हैदराबाद: केंद्रीय बजट सत्र 2023 की शुरुआत मंगलवार से हो गया है। संसद में राष्ट्रपति का अभिभाषण और इकोनॉमिक सर्वे भी पेश किया जाएगा। संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में इकोनॉमिक सर्वे पेश करेंगी।
गौरतलब है कि इकोनॉमिक सर्वे के दस्तावेज़ वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के इकोनॉमिक डिवीज़न द्वारा तैयार किए गए हैं। इसे मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन की देखरेख में तैयार किया गया है। यह अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में जानकारी देगा।
इकोनॉमिक सर्वे बुधवार को पेश होने वाले 2023-24 के वास्तविक बजट के रंग और बनावट के बारे में भी कुछ संकेत दे सकता है। कथित तौर पर पहला आर्थिक सर्वेक्षण 1950-51 में अस्तित्व में आया, जब यह बजट दस्तावेजों का हिस्सा हुआ करता था। 1960 के दशक में इसे बजट दस्तावेजों से अलग कर दिया गया और केंद्रीय बजट से एक दिन पहले पेश किया जाने लगा।
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सर्वेक्षण दस्तावेज़ नए आवश्यकता-आधारित अध्यायों को भी जोड़ता है जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। 2022 में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में 2022-23 में भारत की जीडीपी वृद्धि 8.0-8.5 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया गया था।
बजट सत्र 2023 अगले साल अप्रैल-मई 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ अपने दूसरे कार्यकाल में मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होने की संभावना है। पिछले दो केंद्रीय बजटों की तरह बजट 2023-24 भी पेपरलेस होगा। वित्त मंत्री द्वारा बजट भाषण पूरा होने के बाद बजट दस्तावेज ‘यूनियन बजट मोबाइल ऐप’ पर Android और Apple OS दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगे।
वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए वार्षिक बजट तैयार करने की औपचारिक कवायद 10 अक्टूबर से शुरू हुई थी। संसद सत्र का पहला भाग 31 जनवरी से शुरू होगा और 13 फरवरी तक चलेगा। संसद विभिन्न मंत्रालयों की अनुदान मांगों पर चर्चा करने के लिए संसदीय समितियों के लिए अवकाश के बाद फिर से शुरू होगी। सत्र का दूसरा भाग 13 मार्च से शुरू होगा और 6 अप्रैल तक चलेगा। (एजेंसियां)