का आभार प्रदर्शन डॉ राजीव सिंह जी करेंगे। संस्था के सभी पदाधिकारियों एवं कार्यकारिणी- सदस्यों का सहयोग आपेक्षित है। नगर के सभी साहित्य प्रेमियों से अनुरोध है कि अपनी उपस्थिति समय से देकर कार्यक्रम को सफल बनाएँ।
प्रस्तुतकर्ता : डॉ रमा द्विवेदी, महासचिव / साहित्य गरिमा पुरस्कार समिति, हैदराबाद (9849021742)