हैदराबाद : माओवादी नेता अक्कीराजू हरगोपाल उर्फ आरके की बायोपिक की छपाई पर रोक लगाने और किताबों को जब्त किये जाने की मानवाधिकार संगठन के नेता प्रोफेसर हरगोपाल ने निंदा की। साथ ही उन्होंने तेलंगाना सरकार से मांग की कि माओवादी आरके की पत्नी शिरीषा की पुस्तक को लोकार्पण की अनुमति दें। प्रोफेसर हरगोपाल और आरके की पत्नी शिरीषा ने रविवार को मीडिया को संबोधित किया।
हरगोपाल ने कहा कि आदमी की मौत के बाद जो यादें रह जाती है, उन्हें समाज के साथ साझा करना चाहिए। लोगों में संघर्ष के प्रति जागरूता न आये तो भी ठीक है, लेकिन समाज के लिए जान गंवाने वालों के बारे में समाज को सोचना चाहिए। मानवाधिकार संगठन के नेता ने आगे कहा कि चंद्रबाबू के शासनकाल में नक्सलवाद और सरकार के बीच शांति चर्चा की पहल की गई थी, मगर संभव नहीं हो सका। साल 2004 में कांग्रेस के शासनकाल में माओवादी और कांग्रेस सरकार के बीच शांति चर्चा हुई। इस शांति चर्चा के कारण ही आरके को सभी लोग जानने लगे। क्या बीमारी के कारण मौत हो चुके आरके के जीवन के बारे में लोगों को जानने का भी अधिकार नहीं है? किताबों को जब्त करना संविधान के खिलाफ है।
हरगोपाल ने कहा कि तेलंगाना आंदोलन के दौरान मुख्यमंत्री केसीआर ने कहा था कि माओवादी का एजेंडा ही उनका एजेंडा है। मगर सत्ता में आने के बाद सब कुछ बदल गया। राजनीति का अर्थ केवल देना और लेना नहीं है। मानवीय मूल्यों का रहना भी जरूरी है। अब भी तेलंगाना सरकार अपना फासीवादी रवैया बदले और आरके की पत्नी शिरीषा की पुस्तक ‘तेलुगु- सायुध शांति स्वप्नम’ (Sayudha Shanti Swapnam) की लोकार्पण की अनुमति दें।
संबंधित खबर :
हड़कंप: माओवादी आरके जीवनी प्रकाशित कर रहे प्रिटिंग प्रेस पर पुलिस का छापा, किताबें जब्त
पत्नी शिरीषा ने कहा…
इस दौरान आरके की पत्नी शिरीषा ने कहा कि जब किसी की मौत हो जाती है तो संस्मरण सभा आयोजित की जाती है। मगर आरके की संस्मरण सभा को रोका गया। उन्होंने बताया कि जब आरके सरकार के साथ शांति वार्ता के लिए आये थे, तब मीडिया में उनके बारे में आये लेखों को यादगार के तौर पर छिपाकर रखा था। उसी यादगार को एक किताब के रूप में लेकर आना चाहती हूं। ताकि दुनिया उनके बारे में जान सकें। उन्होंने सरकार से मांग की कि जब्त की गई किताबें और अन्य सामग्री वापस दें और पुस्तक के लोकार्पण की अनुमति दें।
संबंधित खबर :
माओवादी के वरिष्ठ नेता RK का निधन, इस नक्सलाइट के सिर पर था 97 लाख रुपये का इनाम
आपको बता दें कि हाल ही में बीमारी के कारण माओवादी नेता आरके का निधन हो गया था। आरके की पत्नी शिरीषा ने अपने पति की बायोपिक लिखी है। इसके छपाई का काम हैदराबाद में चल रहा था। इसी बीच मिली जानकारी के बाद पुलिस ने प्रिटिंग प्रेस छापा मारा और किताबें और अन्य सामग्री को जब्त कर ली थीं।