कौशल विकास घोटाला मामले (Skill Development Scam Case) में गिरफ्तार पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी नेता नारा चंद्रबाबू नायडू को विजयवाड़ा एसीबी कोर्ट ने इस महीने की 22 तारीख तक न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है। नतीजतन, पुलिस भारी सुरक्षा के बीच एपी के पूर्व मुख्यमंत्री को हाईवे पर राजमंड्री सेंट्रल जेल ले गई। विजयवाड़ा एसीबी कोर्ट से राजमंड्री पहुंचने में 5 घंटे से ज्यादा का समय लगा क्योंकि उस समय भारी बारिश हो रही थी। जेल अधिकारियों ने अदालत के आदेश के अनुसार बाबू के लिए स्नेहा ब्लॉक में एक विशेष कमरा तैयार किया। उन्हें कैदी नंबर 7691 आवंटित किया गया। जेल के पास 300 पुलिसकर्मियों की भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इस बीच, कोर्ट ने चंद्रबाबू को घर के खाने के साथ दवाइयां देने की इजाजत दे दी। सुरक्षा कारणों से अधिकारियों को अन्य कैदियों से अलग विशेष व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया। लेकिन उनके वकील बाबू को जमानत दिलाने की कोशिश कर रहे हैं। एसीबी कोर्ट में जमानत याचिका दायर की गई।
सीआईडी ने भी चंद्रबाबू को जांच के लिए न्यायिक रिमांड पर सौंपने के लिए अदालत में याचिका दायर की है। चंद्रबाबू की गिरफ्तारी के मद्देनजर टीडीपी ने सोमवार को राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है। आंध्र प्रदेश में पुलिस ने धारा 144 लगा दी है। स्पष्ट किया गया है कि रैलियों और बैठकों की अनुमति नहीं है। बंद शांति पूर्वक संपन्न हुआ। रविवार को सुबह चंद्रबाबू को एसीबी कोर्ट में पेश करने वाली सीआईडी ने 28 पेज की रिमांड रिपोर्ट सौंपी। इस मामले में 2021 में एफआईआर दर्ज की गई है और जांच के लिए चंद्रबाबू को 15 दिन की हिरासत में लेने को आग्रह किया। चंद्रबाबू की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वकील सिद्धार्थ लूथरा और सीआईडी की ओर से एडिशनल एजी पोन्नावोलू सुधाकर रेड्डी ने दलीलें सुनवाई। रविवार सुबह 8 बजे से दोपहर 2.30 बजे तक बहस चलती रही। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आखिरकार शाम करीब साढ़े छह बजे सीबीआई कोर्ट के जज ने चंद्रबाबू को 14 दिन की रिमांड पर भेज दिया।
कौशल विकास मामले में विजयवाड़ा एसीबी कोर्ट द्वारा टीडीपी नेता चंद्रबाबू को 14 दिन की रिमांड दिए जाने पर दिवंगत नेता एनटीआर की पत्नी और वाईसीपी नेता लक्ष्मी पार्वती ने अहम टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि इतने सालों बाद चंद्रबाबू नायडू के पाप घड़ा फूट चुका हैं। उन्होंने कहा कि उनके पति एनटीआर ने उनसे कहा था कि चंद्रबाबू भ्रष्ट हैं। पार्टी और पद छीनने वाले और एनटीआर को मानसिक यातना देने वाले चंद्रबाबू को इतने सालों बाद सजा मिली है। कौशल विकास मामले में चंद्रबाबू को रिमांड पर लेने से उन्हें खुशी हो रही है। इसके अलावा, मंत्री और वाईएसआरसीपी विधायक रोजा ने चंद्रबाबू को अदालत द्वारा रिमांड पर लिए जाने पर खुशी व्यक्त की। उनके गृह निर्वाचन क्षेत्र नगरी में आतिशबाजी कर जश्न मनाया गया और मिठाई भी बांटी। इसके अलावा चंद्रबाबू की रिमांड को लेकर आंध्र प्रदेश में काफी तनाव है। कुल मिलाकर एक ओर वाईएसआरसीपी के नेता और कार्यकर्ता जश्न मना रहे हैं तो दूसरी ओर तेलुगु देशम पार्टी के नेता और कार्यकर्ता गुस्से से जल रहे हैं। इनके अलावा चंद्रबाबू की गिरफ्तारी पर मिलीजुली प्रतिक्रिया है।
