हैदराबाद: ग्रुप परीक्षा की तैयारी करने आई वरंगल (तेलंगाना) की मर्री प्रवलिका की आत्महत्या मुद्दा रुकने का नाम नहीं ले रही है। पुलिस, नेता, संगठन और परिजन के अलग-अलग बयान आये और रहे हैं। इसी क्रम में मर्री प्रवलिका की मां विजया और उसके भाई का बयान आया है। उन्होंने मांग की कि प्रवलिका की मौत के लिए जिम्मेदार व्यक्ति (शिवराम) को फांसी दी जाये। उनके परिवार को अपनी राजनीति में मत घसीटिए। प्रताड़ित न करने की गुहार भी लगाई।
विजया ने आगे बताया, “मैं दो साल से उसकी बेटी प्रवलिका को हैदराबाद में पढ़ रही हूं। मेरा बेटा भी वहीं पढ़ रहा है। हम कड़ी मेहनत करके बच्चों को पढ़ा रहे हैं। हम अपने बच्चों को वहां इसलिए भेजा ताकि भविष्य में हमारी जैसे कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। लेकिन, उसने हमारी बेटी को प्रताड़ित किया। उसकी प्रताड़ना से तंग आकर और हमें बिना बताये ही मेरी बेटी ने फांसी लगा ली। मेरे बेटी के लिए मौत का कारण बने उसे कड़ी से कड़ा सजा दे। मेरे बेटी की तरह मुश्किलें किसी के बेटी को न आये। अगर आपके बीच पार्टियों को लेकर कोई झगड़ा है तो आप देख लीजिए। लेकिन हमारे परिवार को इसमें मत घसीटिए। प्रवलिका की मां विजया ने मांग की कि मेरे बेटी की मौत का कारण उसे मौत की सजा दें।
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मेरी बहन की आत्महत्या का कारण शिवराम है: प्रवलिका का भाई
इसी क्रम में प्रवलिका के भाई कुमार ने साफ किया कि मेरी बहन की आत्महत्या का कारण शिवराम है। उसने मांग की कि अगर हमें न्याय मिलना है तो उसे मौत की सजा दें। कुमार ने न सिर्फ कांग्रेस पार्टी बल्कि सभी पार्टियों से भी अपील की कि वे हमारे घर न आएं। हमें राजनीति में न घसीटें। मैं अपनी बहन के हॉस्टल से थोड़ा दूर रहता हूँ। मैं पांच मिनट में अपनी बहन के हॉस्टल पहुंच पाता हूं। हम सप्ताह में तीन से चार बार मिलकर बात करते थे।
खासकर मेरी बहन प्रवीलिका की मौत का कारण शिवराम है। उसकी मुलाकात एक अन्य लड़की से हुई थी। वह उससे बात नहीं करना चाहती थी, फिर भी उसे फोन करता था और उसे हॉस्टल में आकर सबके सामने परेशान करता था। वह समझ नहीं पा रही थी कि यह परेशानी किसे बताए। आखिरकार वह अवसाद में चली गई और आत्महत्या कर ली। अब मेरी बहन को न्याय दिलाना है तो वह जहां भी है उसे गिरफ्तार करे और फांसी की सजा दें या मुठभेड़ कर दें।
मंत्री केटीआर जी यह है सबूत
दूसरी ओर मंत्री केटीआर के उस बयान को छात्र संगठन के नेताओं ने खारिज कर दिया कि प्रवलिका ग्रुप परीक्षा के लिए नाम दर्ज नहीं किया। छात्र संगठन के नेताओं ने सबूत पेश किया कि प्रवलिका ने ग्रुप-1, ग्रुप-2, ग्रुप-3 और ग्रुप-4 की परीक्षा के लिए अपना नाम दर्ज किया है।