मिश्र धातु निगम में ‘वैज्ञानिक एवं तकनीकी लेखन में हिंदी का प्रयोग: वर्तमान और भविष्य’ विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार

हैदराबाद : रक्षा मंत्रालय के उद्यम मिश्र धातु निगम लिमिटेड (मिधानि) (Mishra Dhatu Nigam Limited (MIDHANI) में विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर ‘वैज्ञानिक एवं तकनीकी लेखन में हिंदी का प्रयोग : वर्तमान और भविष्य’ विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया।

अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ संजय कुमार झा ने बल दिया…

वेबिनार का उदघाटन करते हुए मिधानि के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ संजय कुमार झा ने वेबिनार के सभी प्रतिभागियों को विश्व हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ दी और कहा कि हिंदी में तकनीकी एवं वैज्ञानिक विषयों पर लेखन से ही हिंदी का सशक्त प्रचार-प्रसार हो सकता है। मिधानि में यह कार्य सुनियोजित ढंग से किया जा रहा है। यहाँ के इंजीनियरों को हिंदी में लेखन के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, उनके लेख कार्यालय की गृह पत्रिका में प्रकाशित किए जाते हैं। यह कार्य पिछले 10 वर्षों से निरंतर चल रहा है। हिंदी में तकनीकी लेखन के लिए ‘मिधानि राजभाषा गौरव पुरस्कार’ भी दिया जाता है।

निदेशक (वित्त) एन गौरी शंकर राव ने सुझाव दिया…

इस अवसर पर मिधानि के निदेशक (वित्त) एन गौरी शंकर राव ने कहा कि जब तक हिंदी में बात करने, लिखने और विशेष रूप से विज्ञान व तकनीकी लेखन में हिंदी का प्रयोग नहीं बढ़ेगा तब तक हिंदी को हम सही रूप में राजभाषा का दर्जा नहीं दे पाएँगे। उन्होंने विश्व हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए सभी वैज्ञानिकों एवं इंजीनियरों से आग्रह किया कि वे अपने शोध और तकनीकी साहित्य का लेखन अधिक से अधिक हिंदी में करने का प्रयास करें।

लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज डॉ जयंती प्रसाद नौटियाल ने अपने संबोधन में…

वेबिनार के प्रथम वक्ता लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज डॉ जयंती प्रसाद नौटियाल, उमप्र (राजभाषा), सेनि, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने वेबिनार के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्विक संदर्भ में हिंदी में वैज्ञानिक एवं तकनीकी लेखन धीमी गति में चल रहा है, इसे गति प्रदान करने की आवश्यकता है। तकनीकी लेखन विशेष लेखन का क्षेत्र है। भारत के वैज्ञानिकों को चाहिए कि वे तकनीकी साहित्य का लेखन हिंदी में करें और उसे विश्व भर में प्रसारित करें। वैज्ञानिक व तकनीकी लेखकों का एक डेटाबेस बनाना चाहिए।

उन्होंने भारत सरकार के सभी कार्यालयों से सुझाव दिया कि वे अपने यहाँ होने वाले तकनीकी लेखन को अपनी-अपनी वेबसाइट पर प्रदर्शित करें। उन्होंने राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार से आग्रह किया कि वे अपनी वेबसाइट पर माह के साहित्यकारों के साथ-साथ वैज्ञानिक साहित्यकारों की जानकारी भी प्रदर्शित करें।

डॉ विजय कुमार मल्होत्रा ने कहा…

इस अवसर पर द्वितीय वक्ता भारत के महामहिम राष्ट्रपति से सम्मानित डॉ विजय कुमार मल्होत्रा, निदेशक (राजभाषा), सेनि, रेल मंत्रालय, भारत सरकार ने अपने व्याख्यान में विश्व के विभिन्न देशों में राजभाषा की स्थिति के साथ राजभाषा हिंदी की तुलना की। उन्होंने सुझाव दिया कि हिंदी को राजभाषा के रूप में सुदृढ़ बनाने के लिए हिंदी में तकनीकी लेखन को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। हिंदी में रोजगार के बढ़ने से ही हिंदी की मांग बढ़ेगी। तकनीकी क्षेत्र में कम करने वाले कर्मियों को चाहिए कि वे हिंदी सीखें और हिंदी में तकनीकी लेख लिखने का अभ्यास करें।

इस अवसर पर उन्होंने शिक्षा नीति में उल्लिखित मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा की ओर प्रतिभागियों का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि मातृभाषा के साथ-साथ हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं का भी सम्यक ज्ञान आवश्यक है। भाषा की अस्मिता को जब तक हम भारतीय नहीं समझेंगे तब तक हम अपनी भाषाओं को विश्व की मुख्य भाषाओं में शामिल नहीं कर पाएँगे। विश्व के विभिन्न देशों में हिंदी के लिए स्वीकृति उसकी मांग पर निर्भर करेगी।

होमनिधि शर्मा ने बोले…

वेबिनार के मार्गदर्शक नराकास (उपक्रम) के सदस्य सचिव होमनिधि शर्मा, उप महाप्रबंधक (मा संसा-राजभाषा), बीडीएल ने वेबिनार पर अपनी टिप्पणी करते हुए कहा कि विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर तकनीकी विषयों पर संगोष्ठी करना हिंदी को सुदृढ़ करने का एक सार्थक प्रयास है। उन्होंने हिंदी में वैज्ञानिक एवं तकनीकी लेखन के लिए दक्षिण भारत के प्रयासों को रेखांकित करते हुए नराकास (उपक्रम) हैदराबाद-सिकंदराबाद द्वारा प्रकाशित पत्रिका ‘पथिक’ एनएमडीसी द्वारा आयोजित की जाने वाली तकनीकी संगोष्ठियों और उनसे संबंधित संस्मारिकाओं तथा डीआरडीओ द्वारा संचालित अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन व तत्संबंधी संस्मारिकाओं में प्रकाशित तकनीकी सामग्री की जानकारी साझा की।

संचालन डॉ बी बालाजी और धन्यवाद ज्ञापन वासुदेव

मिधानि द्वारा आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार में देश के विभिन्न शैक्षणिक व तकनीकी संस्थाओं के भाषा प्रेमियों ने सहभागिता की। वेबिनार का संचालन उद्यम के उप प्रबंधक (हिंदी अनुभाग एवं निगम संचार) डॉ बी बालाजी ने किया। मुख्य वक्ताओं का संक्षिप्त परिचय डॉ सौरभ दीक्षित, प्रबंधक (अनुसंधान एवं विकास) ने दिया और धन्यवाद ज्ञापन श्री वासुदेव हिंदी अनुवादक ने किया। कार्यक्रम के आयोजन में हिंदी अनुभाग की कनिष्ठ कार्यपालक श्रीमती रत्ना कुमारी का सक्रिय योगदान रहा है।

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