हैदराबाद : केंद्रीय हिंदी संस्थान, हैदराबाद केंद्र द्वारा 28 नवंबर से 8 दिसंबर तक अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के हिंदी अध्यापकों के लिए आयोजित नवीकरण पाठ्यक्रम का उद्घाटन समारोह मंगलवार को 1 बजे आयोजित किया गया। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता क्षेत्रीय निदेशक डॉ गंगाधर वानोडे ने की। राज्य शिक्षा संस्थान, पोर्टब्लेयर के प्राचार्य एवं राज्य परियोजना अधिकारी (समग्र शिक्षा), रवींद्र कुमार सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। आत्मीय अतिथि के रूप में टैगोर शासकीय शिक्षा महाविद्यालय, पोर्टब्लेयर से सेवा निवृत्त प्रोफेसर डॉ राम कृपाल तिवारी तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में राज्य शिक्षा संस्थान, पोर्टब्लेयर के वरिष्ठ संकाय सदस्य आर सेतुक्कराई उपस्थित थे। केंद्रीय हिंदी संस्थान, मैसूर केंद्र के क्षेत्रीय निदेशक डॉ परमान सिंह, विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस पाठ्यक्रम के संयोजक हैदराबाद केंद्र के क्षेत्रीय निदेशक डॉ गंगाधर वानोडे हैं।
अंडमान एवं निकोबार प्रशासन, राज्य शिक्षा संस्थान के प्राचार्य एवं राज्य परियोजना अधिकारी, (समग्र शिक्षा), पोर्टब्लेयर के रवींद्र कुमार सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा कि भाषाविहीन व्यक्ति दरिद्र माना जाता है। अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में लोग बहुभाषी क्षेत्र से आए हुए हैं। इसलिए यहाँ हिंदी के उच्चारण एवं लेखन में गलतियाँ होती हैं। यहाँ के छात्र भी मात्राओं की बड़ी मात्रा में गलतियाँ करते हैं। इन गलतियों को सुधारने का कार्य अध्यापक का है। पहले अध्यापक अपने उच्चारण को सही करें। अध्ययन एवं अध्यापन में दिक्कतें आती हैं। इसका निवारण किया जाना है। केंद्रीय हिंदी संस्थान द्वारा आयोजित इस नवीकरण पाठ्यक्रम के माध्यम से अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के हिंदी अध्यापक इन समस्याओं का समाधान किस प्रकार किया जाए, ऐसी समस्याओं का समाधान सीख सकते हैं।
भाषा के बल पर बहुत सारे कार्य सिद्ध हो जाते हैं। आज हिंदी एवं अंग्रेजी भाषाओं की माँग है। इसलिए दोनों भाषाओं में प्रवीण होना आवश्यक है। कई देशों में स्कूल, कॉलेजों में अध्ययन का माध्यम उनकी अपनी भाषा है। हम भी अपनी भाषा में पढ़कर डॉक्टर, इंजीनियर बन सकते हैं। क्योंकि डॉक्टर जब इलाज करता है तो उसे उस क्षेत्र की भाषा की आवश्यकता होती है। आप हिंदी के अध्यापक हैं। आशा करते हैं कि आपको इस नवीकरण पाठ्यक्रम के माध्यम से अपनी शंकाओं का समाधान प्राप्त होगा एवं बहुत कुछ नया सीखने को मिलेगा। टैगोर शासकीय शिक्षा महाविद्यालय, पोर्टब्लेयर, अंडमान-निकोबार के सेवा निवृत्त प्रोफेसर डॉ रामकृपाल तिवारी ने प्रतिभागियों को संबोधित किया। राज्य शिक्षा संस्थान, पोर्टब्लेयर, अंडमान-निकोबार के वरिष्ठ संकाय सदस्य आर सेतुक्कराई ने उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत एवं परिचय कराया।
केंद्रीय हिंदी संस्थान, हैदराबाद केंद्र के क्षेत्रीय निदेशक एवं पाठ्यक्रम संयोजक डॉ गंगाधर वानोडे एवं केंद्रीय हिंदी संस्थान, मैसूर केंद्र के क्षेत्रीय निदेशक डॉ परमान सिंह ने पाठ्यक्रम से संबंधित जानकारी दी। राज्य शिक्षा संस्थान, पोर्टब्लयर, अंडमान-निकोबार की हिंदी संकाय सदस्य श्रीमती पूनम कुमारी द्वारा कार्यक्रम का सफल संचालन किया गया। धन्यवाद ज्ञापन श्री एल सुकुराजन, संकाय सदस्य, राज्य शिक्षा संस्थान, पोर्टब्लेयर, अंडमान-निकोबार द्वारा दिया गया। इस पाठ्यक्रम में शिक्षा विभाग, अंडमान-निकोबार प्रशासन के अधीन के 9 शैक्षिक अंचल के कुल 49 हिंदी अध्यापकों ने पंजीकरण किया जिसमें 40 महिलाएँ तथा 9 पुरुष अध्यापक शामिल हैं।