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कौशल विकास मामले में विजयवाड़ा एसीबी कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को 14 दिनों की रिमांड देकर थोड़ी राहत दी है। अदालत ने जेल में चंद्रबाबू के लिए घर का खाना और दवा की अनुमति दी। अदालत ने जेल अधिकारियों को उक्त सुविधा की अनुमति देने का आदेश जारी किया। इसके अलावा, अधिकारियों को जेल में चंद्रबाबू के लिए एक अलग कमरा आवंटित करने का आदेश दिया। इस बीच चंद्रबाबू की ओर से वकीलों ने कोर्ट में याचिका दायर कर चंद्रबाबू को जेल में अलग कमरा, घर का खाना और दवा की सुविधा देने की इजाजत मांगी थी। मामले की सुनवाई करने वाली अदालत ने उपरोक्त आदेश जारी किये।
इससे पहले विजयवाड़ा एसीबी कोर्ट ने कौशल विकास घोटाला मामले में आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नारा चंद्रबाबू नायडू को 14 दिन की न्यायिक रिमांड देकर बड़ा झटका दिया। चंद्रबाबू को रिमांड पर लेने के बाद चंद्रबाबू के वकीलों ने तुरंत एसीबी कोर्ट में दो याचिकाएं दायर कीं। चंद्रबाबू की स्थिति, उम्र, स्वास्थ्य और एनएसजी की सुरक्षा को देखते हुए उनकी रिमांड को हाउस अरेस्ट मानने की याचिका दायर की गई। अदालत ने सीआईडी अधिकारियों को इन याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। इस बीच, सीआईडी अधिकारियों ने चंद्रबाबू को हिरासत में देने के लिए अदालत में याचिका दायर की। याचिका में सीआईडी ने कोर्ट से अनुरोध किया कि कौशल विकास घोटाले के संबंध में कुछ और जानकारी हासिल की जानी है। इसीलिए चंद्रबाबू को हिरासत में दिया जाये।
कौशल विकास निगम भ्रष्टाचार के आरोप में शनिवार सुबह नंद्याला में गिरफ्तार किए गए चंद्रबाबू को रविवार सुबह विजयवाड़ा में एसीबी अदालत में पेश किया गया। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लुद्रा ने चंद्रबाबू की ओर से बहस की, जबकि अतिरिक्त महाधिवक्ता पोन्नावोलु सुधाकर रेड्डी, अधिवक्ता वेंकटेश और अन्य ने राज्य सरकार की ओर से बहस की। दोनों पक्षों के करीब 15 वकीलों ने रविवार सुबह से दोपहर 2.30 बजे तक कई मुद्दों पर लंबी दलीलें पेश कीं। मजिस्ट्रेट ने शाम 6.48 बजे फैसला सुनाते हुए कहा कि जांच प्रक्रिया आखिरकार पूरी हो गई है।
चंद्रबाबू की ओर से बोलते हुए सुप्रीम कोर्ट के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कोर्ट को बताया कि यह मामला राजनीति से प्रेरित और दुर्भावनापूर्ण इरादे से दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक मकसद से चंद्रबाबू को इस मामले में फंसाने की कोशिश की गई है। उन्होंने याद दिलाया कि दो साल पहले इस मामले में एफआईआर दर्ज होने के बावजूद चंद्रबाबू का नाम शामिल नहीं किया गया। पुलिस की ओर से सौंपी गई 28 रिमांड रिपोर्ट में कहा गया है कि चंद्रबाबू के खिलाफ इन आरोपों से जुड़ी 34 धाराओं के तहत आरोप दर्ज किए गए हैं। कोर्ट ने एडिशनल एजी से पूछा कि इस मामले में अब तक चंद्रबाबू को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया। चंद्रबाबू के खिलाफ रिमांड रिपोर्ट में उल्लिखित धारा 409 पर सिद्धार्थ लूथरा ने एसीबी कोर्ट में जमकर बहस की और कहा कि यह धारा लगाने का पर्याप्त आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि सीआईडी ने चंद्रबाबू के अधिकारों का हनन करने का काम किया है।
