हैदराबाद : दिशा आरोपियों की एनकाउंटर मामले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त न्यायिक जांच समिति की सुनवाई अंतिम चरण में पहुंच गई है। मंगलवार को न्यायिक समिति की सुनवाई के दौरान पीड़ित परिवारों के वकील पीवी कृष्णमाचारी और रजनी हाजिर हुए। उन्होंने समिति को बताया कि यह एक फर्जी मुठभेड़ है। मुठभेड़ में मारे गये तीन नाबालिग थे।
वकीलों ने आरोप लगाया कि तीन नाबालिग होने के बावजूद आरोपियों को किशोर गृह में भेजने के बजाय चर्लापल्ली जेल में भेज दिया गया। उन्होंने आयोग को यह भी बताया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के नियमों का पालन नहीं किया। यह सौ फीसदी फर्जी मुठभेड़ है। साथ ही कहा कि मुठभेड़ में मारे गये आरोपियों बदन पर चोट के निशान हैं।
वकील कृष्णमाचारी और रजनी ने मांग की कि सीन रिकंस्ट्रक्शन के नाम पर पुलिस ने हिरासत में लिये गये चार आरोपियों को मार डाला है। मांग की कि एनकाउंटर करने वालों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाये। साथ ही पीड़ित परिवारों को मुआवजा भी दिया जाये।
उन्होंने समिति से कहा कि न्यायपालिका को पुलिस अपने हाथ में लेना सही नहीं है। उन्होंने बताया कि समिति की सुनवाई फरवरी तक पूरी होने की उम्मीद है। संभावना है कि पीड़ितों के साथ न्याय होगा।