हैदराबाद : केरल इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के छात्र संगठन मुस्लिम स्टूडेंट्स फेडरेशन के कुछ नेताओं पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाले हरिता की फातिमा ताहिलिया ने अपनी लड़ाई तेज कर दी है। फातिमा ने ऐलान किया है कि वह पार्टी के भीतर की ताकतों से लड़ने के लिए महिलाओं को एकजुट कर की तैयारी कर रही हैं। नेताओं पर आरोप लगाने के बाद महिला मोर्चा हरिता को खत्म कर दिया गया था।
केरल को कोझिकोड में ताहिलिया ने कहा, “मैं इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के अंदर एक सुधारात्मक ताकत के तौर पर लड़ने के लिए एक जैसी सोच वाली महिलाओं का एकजूट बनाने जा रही हूं। इसके नाम की घोषणा जल्द ही की जाएगी।”
गौरतलब है कि ताहिलिया समर्थक एक रूढ़िवादी परिवार से आती हैं। मगर वह बेफिक्र रहती हैं। उन्होंने आगे कह, “हमारे हाथ और पेर बांधे नहीं गये हैं। मैं अब आम सदस्य हूंष मैंने पद से हटाये जाने को सकारात्मक रूप से लिया है। एक व्यक्ति की नहीं है और लोकतंत्र के मूल्य इसके संविधान में शामिल हैं। अगर हाल के सालों में पार्टी किसी एक व्यक्ति की होकर रह गई है। इसे वापस पटरी पर लाना है। पार्टी को और ज्यादा लोकतांत्रिक बनाना होगा।”
आपको बता दें कि 2012 में महिला मोर्चा हरिता के गठन के बाद ताहिलिया इसकी पहली प्रदेश अध्यक्ष बनी थी। ताहिलिया ने कहा, “हरिता को मान्यता तब मिली जब हमने भवनों में पहुंच बढ़ाने और कई कॉलेज यूनियन जीतने में मदद की थी। लेकिन हमें स्थानीय निकाय चुनावों में महिला उम्मीदवारों को उतारने के लिए बीते साल तक इंतजार करना पड़ा था।”
विश्लेषकों का मानना है कि हरिता ने नेतृत्व पर सवाल नहीं उठाये। बल्कि राजनीतिक के मामले में लैंगिक निष्पक्षता और महिलाओं और उनकी आवाज के लिए जगह सुनिश्चित करना चाहती है। इस मामले पर जब पार्टी ने कार्रवाई नहीं की, तो हरिता नेताओं ने अगस्त में राज्य की महिला आयोग के पास शिकायत दर्ज कराई थी। दो महीने पहले हरिता नेताओं ने आरोप लगाए थे कि जून में पदाधिकारियों की बैठक के दौरान तीन नेताओं- प्रदेश अध्यक्ष पीके नवास, मलप्पुरम जिला अध्यक्ष एम कबीर और जिला महासचिव वीए वहाब ने कथित रूप से अभद्र टिप्पणी की थी। (एजेंसियां)