हैदराबाद: तेलंगाना में कोरोना की गंभीरता को कम होते देख लोग राहत की सांस ले रहे हैं। मगर इसी बीच उस्मानिया विश्वविद्यालय के महिला छात्रावास में रहने वाली पीजी बायोटेक्नोलॉजी की एक छात्रा कोरोना संक्रमित हो गई। अधिकारियों ने कोरोना संक्रमित छात्रा को उसके घर भेज दिया है। उसके साथ कमरे में रह रहे तीन अन्य छात्राओँ को आइसोलेशन में रखा है। इसके चलते उस्मनिया विश्वविद्यालय में हड़कंप मच गया।
आपको बता दें कि दो महीने पहले ही उस्मानिया विश्वविद्यालय के हॉस्टल खुले हैं। धीरे-धीरे छात्रावासों में छात्र-छात्राएं गांवों से लौट आ रहे हैं। दस दिन पहले उस्मानिया विश्वविद्यालय के तीन महिला छात्रावास पूरी तरह से भर गये हैं। इसके चलते अधिकारियों ने एक या दो रहने वाले कमरों में तीन या चार छात्राओं को रखना शुरू कर दिया। इसी बीच उस्मानिया विश्वविद्यालय के मेन वुमन हॉस्टल में एमएससी बायोटेक्नोलॉजी की पढ़ाई कर रही एक छात्रा चार दिन से तेज बुखार से पीड़ित थी।
बुधवार को छात्रा का कोरोना टेस्ट किया गया। उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। यह देख अधिकारियों ने उस छात्रा को उसके गांव भेज दिया। और उसके साथ कमरे में रह रहे तीन अन्य छात्राओं को एहतियात के तौर पर आइसोलेशन में भेज दिया हैं।
दूसरी ओर छात्र संगठनों ने आरोप लगाया कि अधिकारियों की लापरवाही के कारण महिला छात्रावास में कोरोना वायरस फैल गया है। उन्होंने कहा कि छात्रावासों में कोविड नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। इतना ही नहीं, छात्राओं को सैनिटाइजर भी नहीं दिया जा रहा है। छात्राओं में बुखार की जांच भी नहीं की जा रही है। पर्याप्त कमरे नहीं होने के कारण अधिकतर छात्राओं को एक ही कमरों में रखा जा रहा है। छात्र संगठनों ने मांग की है कि अधिकारी कोरोना नियमों का पालन करने के लिए आवश्यक कदम उठाये। साथ ही छात्रावास में रह रही सभी छात्राओं का आरटीपीसीआर परीक्षण किया जाये।