हैदराबाद: दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा (उच्च शिक्षा और शोध संस्थान) तथा ‘साहित्य मंथन’ के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को खैरताबाद स्थित सभा के सभागार में राष्ट्रीय साहित्यिक समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रतिष्ठित साहित्यकार प्रोफेसर ऋषभदेव शर्मा के सम्मान में प्रकाशित अभिनंदन ग्रंथ ‘धूप के अक्षर’ (भाग 1 व 2) का लोकार्पण किया गया।
इस कार्यक्रम में भारत के पूर्व शिक्षामंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, राष्ट्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कृत और वरिष्ठ साहित्यकार प्रो एन गोपि, अध्यक्ष महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय (वर्धा) के पूर्व अधिष्ठाता प्रोफेसर देवराज, देहरादून से प्रोफेसर पुष्पा खंडूरी, विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रोफेसर गोपाल शर्मा, डॉ अहिल्या मिश्र, डॉ राकेश कुमार शर्मा, डॉ वर्षा सोलंकी और अन्य मंच पर विराजमान थे।
इसी क्रम में अभिनंदन ग्रंथ की संपादक एवं समारोह की समन्वयक डॉ गुर्रमकोंडा नीरजा ने बताया कि ‘धूप के अक्षर’ शीर्षक अभिनंदन ग्रंथ दो ज़िल्दों में प्रकाशित है। लगभग 700 पृष्ठ के इस ग्रंथ में 60 लेखकों के कुल 82 आलेख सम्मिलित हैं।
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इनमें देश भर के विद्वानों और समीक्षकों के साथ-साथ ऋषभदेव शर्मा के अंतरंग मित्रों, सहकर्मियों और शोध छात्रों के संस्मरण और समीक्षाएं शामिल हैं। उन्होंने यह जानकारी भी दी कि विमोचन के उपरांत अभिनंदन ग्रंथ की प्रतियाँ संपादन मंडल और सहयोगी लेखकों को भेंट की जाएगी।
इस कार्यक्रम में नगर के साहित्यकार, लेखक और कवि- डॉ बी बालाजी, डॉ गंगाधर वानोडे, प्रवीण प्रणव, डॉ संगीता, सरिता सुराणा, डॉ सुनीता लुल्ला, डॉ रमा देवी, एफएम सलीम, पूजा भटनागर, परमेश्वर, सुरेश गुगलिया, वेणुगोपाल भट्टड़ और शहर के अनेक लेखक, साहित्यकार, कवि, पत्रकार उपस्थित थे।
इस अवसर पर मंच पर उपस्थित वक्ताओं, ‘धूप के अक्षर’ संपादक मंडल के सदस्यों और साहित्यिक संगठनों के सदस्यों का सम्मान किया गया।