हैदराबाद: दुनिया में हड़कंप मचाने वाले टीआरएस विधायक खरीद-फरोख्त मामले में नया मोड़ आया है। पुलिस ने इस मामले में तीनों आरोपियों को 27 अक्टूबर एसीबी कोर्ट में पेश किया। हालांकि, एसीबी जज ने तीनों की रिमांड खारिज कर दिया। जज ने उचित साक्ष्य के अभाव के चलते रिमांड पर लेने से मना कर दिया गया।
खबर है कि जज ने कहा कि इस मामले में प्रिवेंशन ऑफ करप्शन पीसी एक्ट लागू नहीं होता। आरोपों में उल्लिखित धन और उससे संबंधित सबूत नहीं होने के कारण न्यायाधीश ने रिमांड को खारिज कर दिया। जज ने पुलिस को सीआरपीसी की धारा 41 के तहत नोटिस जारी करने का आदेश दिया।
पिछले दिनों ‘वोट के बदले नोट मामले’ में 50 लाख रुपये जब्त किए गए थे, तब हड़कंप मच गया था। ताजा घटना में खबरें आई कि टीआरएस के एक विधायक को 100 करोड़ और अन्य विधायकों को 50 करोड़ रुपये दिये जाने की कोशिश की गई। इस मामले में सतीश शर्मा उर्फ रामचंद्र भारती (स्वामीजी), नंदकुमार और सिम्हायाजी को पुलिस ने हिरासत में लिया।
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दिल्ली के बाहरी इलाके फरीदाबाद (पंजाब) के एक मंदिर में सतीश शर्मा पुजारी है। सिंहायाजी स्वामीजी तिरुपति में श्रीमनाथ राजा पीठम के अध्यक्ष हैं। टीआरएस नेताओं का कहना है कि हैदराबाद के कारोबारी नंदकुमार केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी के करीबी हैं।
टीआरएस विधायक पायलट रोहित रेड्डी (तांडूर), बीरम हर्षवर्धन रेड्डी (कोल्लापुर), रेगा कांता राव (पिनपाका) और गुव्वला बालराजू (अच्चमपेट) ने आरोप लगाया है कि उपरोक्त तीनों ने पार्टी बदलने पर उन्हें पद, अनुबंध और मोटी रकम देने का आश्वासन दिया है। साइबराबाद सीपी स्टीफन रवींद्र ने कहा कि घटना की जांच की जाएगी और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इसी क्रम में मामले में हिरासत में लिये गये सतीश शर्मा उर्फ रामचंद्र भारती (स्वामीजी), नंदकुमार और सिम्हायाजी का पता नहीं है। कानून के अनुसार, हिरासत में लिये गये आरोपियों को कोर्ट में पेश में किया जाना चाहिए। एसीबी जज के तीनों की रिमांड खारिज कर दिये जाने के बाद से इन तीनों का पता नहीं चल पा रहा है।