सिद्धार्थ लूथरा ने अदालत का ध्यान इस ओर दिलाया कि चंद्रबाबू की गिरफ्तारी के पीछे राजनीतिक दबाव हैं। उन्होंने पहले पंजाब मनिंदर सिंह के मामले का जिक्र करते हुए जोर दिया कि रिमांड रिपोर्ट को खारिज कर दिया जाना चाहिए क्योंकि इसमें पर्याप्त आधार नहीं है। अदालत को समझाया गया कि चूंकि चंद्रबाबू पूर्व मुख्यमंत्री है, इसलिए चंद्रबाबू को गिरफ्तार करने से पहले राज्यपाल से अनुमति लेनी होगी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17 भी यही कहती है। लेकिन सीआईडी पुलिस ने चंद्रबाबू की गिरफ्तारी को लेकर राज्यपाल से कोई इजाजत नहीं ली। उन्होंने कोर्ट से इस रिमांड रिपोर्ट को खारिज करने की अपील की।
सरकार की ओर से एडिशनल एजी पोन्नावोलू सुधाकर रेड्डी ने बताया कि चंद्रबाबू नायडू सिर्फ पूर्व मुख्यमंत्री हैं और फिलहाल सिर्फ विधायक हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ स्टेटस पर लागू होता है। केस की सुनवाई में विशेषाधिकार या प्रोटोकॉल के तौर पर नहीं। चूंकि उन्हें सिर्फ विधायक माना जाता है। इसलिए उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को गिरफ्तारी की सूचना दे दी है। इसकी जानकारी तीन माह के भीतर किसी भी समय राज्यपाल को दी जा सकती है। अदालत को यह समझाया गया कि कोई नोटिस जारी करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि आपराधिक अपराध के पुख्ता सबूत है। उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी के 24 घंटे के अंदर उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में आठ लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
अदालत ने एडिशनल एजी से पूछा कि दो साल पहले इस मामले में एफआईआर दर्ज होने के बावजूद उन्हें बिना गिरफ्तारी के अब फैसला क्यों लेना पड़ा। उन्होंने पूछा कि उस एफआईआर में चंद्रबाबू का नाम क्यों नहीं था। उन्होंने सवाल किया कि क्या चंद्रबाबू की भूमिका पर प्राथमिक सबूत हैं। इसके जवाब में एडिशनल एजी ने बताया कि रिमांड रिपोर्ट में सभी बिंदुओं को शामिल किया गया है और इस मामले में उनके संबंध की पुष्टि के लिए सभी विवरण और सबूत मौजूद हैं।
कौशल विकास घोटाले के मामले में टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू को सीआईडी पुलिस ने नंद्याला के आरके फंक्शन हॉल से गिरफ्तार किया। इसके चलते एक बार फिर कौशल विकास घोटाले की चर्चा शुरू हो गई है। इस घोटाले की पूरी जानकारी इस प्रकार है- 2015 में जब चंद्रबाबू सीएम थे, तब सरकार ने कौशल विकास के लिए सीमेंस और डिजाइन टेक कंपनियों के साथ एक समझौता किया था। यह परियोजना 3,356 करोड़ रुपये की लागत से शुरू की गई थी। उस वक्त आरोप लगे थे कि 371 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई।
इसके साथ ही जगन सरकार ने 2020 में जांच के आदेश दिए। 10 दिसंबर 2020 को विजिलेंस और फरवरी 2021 में एसीबी ने मामले की जांच की। बाद में यह केस सीआईडी को ट्रांसफर कर दिया गया। सीआईडी ने कहा कि इस भ्रष्टाचार घोटाले में चंद्रबाबू का नाम A1 और अच्चेन्नायडू का A2 है। सीआईडी पुलिस ने इस मामले में चंद्रबाबू को धारा 120(बी), 166, 167, 418, 420, 465, 468, 471, 409, 201, 109 रेड के साथ 34, 37 धाराओं के तहत गिरफ्तार किया। पुलिस ने चंद्रबाबू के खिलाफ सीआईडी एक्ट की धारा 12, 13(2) रेड के साथ (1) (सी)(डी) दर्ज किया।
मंगलवार को चंद्राबाबू की जमानत याचिका पर सुनवाई होगी। जमानत मिलेगी या नहीं यहां पर मुख्य नहीं है। चर्चा का विषय यह है कि इतने प्रसिद्ध नेता को जेल भेजने का परिणाम आने वाले चुनाव पर कैसे पड़ेगा और जेल भेजने वाली वाईएस जगन मोहन रेड्सडी की सरकार कैसे सामना करेगी? जल्द ही होने वाले चुनाव में देखने को मिलेगा।