[पूर्व मंत्री वाईएस विवेकानंद रेड्डी हत्या के खुलासा की खबर ने दोनों तेलुगु राज्यों में हड़कंप मचा गया। हर कोई और हर जगह इसी पर चर्चा करते पाये गये। हत्या के कुछ दिन बाद ऐसा लग रहा था कि यह मामला ठंडा हो गया। मगर उनकी बेटी ने साहस के साथ फिर से इस मामले को उठाया। नतीजा आज दुनिया के सामने हैं। आरोपियों को सजा होगी या नहीं यह तो भविष्य में पता चलेगा। इससे पहले जानते है कि विवेकानंद रेड्डी की हत्या कैसे और क्यों हुई? उनके पूर्व कार चालक दस्तगिरी ने इकबालिया बयान क्या कहा है?]
अमरावती : पूर्व मंत्री वाईएस विवेकानंद रेड्डी (विवेकानंद) की हत्या मामले में ‘बड़ों’ की भूमिका सामने आई है। विवेकानंद के पूर्व कार चालक दस्तगिरी ने इकबालिया बयान (confessional statement) में कहा कि कडपा के सांसद वाईएस अविनाश रेड्डी और उनके पिता वाईएस भास्कर रेड्डी का हमें समर्थन और सहयोग होने का सह-आरोपियों मुझे बताया है। वित्तीय लेन-देन के कारण ही की गई। इस हत्या के लिए 40 करोड़ रुपये की सुपारी दी गई और एक योजनाबद्द तरीके से हत्या को अंजाम दिया गया। दस्तगिरी समेत चारों ने मिलकर प्रत्यक्ष रूप से हत्याकांड में हिस्सा लिया। कोर्ट को दिये गये दस्तगिरी के इकबालिया बयान की प्रति शनिवार को अन्य आरोपियों को मिली है।

गौरतलब है कि विवेकानंद रेड्डी की 14- 15 मार्च 2019 आधी रात को पुलिवेंदुला स्थित उनके आवास पर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। सीबीआई अधिकारियों ने अब तक इस हत्या के मामले में चार आरोपियों की भूमिका का होने खुलासा किया। इन चार आरोपियों में दस्तगिरी एक है। दस्तगिरी पहले विवेकानंद के पास कार ड्राइवर के रूप में काम करता था। इनके अलावा विवेकानंद के खेत की देखरेख करने वाले गज्जल उमाशंकर रेड्डी, इनके दोस्त सुनील यादव और विवेकानंद के पूर्व सहयोगी येर्रा गंगी रेड्डी आरोपी है। सीबीआई ने हाल ही में इन चारों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया है। अधिकारियों ने हत्या मामले की जांच के तहत इस साल 31 अगस्त को प्रोद्दुटुर कोर्ट में सीआरपीसी की धारा 161 के तहत दस्तगिरी का बयान दर्ज किया।
बयान में दस्तगिरी ने स्वीकार किया कि उसने गज्जल उमाशंकर रेड्डी, यर्रा गंगी रेड्डी और सुनील यादव के साथ मिलकर विवेकानंद की कुल्हाड़ी से वार कर हत्या की है। दस्तगिरी ने यह भी बताया कि वह विवेकानंद की हत्या करने से पीछे हट गया था। मगर गंगी रेड्डी ने मुझे बताया, “इस हत्या में तू अकेला ही नहीं है… हम भी तेरे साथ आएंगे… और इसके पीछे बड़े-बड़े लोग भी हैं।” मैंने पूछा, “बड़े-बड़े कौन है?” उसने मुझे बताया, “सांसद वाईएस अविनाश रेड्डी, वाईएस भास्कर रेड्डी, वाईएस मनोहर रेड्डी और डी शंकर रेड्डी हैं।”

विवेकानंद रेड्डी के पूर्व कार चालक दस्तगिरी ने इकबालिया बयान कोर्ट को बताया, “विवेकानंद रेड्डी की हत्या के दिन अलसुबह 5.25 बजे सुनील यादव ने मुझे फोन किया और कहा कि गंगी रेड्डी के घर आ जाये। मैं, सुनील और उमाशंकर रेड्डी वहां पर गये… मुझे हिम्मत दिया गया कि डरो मत। मैंने डी शंकर रेड्डी और वाईएस अविनाश रेड्डी से बात की… गंगी रेड्डी ने बताया कि बड़े लोग सब देख लेंगे। बाकी रकम भी दी जाएगी। इसके बाद पुलिस ने हमें जांच पड़ताल के लिए बुलाया। वहां पर गंगी रेड्डी ने… डरो मत… हत्या के प्रदेश को धो डाला गया है। सारे सबूत मिटा दिये गये हैं। बाकी रकम जल्द ही दे दूंगा।”
