हैदराबाद : सांसद कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी ने मलकाजगिरी के सांसद रेवंत रेड्डी को टीपीसीसी अध्यक्ष पद मिलने पर गंभीर हो गये हैं। उन्होंने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वह अब गांधी भवन की सीढ़ियां कभी नहीं चढेंगे। उन्होंने रविवार को मीडिया से यह बात कही है। साथ ही कहा कि वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी की आलोचना नहीं करेंगे और निर्वाचन क्षेत्र के लोगों तक सीमित रहेंगे।
कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी ने आगे कहा, “टीडीपी से आये नेता मुझसे न मिले। टीपीसीसी अब टीडीपीपीसीसी बन गई है। वोट के बदले नोट मामले में रेवंती रेड्डी ने कैसे पैरवी की थी उसी तरह पीसीसी पद के लिए भी किया है। पीसीसी पद को प्रदेश के प्रभारी मनकीत टैगोर ने बेचा है और पार्टियां बदलने वालों को ही पद मिल रहे हैं। मेरे कार्यकर्ता मेरे राजनीतिक भविष्य का फैसला करेंगे। कार्यकर्ताओं का कहना है कि कांग्रेस पर विश्वास करने वालों के साथ अन्याय हुआ है। नई कार्यकारिणी हुजूराबाद उपचुनाव में डिपाजिट लेकर बताये।”
कोमाटिरेड्डी ने कहा कि वह अब अपने निर्वाचन क्षेत्र और जिले तक ही सीमित रहेंगे। वेंकट रेड्डी ने आरोप लगाया कि पीसीसी पद को प्रभारी ने बेचा है और इसका जल्द ही सबूतों के साथ खुलासा करेंगे। टीपीसीसी पद आम आदमी को मिलने की उम्मीद थी। मैं एक कार्यकर्ता से यहां तक पहुंचा हूं। इस फैसले से कार्यकर्ताओं के साथ न्याय नहीं होगा।
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आपको बता दें कि शनिवार शाम को जब टीपीसीसी अध्यक्ष के रूप में रेवंत रेड्डी के नाम की घोषणा की गई तो तेलंगाना कांग्रेस में कोहरम मच गया। रेवंत रेड्डी की नियुक्ति का विरोध करते हुए कांग्रेस के नेता किचन्नारेड्डी लक्ष्मा रेड्डी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। एक तरफ रेवंत रेड्डी जश्न मना रहा है तो दूसरी तरफ असंतुष्ट नेता इस्तीफा दे रहे हैं। गौरतलब है कि टीपीसीसी की दौड़ में शुरुआत से ही रेवंत रेड्डी और कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी के बीच काटे की प्रतिद्वंद्विता थी।