केंद्रीय हिंदी संस्थान हैदराबाद: 445वां ऑनलाइन नवीकरण पाठ्यक्रम सम्पन्न, इस विषय पर डाला गया प्रकाश

हैदराबाद : केंद्रीय हिंदी संस्थान, हैदराबाद केंद्र की ओर से महाराष्ट्र राज्य के अमरावती जिले के हिंदी अध्यापकों के लिए आयोजित 445वें ऑनलाइन नवीकरण पाठ्यक्रम का समापन समारोह ज़ूम ऐप के माध्यम से संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो बीना शर्मा (निदेशक केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा) ने की। मुख्य अतिथि के रूप में स्थानीय भाषाएँ एवं सुगम्यता, माइक्रोसॉफ्ट, भारत, गुड़गाँव के निदेशक बालेंदु शर्मा दाधीच उपस्थित थे। डॉ गंगाधर वानोडे (क्षेत्रीय निदेशक, केंद्रीय हिंदी संस्थान, हैदराबाद केंद्र) इस नवीकरण पाठ्यक्रम के संयोजक रहे हैं।

डॉ गंगाधर वानोडे ने अतिथियों का किया स्वागत

अमरावती जिले के हिंदी अध्यापक कुशल पत्रे ने गणेश स्तुति तथा हिंदी अध्यापिका श्रीमती मीरा देशमुख ने सरस्वती वंदना की प्रस्तुति दी। हिंदी अध्यापिका श्रीमती वैशाली काकडे ने अपने मधुर वाणी में ‘भारत जननी एक हृदय हो’ संस्थान गीत गाया। श्रीमती वैष्णवी ने ‘फूल पल्लव कली कली अन करत स्वागतम्’ स्वागत गीत प्रस्तुत किया। डॉ गंगाधर वानोडे ने अतिथियों का स्वागत एवं परिचय दिया। इस दौरान उन्होंने नवीकरण पाठ्यक्रम का प्रतिवेदन भी प्रस्तुत किया।

ए मेरे वतन के लोगों

महाराष्ट्र राज्य के अमरावती जिले के हिंदी अध्यापक सुनीता श्रीवास एवं श्री रेमण्ड जोकिव मोसेस ने हिंदी प्रशिक्षण कार्यक्रम के संदर्भ में अपना-अपना मंतव्य दिया। हिंदी अध्यापपिका श्रीमती प्राजक्ता करडे एवं सुनीता श्रीवास ने कविता वाचन किया। श्री सुशील डोंगरदीवे ने देशभक्ति गीत सुनाया। हिंदी अध्यापिका हेमा और कविता ने एक साथ मिलकर देशभक्ति गीत ‘ए मेरे वतन के लोगों’ देश की महान गीतकार दिवंगत लता मंगेशकर जी को समर्पित करते हुए प्रस्तुत किया।

महत्वपूर्ण जानकारी

महाराष्ट्र राज्य के अमरावती जिले के हिंदी अध्यापकों ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अध्यापकों द्वारा दी गई जानकारी हम सभी हिंदी अध्यापकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण रही है और हम आशा दिलाते हैं कि आपके द्वारा दिए गए शिक्षण के हर पहलुओं पर खरे उतरने का प्रयास करेंगे। जिस तरह से 10 दिनों में हमें अध्यापकों ने प्रशिक्षित किया हम सब समझते हैं कि यह कार्यक्रम शिक्षण से संबंधित बहुत महत्वपूर्ण रहा है। हम सभी हिंदी अध्यापकों ने इसका लाभ अवश्य लिया है। हम अपने कक्षाध्यापन में इसका प्रयोग जरूर करेंगे।

अध्यापक हमेशा सीखता है

प्रो बीना शर्मा ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि आचरण में सीखे गये तकनीक जीवन की अनिवार्यता होती है। अध्यापक हमेशा सीखता रहता है और अपने संप्रेषण क्षमता को बढ़ाता रहता है। वे आगे कहती हैं कि हिंदी अध्यापक होना बहुत बड़ी बात है। हम शिक्षक के रूप में छात्रों को क्या दे रहे हैं। अपने कार्य के प्रति शिक्षकों को निष्ठावान बनना चाहिए। सहज उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि संवादात्मक रूप से अध्यापकों का छात्र के प्रति कैसा व्यवहार होना चाहिए। ज्ञानार्जन, भाषाई कौशलों-क्षमताओं के विकास के साथ-साथ चरित्र निर्माण, राष्ट्रीय भावना को सुदृढ़ करना चाहिए। शिक्षण को संप्रेषणात्मक बनाना चाहिए और इसे केवल औपचारिकता ही न माने बल्कि इसे जीवन में भी उतारें। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को ढेर सारा शुभाशीष प्रदान किया।

साक्षरता लक्ष्य

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बालेंदु शर्मा दाधीच ने अपने व्यक्तव्य में प्रौद्योगीकी विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कोरोना काल में प्रौद्योगीकी ऑनलाइन की भूमिका निभा रही है। साक्षरता पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि साक्षरता को कैसे बढ़ाया जाय। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में भारत देश में तीन चौथाई अर्थात् 75 प्रतिशत साक्षरता बढ़ी है और इसे आने वाले समय में 80 प्रतिशत साक्षरता बढ़ सकती है। सफल और सक्षम जागरूक समाज दुनिया में बढ़ेंगे। शिक्षा के क्षेत्र में प्रौद्योगीकी का विकास बढ़ने से ज्ञान और शोध की क्षमता बढ़ रही है। प्रभावी अध्यापन के लिए आधुनिक तंत्रज्ञान का उपयोग करना बहुत जरूरी है। साक्षरता की व्याख्या बदल चुकी है। सिर्फ पढ़ने-लिखते आना यह साक्षर होने का प्रमाण नहीं है। बल्कि संगणक का ज्ञान होना भी साक्षरता है। उन्होंने सभी हिंदी प्रतिभागियों को अपना आशीर्वचन एवं शुभकामनाएँ दीं।

पर-परीक्षण

डॉ योगेंद्रनाथ मिश्र और डॉ. सुरेश कुमार मिश्र अतिथि अध्यापकों ने अपने आशीर्वचन में कहा कि इस नवीकरण पाठ्यक्रम के प्रतिभागियों ने समापन कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक भाग लिया है। आशा है नवीकरण पाठ्यक्रम में प्राप्त ज्ञान से वे कक्षा में अपने विद्यार्थियों को लाभान्वित करें। इस ऑनलाइन नवीकरण पाठ्यक्रम में महाराष्ट्र राज्य के अमरावती जिले के कुल 107 (महिला-46 और पुरुष-61) हिंदी अध्यापकों ने नियमित प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस दौरान प्रतिभागियों का ‘पर-परीक्षण‘ लिया गया तथा फीडबैक फॉर्म (प्रतिपुष्टि पत्रक) भरा गया। हिंदी अध्यापकों ने समापन समारोह में उत्साह के साथ भाग लिया। कार्यक्रम का सफल संचालन हिंदी अध्यापक कुशल पत्रे द्वारा किया गया तथा डॉ राजेश मतानी ने आभार एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। राष्ट्रगान के साथ समारोह समाप्त हुआ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Posts

Recent Comments

    Archives

    Categories

    Meta

    'तेलंगाना समाचार' में आपके विज्ञापन के लिए संपर्क करें

    X