जेल नहीं सुधार गृह: पेट्रोल बंकों में काम करने वाले कैदी ही हैं वर्कर, कमा रहे हैं अच्छा खासा

हैदराबाद: वो सभी कैदी हैं। कुछ कैदी जान-बूझकर अपराध करने वाले हैं, तो कुछ कैदी पल भर में आये क्रोध में अपराध करने वाले हैं। अपराध सिद्धि होने के बाद कोर्ट ने उन्हें जेल की सजा सुनाईं है। ये कैदी जेलों में एक साल से लेकर उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। ऐसे कैदियों को कारागार विभाग ने रोजगार उपलब्द कराया है।

तेलंगाना में 24 पेट्रोल बंक स्थापित किये गये हैं और इनमें कैदियों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें चंचलगुडा सेंट्रल जेल द्वारा संचालित पेट्रोल बंक आय के मामले में शीर्ष स्थान पर है। जेल अधिकारियों का कहना है कि सालाना कारोबार 128 से 140 करोड़ रुपये आय हो रही है।

जेल विभाग के पूर्व महानिदेशक वीके सिंह के मार्गदर्शन में 2013 में चंचलगुडा जेल में पहला पेट्रोल बंक खोला गया था। उसके बाद तेलंगाना भर में 17 पेट्रोल बंक स्थापित किये गये। फिलहाल इनकी संख्या 24 हो गई है। जेलों में सजा काट रहे कैदी और सजा पूरी कर रिहा हो चुकी कैदी इन पेट्रोल बंकों में काम करते हुए इज्जत की जिंदगी जी रहे रहे हैं। कैदियों को रोजगार देने का उद्देश्य वे दोबारा अपराध का रास्ता न अपनाये।

जेल में सजा काटते हुए पेट्रोल बंक में काम करने वाले कैदियों को हर दिन 150 और 20 रुपये टिप के रूप में दिया जाता है। सजा भुगतकर रिहा होकर पेट्रोल बंक में काम करने वाले कैदियों को 16,500 रुपये मासिक वेतन दिया जा रहा है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि जेल विभाग उनके खातों में हर माह वेतन की राशि जमा करता है। अनेक कैदी पेट्रोल बंक पर ड्यूटी करने के बाद मिलने वाली तनख्वाह घर भेजते रहे हैं।

चंचलगुडा जेल स्थित पेट्रोल बंक पर कुल 62 लोग कार्यरत हैं। इसमें 58 कैदी हैं। हर शिफ्ट में 18 लोग ड्यूटी पर हैं। एक जेलर के साथ तीन स्टाफ सदस्य उनकी निगरानी कर रहे हैं। इस बैंक में डाले गए पेट्रोल की गुणवत्ता और मात्रा को अच्छा नाम है। इसलिए हर दिन मोटर चालकों की कतारें लगी रहती है।

इस क्रमी में अधिकारियों ने बताया कि हर दिन 40 लाख से 50 लाख रुपये तक पेट्रोल-डीजल की बिक्री होती है। इस साल 17 जून को सबसे ज्यादा 63 लाख रुपये पेट्रोल-डीजल की बिक्री हुई। पिछले साल अप्रैल से इस साल मार्च तक 123.81 करोड़ रुपये पेट्रोल-डीजल की बिक्री हुई है। इनमें से जेल विभाग को 2.66 करोड़ रुपये की आय हुई है।

अधिकारियों ने आगे कहा कि जेल विभाग ने कई कार्यक्रम शुरू किये हैं। उसी के तहत चंचल गुडा जेल में पेट्रोल बंक स्थापित किया गया है। हर दिन करीब 50 लाख रुपये की बिक्री होती है। तेलंगाना की सभी जेलों की तुलना में चंचलगुड़ा पेट्रोल बंक में अधिक राजस्व प्राप्त होता है। कारागार विभाग का उद्देश्य कैदियों को रोजगार उपलब्ध कराना और उनके परिवारों को सुरक्षा प्रदान करना है। (वेलुगु से साभार)

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