हैदराबाद : लद्दाख सेक्टर में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू को मंगलवार को मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से उनकी मां और पत्नी ने महावीर चक्र प्राप्त किया।
इनके अलावा वीरता का सम्मान वीर चक्र संघर्ष में शहीद हो चुके चार अन्य सैनिकों को भी सम्मानित किया गया। सोमवार को हुए अलंकरण समारोह में विंग कमांडर अभिनंदन सहित अन्य वीर जवानों को उनकी बहादुरी के लिए सम्मानित किया गया।
आपको बता दें कि गलवान घाटी में ऑपरेशन स्नो-लैपर्ड के दौरान चीनी सेना के साथ हुई हिंसक झड़प में कर्नल संतोष बाबू सहिच 21 जवान शहीद हो गये थे। इन सभी सैनिकों को मरणोपरांत भारत के दूसरे सबसे बड़े वीरता पुरस्कार महावीर चक्र से आज सम्मानित किया गया।
इसके अलावा जिन चार सैनिकों को मरणोपरांत वीर चक्र दिया गया हैं- उनमें नायब सूबेदार नूदूराम सोरेन (16 बिहार), हवलदार के पिलानी (81 फील्ड रेजीमेंट), नायक दीपक कुमार ( आर्मी मेडिकल कोर-16 बिहार) औररि सिपाही गुरजेत सिंह (3 पंजाब) शामिल हैं। इस साल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर गलवान घाटी में वीरगति को प्राप्त हुए सैनिकों को उनके अदम्य साहस और बहादुरी के लिए उन्हें वीर चक्र दिए जाने की घोषणा की गई थी।
तेलंगाना सरकार ने भी संतोष बाबू परिवार के साथ खड़ी हो गई थी। इसी क्रम में मुख्यमंत्री केसीआर ने संतोष बाबू के परिवार को 5 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि, रहने की जगह और उनकी पत्नी को ग्रुप 1 स्तर की नौकरी दी। सूर्यपेट कोर्ट चौराह में संतोष बाबू की कांस्य प्रतिमा स्थापित की है।