कदिरी में कुल्हाड़ी खरीदी
“विवेकानंद की हत्या करने के लिए सुनीय यादव के सुझाव के अनुसार मैं कदिरी गया और कुल्हाड़ी खरीदी करके फोन किया। सुनील ने मुझे फोन करके गंगी रेड्डी का हवाला देते हुए बताया कि पुलिवेंदुला के विवेकानंद के घर आ जाओ। वहां पर कोई नहीं है। हम दोनों विवेकानंद रेड्डी के मकान के पास में ही बैठकर शराब पीने लगे। रात 11.40 बजे कार में विवेकानंद रेड्डी को आते देखा। इसके बाद उमाशंकर रेड्डी पल्सर बाइक पर गंगी रेड्डी को बिठाकर लेकर आया और विवेकानंद के घर के पास उसे उतार दिया। इसके बाद वो हमारे पास आ गया। हम तीनों रात 1.30 बजे तक वहीं बैठकर शराब पीये।”
दरवाजा खटखटाया
दस्तगिरी ने आगे बताया, “इसके बाद मैं, सुनील और उमाशंकर बाइक पर विवेकानंद रेड्डी के मकान के पीछे जाकर बाइक को पार्किंग किये। कंपाउंड की दीवार कूदकर अंदर गये। हमने दरवाजे के सामने वॉचमैन रंगन्ना को सोते देखा… इसके बाद हमने बाजू का दरवाजा खटखटाया। अंदर से गंगी रेड्डी ने दरवाजा खोल और अंदर आने को कहा। हमें देखकर विवेक चौंक गये और कहा कि इस समय ये यहां क्यों आये हैं? जवाब गंगी रेड्डी ने बताया कि बेंगलूर के सेटलमेंट रकम के बारे में बात करने आये हैं। तब विवेकानंद गुस्से में गंगी रेड्डी के पास गये और कहा कि मुझे सेटलमेंट की रकम क्यों पूछ रहे है?”
450 रुपये में कुल्हाडी
पूर्व कार चालक ने बताया “हत्या के बाद हमें लोग पहचान न पाये इसीलिए हम जानबूझकर कुल्हाड़ी को पुलिवेंदुला में नहीं खरीदा। निजी काम पर कदिरी जा रहे हफीजुल्लाह के साथ स्कूटी पर गया और कदिरी स्थित केकेसी हार्ड वेयर में से 450 रुपये में कुल्हाडी की खरीदी की। वापस रात नौ बजे के आसपास पुलिवेंदुला पहुंच गया।”
आपको देख लूंगा…
दस्तगिरी ने बताया, “साल 2016 में मेरे मामा ने मुझे विवेकानंद रेड्डी के पास कार चालक के रूप में काम पर रखा था। 2018 तक उनके पास ही काम किया। 2017 में विवेकानंद रेड्डी एमएलसी चुनाव लड़े तब उनके सहयोगी यर्रा गंगी रेड्डी और गज्जल उमाशंकर रेड्डी के साथ मिलकर लाखों रुपये बांटा हूं। मगर उस चुनाव में विवेकानंद हार गये। एक दिन विवेकानंद रेड्डी ने हैदराबाद से आते समय मुद्दुनुरु रेलवे स्टेशन के पास मुझे कार लेकर आने को कहा.. मैं वहां पर गया। आते समय कार में विवेकानंद ने गंगी रेड्डी को फोन करके घर बुलाया। हमारे पुलिवेंदुला पहुंचने से पहले ही गंगी रेड्डी आ गया था। इसके बाद दोनों को सांसद अविनाश रेड्डी के घर ले जाते समय…विवेकानंद ने गुस्से में गंगी रेड्डी से कहा आप हमारे परिवार में आकर धोखा किया है… परिवार वाले दूर हो गये…आपको देख लूंगा…केवल आपको ही नहीं… अविनाश रेड्डी और भास्कर रेड्डी (अविनाश के पिता) को भी देख लूंगा। इसके भी बाद गंगी रेड्डी और उमा शंकर रेड्डी को कार्यालय बुलाकर बहुत गाली दी।”
बेंगलुरु में कडपा की पंचायत
