तेलंगाना : चार और अन्नदाताओं ने कर ली आत्महत्या, यह हैं कारण तथा जिम्मेदार

हैदराबाद : तेलंगाना में चार और अन्नदाताओं ने आत्महत्या कर ली। कई सालों से कर रही खेती को वन अधिकारी उसे छीन लेने के डर से एक किसान, फसल पर किया गया निवेश भी नहीं निकलने पर दो किसान और सरकार की ओर धान खरीदी नहीं करने की चिंता में एक किसान ने आत्महत्या कर ली।

पुलिस और स्थानीय लोगों के अनुसार, राजन्ना सिरिसिल्ला जिले के कोनारावपेट गांव निवासी फणी नरसय्या (52) ने धान की खेती की। फसल पैदावार कम हुई और निवेश रकम भी नहीं निकली। इसी बीच बेटी की शादी भी की। इसके लिए पांच लाख कर्ज हुआ। इसी बीच सरकार ने धान की फसल नहीं लगाने और यासंगी फसल की खरीदी नहीं करने की घोषणा की। कर्ज से परेशान नरसय्या ने गांव के सीमांत क्षेत्र में पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। नरसय्या को पत्नी प्रमिला, एक बेटा अरविंद और एक बेटी हैं।

इसी तरह महबूबनगर जिले के केसमुद्रम गांव निवासी भुक्या बालु (43) ने खुद के 30 एकड़ में मिर्ची की फसल की। दो एकड़ बटई पर ली। इसमें धान की फसल की। खेत में निवेश के लिए पांच लाख रुपये कर्ज लिया। मगर इसी बीच मिर्ची की फसल को वायरस हो गया। अनेक प्रकार की कीटनाशक का छिड़काव किया। मगर कोई लाभ नहीं हुआ। फसल भी संतोषजनक नहीं हुआ। कर्ज की रकम भी नहीं निकली। कर्ज से परेशन बालु ने मकान में कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली। उसे पत्नी भद्रम्मा और दो बच्चे हैं।

दूसरी ओर महबूबनगर जिले पर्वतगिरी में एक और मिर्ची किसान नारपल्ली संपत (29) ने आत्महत्या कर ली। उसने खुद की खेती में मिर्ची की फसल की। मिर्ची और अन्य फसल के लिए लाखों रुपये कर्ज लिया। फसल ठीक नहीं हुई। कर्ज चुकाने का रास्ता नहीं दिखाई देने से बुधवार रात को कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली। मृतक किसान को पत्नी और दो बेटियां है।

इसी क्रम में मेदक जिले के रामायमपेट मंडल के शिवयापेट निवासी मुत्यालु और उसकी मां बालव्वा को सर्वे नंबर 176/13 में 30-30 गुंटा जमीन हैं। खेत में बोरवेल डालकर कईं सालों से खेती कर रहा है। अधिकारियों ने उनके नाम पर पास-पुस्तक भी जारी किया। भू सर्वेक्षण के बाद नया पास पुस्तक जारी किया। दो साल पहले वन अधिकारियों ने मुत्यालु को बताया कि वह जमीन रिजर्व फारेस्ट की है। इसके चलते राजस्व अधिकारी मुत्याला का पास-पुस्तक लेकर चले गये।

तब से उसे रैतु-बंधु योजना की रकम मिलना बंद हो गई। नये पास-बुक के लिए तहसीलदार और जिलाधीश के पास आवेदन किया। विधायक से भी मिला। मगर कोई लाभ नहीं हुआ। मुत्यालु ने अधिकारी उसकी जमीन छीन लेने के डर से खेत में कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने मुत्यालु की पत्नी नरसव्वा की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है।

इसी बीच उप रेंज अधिकारी कुतुबुद्दीन ने कहा कि उनके पास जमीन को जब्त करने का कोई आदेश नहीं है और न ही जमीन पर कब्जा किया है। पुराने अभिलेख बताया गया हैं कि सर्वेक्षण संख्या 176/13 में की भूमि वन क्षेत्र की है।

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