दीपमाला जनकल्याण संस्थान का न्यायाधीश/सचिव पूर्णिमा प्रांजल ने किया आकस्मिक निरीक्षण, पाया घोर…

घोर लापरवाही व गैर जिम्मेदाराना व्यवहार का शिकार दिव्यांग बच्चे

अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस

कौशाम्बी (डॉ नरेन्द्र दिवाकर की रिपोर्ट) : 3 दिसंबर 2024 को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा दीपमाला जनकल्याण संस्थान में आवासित दिव्यांगों को कलर किट, चार्टपेपर व फल वितरित किया गया। बच्चों ने चार्ट पेपर पर रंगों के माध्यम से अपनी रचनाओं को उकेरा।

अपर जनपद न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कौशाम्बी (उत्तर प्रदेश) पूर्णिमा प्रांजल ने तिल्हापुरमोड़ पेरई ग्राम पंचायत तहसील चायल जनपद कौशाम्बी स्थित दीपमाला जन कल्याण संस्थान का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि संस्था के प्रमुख पदाधिकारी प्रबंधक दीपक सिंह व समन्वयक अजीत कुमार तिवारी, कार्यालय लिपिक साक्षी अनुपस्थित रहे। कॉल करने पर उन्होंने रिसीव नहीं किया जबकि दूरभाष के जरिए जानकारी अपराह्न में ही दे दी गई थी। संस्था में मौजूद केअर टेकर लल्लू का भी फोन प्रबंधक दीपक सिंह ने नहीं रिसीव किया।

संस्था में कुल 8 बच्चे आवासित हैं, जिनमें से 3 बच्चे पूरी बांह के पहने थे। बाकी 5 बच्चे हॉफ निकर में ही थे। सभी के पास फुटवियर भी नहीं पाए गए। लोअर व मोजे तक नहीं खरीदे गए। रसोईघर में शाम को खाना बनाने के लिए राशन भी पर्याप्त नहीं पाया गया, आटा व चावल के अतिरिक्त कुछ भी नहीं मिला। फ्रिज एकदम खाली थी। सब्जियों के नाम पर 4-6 आलू ही रखे थे। दैनिक आवश्यकता वाली वस्तुओं की भी कमी दिखी। जब सचिव ने दस्तावेज निरीक्षण के लिए मांगा तो बताया गया कि स्टॉक रूम और कार्यालय की चाभी भी प्रबंधक के ही पास है और वह कल से नहीं आए हैं।

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ग्राम प्रधान राम प्रकाश साहू, राजस्व निरीक्षक तहसील चायल सुरेन्द्र सिंह और थाना पिपरी से 1 मुख्य आरक्षी और 2 उपनिरीक्षक की मौजूदगी में कार्यालय को खोलवाकर (जिसमें की एक तरफ से ताला बन्द ही नहीं था पर यह बताया गया था कि ताला बंद है) कर संस्था से संबंधित रजिस्टर्स का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि रहवासियों की उपस्थिति पंजिका, स्टॉक रजिस्टर, बच्चों को लाने-ले जाने व अंडरटेकिंग रजिस्टर में भी भारी अनियमितता है।

स्टॉक रजिस्टर के अनुसार सितम्बर के बाद अभी तक कोई इंट्री नहीं है। चिकित्सकों के आने-जाने व कौन-कौन सी दवाएं रहवासियों को दी जाती हैं, का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। नए बच्चों के आगमन के संबंध में थाना पिपरी के पास कोई सूचना नहीं दी जाती और न ही बच्चों को अभिभावकों द्वारा घर ले जाने पर बिना किसी पहचान पत्र की छायाप्रति ही लिया जाता है। ऐसी स्थिति में दिव्यांग बच्चों के दुरुपयोग होने की संभावना बढ़ जाती है।

आवागमन रजिस्टर के अनुसार 19 जुलाई के बाद से कोई रहवासी घर नहीं गया, जबकि उपस्थित कर्मचारियों द्वारा बताया गया कि कई बच्चे दिवाली पर घर गए तो वापस नहीं आए और संस्था में कुल 8 बच्चे ही मौजूद हैं। संस्था में किसी भी जिम्मेदार पदाधिकारी का उपस्थित न होना और कॉल करने पर भी उपस्थित न होना घोर लापरवाही का संकेत है। इस दौरान राजस्व निरीक्षक तहसील चायल, थाना पिपरी से 1 मुख्य आरक्षी व 2 उपनिरीक्षक, ग्राम प्रधान राम प्रकाश साहू सहित पीएलवी अमरदीप व डॉ. नरेन्द्र दिवाकर मौजूद रहे।

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