हैदराबाद: 75वें स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2021) की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद देश को संबोधित किया। अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा गांधी जी ने हमें सिखाया है कि गलत दिशा में तेजी से कदम बढ़ाने से अच्छा है सही दिशा में धीरे-धीरे आगे बढ़ा जाये।
राष्ट्रपति ने कहा कि कई पीढ़ियों के ज्ञात और अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष से हमारी आज़ादी का सपना साकार हुआ था। उन सभी ने त्याग व बलिदान के अनूठे उदाहरण प्रस्तुत किये। मैं उन सभी अमर सेनानियों की पावन स्मृति को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं।
रामनाथ कोविंद ने कहा, “मैं जम्मू-कश्मीर के निवासियों, विशेषकर युवाओं से इस अवसर का लाभ उठाने और लोकतांत्रिक संस्थाओं के माध्यम से अपनी आकांक्षाओं को साकार करने के लिए सक्रिय होने का आग्रह करता हूं।” राष्ट्रपति ने कहा एग्रीकल्चरल मार्केटिंग में किये गये अनेक सुधारों से हमारे अन्नदाता किसान और भी सशक्त होंगे और उन्हें अपने उत्पादों की बेहतर कीमत प्राप्त होगी।
राष्ट्रपति रामनाथ ने कहा जब ‘ईज़ ऑफ डुइंग बिजनेस’ की रैंकिंग में सुधार होता है, तब उसका सकारात्मक प्रभाव देशवासियों की ‘ईज़ ऑफ लिविंग’ पर भी पड़ता है। राष्ट्रपति ने कहा मुझे इस बात की खुशी है कि सभी बाधाओं के बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में– विशेष रूप से कृषि के क्षेत्र में– बढ़ोतरी जारी रही है। उन्होंने कहा यह तथ्य संतोषजनक है कि चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार के लिए एक वर्ष की अवधि में ही 23,220 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
राष्ट्रपति ने आगे कहा इस समय वैक्सीन हम सबके लिए विज्ञान द्वारा सुलभ कराया गया सर्वोत्तम सुरक्षा कवच है। मैं सभी देशवासियों से आग्रह करता हूं कि वे प्रोटोकॉल के अनुरूप जल्दी से जल्दी वैक्सीन लगवा लें। उन्होंने कहा कि हालांकि महामारी की तीव्रता में कमी आई है, लेकिन कोरोना-वायरस का प्रभाव अभी समाप्त नहीं हुआ है। हर तरह के जोखिम उठाते हुए, हमारे डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य कर्मियों, प्रशासकों और अन्य कोरोना योद्धाओं के प्रयासों से कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पाया जा रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा हमारे डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य कर्मियों, प्रशासकों और अन्य कोरोना योद्धाओं के प्रयासों से कोरोना की दूसरी लहर पर नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात का बेहद दुख है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान देश में बहुत लोगों ने अपनों को खोया। ये समय बहुत मुश्किल था। मैं पूरे देश की तरफ से दुखी एवं पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा हूं।
राष्ट्रपति के संबोधन का प्रसारण आकाशवाणी के सभी स्टेशन और दूरदर्शन के सभी चैनलों पर किया गया। दूरदर्शन पर हिंदी और अंग्रेजी में संबोधन के प्रसारण के बाद क्षेत्रीय चैनलों द्वारा क्षेत्रीय भाषाओं में प्रसारण किया गया। (एजेंसियां)