हैदराबाद : अपनी शिष्या के साथ रेप के मामले में गुजरात के गांधीनगर की कोर्ट ने आसाराम बापू को उम्र कैद की सजा सुनाई है। सत्र न्यायालय के न्यायाधीश डीके सोनी ने सोमवार कोआसाराम को दोषी ठहराया था। मंगलवार को मामले पर फैसला होना था। आसाराम 2013 से जेल में बंद हैं। आसाराम को IPC की धारा 376 (2) (सी), 377 (अप्राकृतिक यौनाचार) और अवैध रूप से बंधक बनाने से जुड़ी धारा में दोषी ठहराया गया है।
81 वर्षीय आसाराम बापू वर्तमान में जोधपुर जेल में है। वहीं, सूरत की अदालत में नारायण साईं के खिलाफ एक अलग मुकदमा चल रहा है। दो बहनों ने आसाराम और उनके बेटे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि 1997 से 2006 के बीच आसाराम और उनके बेटे द्वारा संचालित मोटेरा आश्रम में उनके साथ दुष्कर्म किया गया था।
सूरत की रहने वाली युवतियों ने अक्टूबर 2013 में आसाराम और सात अन्य के खिलाफ रेप और अवैध तरीके से कैद रखने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था। छोटी बहन ने नारायण साईं और बड़ी बहन ने आसाराम के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। एक आरोपी की सुनवाई के दौरान मौत हो गई। जुलाई 2014 में मामले में आरोप पत्र दायर किया गया था।
आसाराम को 31 अगस्त 2013 को जोधपुर पुलिस ने रेप के एक दूसरे मामले में गिरफ्तार किया था। तब से वो जेल में बंद है। आसाराम को एक अन्य मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। 2013 में एक शिष्या के साथ रेप के आरोप में जोधपुर की अदालत में उन्हें 2018 में उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
आसाराम बापू के अलावा केस में आरोपी बनाए गए पत्नी, बेटे और अन्य तीन लोगों को कोर्ट ने सबूतों के अभाव में सोमवार को बरी कर दिया था। आसाराम को यौन उत्पीड़न मामले में धारा 376 और 377 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। लोक अभियोजक आरसी कोडेकर ने बताया कि कोर्ट ने पीड़िता को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने का भी आदेश दिया है। (एजेंसियां)