अहमदाबाद (सरिता सुराणा की रिपोर्ट): जैन शासन और तेरापंथ धर्मसंघ के इतिहास में आचार्य श्री महाश्रमण जी के शासन काल में उनके विद्वान शिष्य अग्रगण्य मुनि श्री कुलदीप कुमार जी के सान्निध्य और मुनि श्री मुकुल कुमार जी के निर्देशन में अहमदाबाद की पुण्य धरा पर महान तपस्वियों ने सोलह रंगी तपस्या का अद्भुत अद्वितीय कीर्तिमान स्थापित किया है। इस अवसर पर श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के तत्वावधान में सभी तपस्वियों के तप अभिनंदन का कार्यक्रम सरदार पटेल स्मारक, पुराना राजभवन, शाहीबाग के परिसर में भव्य रूप से आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुनिश्री कुलदीप कुमार जी ने नमस्कार महामंत्रोच्चार से किया और सभी तपस्वियों को उनके निर्धारित लक्ष्य के हिसाब से सामूहिक प्रत्याख्यान करवाया। तेममं की बहिनों ने तपस्या गीत से अनुमोदना करते हुए मंगलाचरण प्रस्तुत किया।
सभा अध्यक्ष कान्तिलालजी चोरड़िया ने स्वागत वक्तव्य दिया। कार्यक्रम के मुख्य संयोजक सुनील बोहरा ने सोलहरंगी तप के संपूर्ण आयोजन की जानकारी श्रावक-श्राविका समाज को प्रदान की। उन्होंने इस सोलहरंगी तपस्या के सम्पूर्ण आयोजन के लाभार्थी सरदारशहर निवासी अहमदाबाद प्रवासी स्व.श्री कन्हैयालालजी और स्व. श्रीमती सोहनीदेवी जम्मड़ की पुण्य स्मृति में प्रदीप जम्मड़ व लक्ष्मी जम्मड़ परिवार द्वारा प्रदत्त सहयोग हेतु जम्मड़ परिवार का धन्यवाद ज्ञापन किया और सम्पूर्ण श्रावक समाज ने ओम् अर्हम की ध्वनि से उनका अभिवादन किया।
मुनिश्री कुलदीप कुमार जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि जैन पंरपरा के इतिहास में बहुत तपस्याएं हुई हैं लेकिन पंद्रह रंगी तपस्या श्रीमद्जयाचार्य की सूझबूझ का परिणाम है। उन्होंने कहा कि अहमदाबाद के तपस्वियों के दृढ़ मनोबल और मुनिश्री मुकुल कुमार जी के निर्देशन में सोलहरंगी तप सानन्द सम्पन्न हुआ। उन्होंने 10 वर्षीय प्रेक्षा पींचा की 9 की तपस्या और 11 वर्षीय उदित बाबेल की 11 की तपस्या के लिए उन्हें साधुवाद दिया और इस महान उपक्रम में सहयोग करने वाले सभी तपस्वियों, संयोजकों, कार्यकर्ताओं और सहयोगियों के प्रति शुभकामनाएं व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भिक्षु शासन जयवंता है, इसमें आगे भी तपस्या के ऐसे कीर्तिमान बनते रहेंगे।
मुनिश्री मुकुल कुमारजी ने अपना प्रेरणादायक वक्तव्य देते हुए कहा कि आचार्यों के आर्शीवाद से मुनि श्री कुलदीप कुमार जी के सान्निध्य में इस सोलहरंगी तप की परिसम्पन्नता पर मन में अपार हर्ष की अनुभूति हो रही है। यह सब तपस्वियों के दृढ़ संकल्प, संयोजकों के श्रम और लाभार्थी परिवार के सहयोग से ही सम्भव हुआ है। इस महान तपोयज्ञ में शासनश्री साध्वी रामकुमारीजी, शासनश्री साध्वी रतनश्रीजी व शासनश्री साध्वी सरस्वतीजी का विशेष सहयोग रहा। उनके द्वारा प्राप्त पत्रों का वाचन मुनिश्री ने किया।
इस अवसर पर संगायक मीनाक्षी भुतोड़िया ने अपने मीठे स्वरों से तप अनुमोदनार्थ गीतिकाओं का संगान किया। तेममं अध्यक्षा चांददेवी छाजेड़, तेयुप अध्यक्ष अरविंद संकलेचा, तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम अध्यक्ष दिनेश चौपड़ा, अणुव्रत समिति अध्यक्ष सुरेश बागरेचा आदि ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए तपस्वियों के प्रति अनुमोदना व्यक्त की। तेरापंथी सभा द्वारा सोलहरंगी तपोयज्ञ में भाग लेने वाले सभी तपस्वियों व कार्यक्रम के लाभार्थी जम्मड़ परिवार का मोमेंटो से सम्मान किया गया। कार्यक्रम का सुन्दर मंच संचालन सभा मंत्री विकास पितलिया ने किया। अगले दिन तपस्वियों के पारणे का कार्यक्रम सभा भवन में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में जम्मड़ परिवार का पूर्ण सहयोग रहा। साथ ही सभी संयोजकों व सभी संस्थाओं के सक्रिय कार्यकर्ताओं का विशेष श्रम रहा।