[जल्द ही हम एक ऐसी किताब (जीवन संग्राम-क्रान्तिवीर पण्डित गंगाराम वानप्रस्थी) पढ़ने वाले है, जिसकी किसी ने कल्पना तक नहीं की होगी। यह केवल एक किताब ही नहीं है, बल्कि मानव को मानवतावाद की सीख देती है। केवल एक व्यक्ति दूसरों के जीवन में खुशियां कैसे बांट सकता है, यह किताब या व्यक्ति रास्ता दिखाता है। इस समय देश में 140 करोड़ लोग हैं और अपने-अपने ढंग और तौर तरीके से जी रहे हैं। मगर इतिहास उसी से बनता है जो इतिहास रचता है। गंगाराम वानप्रस्थी जी ने जीवन में इतिहास रचा है। इसीलिए पण्डित गंगाराम स्मारक मंच के चेयरमैन भक्तराम जी ने अपने पिताजी की जीवनी लिखने का संकल्प लिया। दुनिया के सामने ऐसे व्यक्ति को बताने का साहस किया कि यह है हमारे पिताजी! हमारा मानना है कि गंगाराम जी केवल भक्तराम जी के पिताजी नहीं है। अनगिनत लोगों के जीवन में प्रकाश देने वाले व्यक्ति है। इतना ही नहीं, लोगों को सही जीवन जीने का संदेश देने वाले व्यक्ति है। देशप्रेम के साथ समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी भी दिखाते हैं। व्यक्तिगत और सिद्धांत से हटकर पढ़ने वालों को यह किताब जरूर प्रेरणा देती है। यह सब कुछ जानने के लिए हमें थोड़ा-सा इंतजार करना है। ]
हैदराबाद: पण्डित गंगाराम स्मारक मंच के पदाधिकारियों और सदस्यों की बैठक आर्य कन्या विद्यालय हाई स्कूल में गुरुवार को आयोजित की गई। इस बैठक में डॉ विद्याधर, डॉ धर्मतेजा, डॉ प्रताप रुद्र, भक्त राम, श्रुतिकांत भारती, प्रदीप जाजू, सोमनाथ, प्रियदत्त शास्त्री, अशोक कुमार श्रीवास्तव, रणधीर सिंह, ऋषिराम, आत्मा राम और अन्य मौजूद थे।
मंच के चेयरमैन भक्तराम ने बताया कि पण्डित गंगाराम जी की जीवनी पर आधारित ‘जीवन संग्राम-क्रान्तिवीर पण्डित गंगाराम वानप्रस्थी’ पुस्तक कार्य अन्तिम चरण में है। इस जीवनी पुस्तक के लेखक, विद्वान और इतिहासकार प्रा राजेन्द्र जिज्ञासु (अबोहर, पंजाब) जी हैं।
पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम हेतु सभी ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये। अंत में 20 अगस्त को पुस्तक लोकार्पण करने का फैसला लिया गया। पुस्तक के लोकार्पण कार्यक्रम के स्थान, मुख्य अतिथि और विशेष अतिथि पर अगली बैठक में निर्णय लिया जाएगा।