बेंगलुरु (अमृता श्रीवास्तव की रिपोर्ट) : क्रिएटिव माइंड संस्था बेंगलुरू की ओर से हाल ही में मासिक परिचर्चा एवं कथा-गोष्ठी का आयोजन ऑनलाइन के जरिए किया गया। कार्यक्रम का संचालन संस्था के सदस्य यास्मीन अली ने किया। उन्होंने सबसे पहले मासिक परिचर्चा एवं कथा-गोष्ठी में भाग लेने वाले सभी रचनाकारों का हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन किया।
जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई। इस अवसर पर यास्मीन अली ने इस मासिक गोष्ठी में शामिल रचनाकारों से अनुरोध किया कि वे अपनी रचनाओं का पाठ करें। इस अवसर पर अनीता सुराणा ने अपनी विजित रचना लाल दुप्पटे के माध्यम से प्रेम के रंग में सबको रंग में रंग दिया। उनकी मधुर आवाज ने सबके दिल में जगह बनाई। प्रज्ञा रिपुन ने अपनी रचना नेल पॉलिश से गृहणियों के जीवन में टाइम की कमी बताते हुए उन्हें अपने लिए समय निकालने का आग्रह किया।
वर्षा शर्मा ने अपनी रचना घर के माध्यम से एक गृहणी का अपने घर से लगाव का मार्मिक चित्रण किया, जो मन मोह लेने वाला था। निरुपा कुमारी ने अपनी रचना कलम के माध्यम से पिता द्वारा पुत्री के महत्व समझाने की बात कही, जो आगे जाकर पुत्री के लिए कैसे पथ प्रदर्शक भी साबित हुई। उनका चरित्र चित्रण हृदय को छू लेने वाला था। संगीता त्रिपाठी ने अपनी रचना कोट के माध्यम से घर की जिम्मेदारियों में एक पिता के त्याग को बखूबी वर्णन किया। यास्मीन अलीने हरिवंश राय बच्चन की कविता “मै यादों का किस्सा खोलूँ तो, कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं… मैं गुजरे पल को सोचूँ तो, कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं। इनके अलावा अन्य रचनाकारों की रचनाएं गोष्ठी में समां बांध दिया।
इसके अलावा जून और जुलाई महीने में संस्था के कार्यक्रम में शामिल दो रचनाकारों- रिचा आनंद और अनीता सुराणा को ‘क्वीन ऑफ़ द मंथ’ उपाधि से सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में व्यक्तिगत कारणों से सारिका रस्तोगी और अरुणा देओरा गोष्ठी में भाग न ले सकी। सुनाकर दोस्ती को नया आयाम दे दिया है। संयोजिका के धन्यवाद ज्ञापन के साथ गोष्ठी सम्पन्न हुई।
गौरतलब है कि क्रिएटिव माइंड संस्था बंगलोर, कर्नाटक की एक साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था है। संस्था साहित्य क्षेत्र में रचनाकारों को निःशुल्क मंच प्रदान करता है। ताकि रचनाकार की रचनाएं जन जन तक पहुंच सके। संस्था ने बैंगलूर, हैदराबाद और पुणे में इवेंट आयोजित करके रचनाकारों की रचनाओं को लोगों तक ले लाने में मदद की है। यह आयोजन सब निःशुल्क होता हैं। प्रशासनिक अधिकारियों की अध्यक्षता में हुए संस्था की ओर से आयोजित इवेंट्स की काफी लोकप्रियता मिली है। कोरोना काल में भी संस्था ने साहित्यकारों के लिए ऑनलाइन आयोजन जारी रखा है।