हैदराबाद : पालवंचा परिवार आत्महत्या मामले में आरोप का सामना कर रहे वनमा राघव को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। कोत्तागुडेम मजिस्ट्रेट के आदेश पर राघवन को भद्राचलम उप जेल में भेज गया। रामकृष्ण परिवार आत्महत्या मामले में वनमा राघव ए-2 आरोपी हैं।
पुलिस ने वनमा राघवन को शुक्रवार को दम्मपेट के पास गिरफ्तार किया गया। उसे शनिवार को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। पुलिस ने मामले में वनमा राघव के साथ चार अन्य को भी गिरफ्तार किया। इससे पहले राघव का पालवंचा के सरकारी अस्पताल में उनका मेडिकल परीक्षण कराया गया। राघव की गिरफ्तारी पर एएसपी रोहित राज ने जानकारी दी। एएसपी ने कोट्टागुडेम में मीडिया से बात की।
रोहित राज ने कहा, “पीड़ित रामकृष्ण ने सुसाइड नोट में लिखा कि वनमा राघव, उसकी मां सत्यवती और बहन माधवी का नाम लिखकर परिवार के साथ आत्महत्या कर ली। आरोपी राघव ने पैसे के साथ उसकी पत्नी को भी उसके पास भेजने की बात कही है। घटना के दिन ही सबूत एकत्रित करके कोर्ट में पेश किये गये। आरोपी को पकड़ने के लिए आठ विशेष पुलिस की टीमें तेलंगाना आंध्र प्रदेश में तलाशी की। इसके लिए एक लाख रुपये तक खर्च आया है।”
एएसपी ने आगे बताया, “राघव के साथ गिरीश और मुरली को हिरासत में लिया। इन दोनों के अलावा रमाकांत और श्रीनिवास को गिरफ्तार किया। यह आरोपी राघव के भगाने में सहयोग किया। इन चारों के खिलाफ 212 सेक्शन के तरह मामला दर्ज किया। राघव से रामकृष्ण मामले के बारे में पूछताछ की गई। राघव के खिलाफ रामकृष्ण आत्महत्या मामले के अलावा 12 और मामले हैं।”
आपको बता दें कि भद्रादी कोत्तोगुडेम के टीआरएस विधायक वनमा वेंकटेश्वर राव के पुत्र राघव की प्रताड़ना से तंग आकर रामकृष्णा परिवार आत्महत्या किया था। इस मामले से तेलंगाना में दहल उठा। राघव की प्रताड़ना से तंग आकर रामकृष्ण सुसाइड नोट लिखकर इस महीने की 3 तारीख को पत्नी और दो बच्चों के साथ आत्महत्या किया था।
टीआरएस पार्टी के विधायक का बेटा मुख्य आरोपी होने की बात सामने आने के चा-पांच दिन तक टीआरएस आलाकमान खामोश रही। इसके चलते विपक्षी दल टीआरएस पार्टी की जमकर आलोचना की। आरोप है कि पद और धन के बल पर राघव के अपराधों को रोकने वाला कोई नहीं रहा। इसी बीच तेलंगाना टीपीसीसी के अध्यक्ष रेवंत रेड्डी, बीजेपी के विधायक टी राजा सिंह और अन्य नेताओं ने इस मामले को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया।