हैदराबाद: तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन ने कहा कि महिलाएं हर क्षेत्रों में अदभुत प्रगति हासिल करने के बावजूद समाज में अभी भी उनके साथ भेदभाव किया जाता है। उन्होंने कहा कि महिलाएं चाहे कितनी भी मेहनत कर लें उन्हें उचित सम्मान नहीं मिल रहा है। सर्वोच्च पद पर आसीन महिलाएं भी इससे अछूती नहीं हैं। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में राज्यपाल ने विभिन्न क्षेत्रों की महिलाओं को सम्मानित किया।
इस अवसर राज्यपाल ने कहा, “हम सब समान अधिकारों की मांग कर रहे हैं। फिर भी सभी पदों में और अंततः उच्च पदों पर बैठी महिलाओं के साथ भेदभाव किया जा रहा है। मुझे कोई डरा नहीं सकता। मैं किसी से भी नहीं डरती हूं। हर महिला को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होना चाहिए। स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। हर हाल में खुशी को नहीं छोड़ना चाहिए। निराशा और हताश नहीं होना चाहिए। हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। कुछ भी हासिल करने की लगन और चुनौतियों का सामना करते हुए आगे बढ़ना चाहिए। हर पल का आनंद लें और नये उत्साह के साथ आगे बढ़ें। हाल ही में एक इंटर्व्यू में मुझसे सवाल किया गया कि तमिलनाडु की महिलाओं और तेलंगाना की महिलाओं में क्या अंतर है। मैंने कहा कि सब एक जैसे ही हैं। तेलंगाना की एक बहन होने के नाते मुझे यहां की महिलाओं का रहन-सहन बहुत पसंद है। महिलाओं को पहचानने, उनका सम्मान करने, उनकी मेहनत और उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए हर दिन महिला दिवस की आवश्यकता होनी चाहिए।”
कार्यक्रम के अंतर्गत ‘आज लैंगिक समानता-कल के लिए सतत भविष्य’ (Today Gender Equality-A Sustainable Future for Tomorrow) पर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्रीसुधा, न्यायमूर्ति राधा रानी, न्यायमूर्ति पी माधवी देवी, हैदराबाद की मेयर गद्वाल विजयलक्ष्मी, उप महापौर श्रीलता रेड्डी, विधायक सीताक्का के साथ डॉ पद्मजा रेड्डी (कुचिपुड़ी), नोमुला हेमलता (सामाजिक, चिकित्सा सेवा), प्रीति रेड्डी, सात्विका, जयलक्ष्मी, सीतामहालक्ष्मी, मामिडी रचना को राज्यपाल ने सम्मानित किया। प्रोफेसर अलेख्या पुंजाला समूह ने कुचिपुड़ी बैलेट और गंगा जमुना समूह ने महिला डप्पू वाद्य प्रदर्शित किया। इस कार्यक्रम में लगभग 300 महिलाओं ने भाग लिया।