हैदराबाद : तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले की एक अदालत ने ऑनर किलिंग मामले में एक व्यक्ति को मौत की सजा और दो पुलिस अधिकारियों सहित 12 अन्य को उम्रकैद की सजा सुनाई है। आरोपियों ने अंतरजातीय विवाह करने वाले नव दंपत्ति की निर्मम हत्या कर दी थी।
एक उच्च समुदाय की 22 वर्षीय डी कन्नगी ने 18 साल पहले अनुसूचित जाति के 25 वर्षीय एस मुरुगेसन के साथ प्रेम विवाह किया था। इसके बाद दोनों अलग रहने लगे। मगर लड़की के परिवार वालों को यह शादी पसंद नहीं थी। परिवार वालों ने एक महीने बाद सब कुछ भूल जाने और घर आकर मिलने के लिए बुलाया। घर आने के बाद दोनों की योजनाबद्ध तरीके से निर्मम हत्या कर दी। मगर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
इसके चलते 2004 में सार्वजनिक आक्रोश के बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई। 15 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किये गये। 81 गवाहों को पेश किया गया। उनमें से 36 गवाह अंत में पलट गये। 2003 में शुरू हुई कानूनी लड़ाई करीब दो दशक तक चली।
शुक्रवार को मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत ने महिला के भाई मरुधुपांडियन को मौत की सजा सुनाई। साथ ही उसके पिता दुरईस्वामी, तत्कालीन इंस्पेक्टर चेल्लामुथु (अब सेवानिवृत्त) और सब इंस्पेक्टर तमिलमारन (अब इंस्पेक्टर) सहित 12 अन्य लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कन्नगी (22) और उसके पति मुरुगेसन (25) की हत्या से संबंधित मामले की जांच की थी। दोनों ने अपने माता-पिता को बताए बिना शादी कर ली थी। कुड्डालोर जिला प्रधान अदालत ने शुक्रवार को कन्नगी के भाई मरुथुपंडी को मौत की सजा और बाकी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सजा पाने वालों में उसके पिता, एक पुलिस निरीक्षक, जो उस समय उप-निरीक्षक थे और सेवानिवृत्त डीएसपी, जो तब निरीक्षक थे, शामिल हैं।
आपको बता दें कि मुरुगसेन मात्र 25 साल का था, जब उसकी हत्या कर दी गई थी। वह दलित समुदाय से ताल्लुक रखता था और उसने बीई स्नातक किया हुआ था। वह इसी इलाके में रहने वाली कन्नकी से प्यार करता था। कन्नकी के पिता दुरईसामी दूसरे समुदाय से थे। कन्नकी और मुरुगसेन ने 5 मई 2003 को जिले के रजिस्ट्रार कार्यालय में शादी कर ली थी। इसके बाद दोनों अलग रहते थे। (एजेंसियां)