इस साल 25 अगस्त को सीबीआई अधिकारियों ने विवेकानंद रेड्डी हत्याकांड में शेख दस्तगिरी का बयान दर्ज किया…उसने बताया कि भूमि विवाद ही हत्या कारण है। कडपा निवासी राधाकृष्ण मूर्ति और उनके पुत्र प्रसाद मूर्ति के भूमि विवाद को निपटाने के लिए 2017 से दिसंबर 2018 के बीच विवेकानंद रेड्डी और गंगी रेड्डी मिलकर बेगलुरु आते-जाते थे। बेंगलुरु गेस्ट हाउस के पास बेटा रमणा और चिट्टीवेल्ली लक्ष्मीकर मिलते थे। ये सब ब्रोकर पीटर के साथ डिप्टी एसपी राजेश से मिलते थे। तब मुझे पता चला है कि भूमि विवाद मिट जाने के बाद 8 करोड़ रुपये विवेकानंद रेड्डी को दिया जाना है। इस भूमि विवाद को मिटाने के पीछे गंगी रेड्डी का बहुत बड़ा हाथ रहा है।
8 करो़ड़
दस्तगिरी ने यह भी बताया, “कभी-कभी बेंगलुरु को विवेकानंद के साथ गंगी रेड्डी भी कार में आता-जाता था। उस दौरान 8 करो़ड़ को लेकर दोनों में बातचीत होती थी। गेस्ट हाउस में उमाशंकर रेड्डी ने सुनील यादव का विवेकानंद रेड्डी से परिचय करवाया। तब से अनेक बार रकम के लिए सुनिल, गंगी रेड्डी और उमाशंकर बेंगलुरु को गये। एक दिन गेस्ट हाउस में गंगी रेड्डी के पैसे पूछे जाने पर…विवेकानंद रेड्डी उसे गाली दी और मुझे कार निकालने को कहा और हम पुलिवेंदुला आ गये। तब से दोनों के बीच बातचीत नहीं थी। मैंने दिसंबर 2018 में विवेकानंद रेड्डी के पास काम पर जाना बंद कर दिया।”
छाती पर घूंसे और कुल्हाड़ी से हमला
उसने आगे बताया, “जब कहा सुनी चल रही थी… विवेकानंद रेड्डी को सुनील यादव ने गाली देते हुए मुट्ठियों और घूंसों से हमला कर दिया। तब विवेकानंद पीछ गिर गये। यह देख उमा शंकर रेड्डी ने मेरी पास की कुल्हाड़ी लेकर सिर पर हमला किया। इसके चलते विवेकानंद घायल हो गये और करवट ली। इसके बाद एक बार फिर हमला किया। सिर से खून बहने लगा। इसके बाद सुनील यादव ने भी विवेकानंद के सीने पर सात-आठ बार वार किये। इसके बाद उमाशंकर रेड्डी ने कुल्हाड़ी को मुझे देकर कहा कि विवेकानंद उठ ना पाये। इसके बाद वे दस्तावेजों को ढूंढन लगे। यह देख विवेकानंद ने हाथ उठाकर उनसे कहा कि मेरे घर में क्या ढूंढ रहे हैं। यह देक मैंने उनके दाहिने हाथ पर कुल्हाड़ी वार किया। खून निकल आया। इसी बीच सुनील यादव, गंगीरेड्डी और उमाशंकर रेड्डी को कुछ और दस्तावेज मिल गये।
विवेकानंद की पिटाई
इसके बाद हम सब ने मिलकर विवेकानंद की पिटाई की…इस दौरान हमने “ड्राइवर प्रसाद जान से मारने आया। उसे मत छोड़ो” कहकर एक पत्र जबरन लिखवाकर उस पर विवेकानंद के हस्ताक्षर लिये। तत्पश्चात गंगी रेड्डी ने कहा कि विवेकानंद रेड्डी को बाथरूम में ले जाकर हत्या कर देंगे। हम सब ने विवेकानंद रेड्डी को बाथरूम ले गये और नीचे फेंक दिया। तब उमाशंकर रेड्डी ने कुल्हाड़ी से विवेकानंद के सिर पांच-छह बार वार किये। हमले में विवेकानंद रेड्डी की मौत हो गई। इसके बाद मैंने आलमारी को कुल्हाड़ी से तोड़ने की कोशिश की, मगर वह न ही टूटा और न ही खुला। सभी दस्तावेज देखने के बाद गंगी रेड्डी ने कहा कि हॉल में के सभी लाइट बंद कर दो। गंगी रेड्डी के मेन गेट की ओर जाते देख वॉचमैन ने आवाज दी कि कौन है। इसके चलते मैं, सुनील यावद, उमाशंकर रेड्डी पीछे से कंपाउंड दीवार कूदकर बाहर चले गये। इसके बाद मैंने सुनील यादव को कुल्हाड़ी दे दिया…अपने-अपने घर चले गये।”
