हैदराबाद: बदलते समय के साथ सीपीएम के नेता भी अपनी रणनीति में बदलाव करने की कोशिश कर रहे हैं। पिछले चुनाव के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए एक अग्रिम रणनीति तैयार कर रहे हैं। जहां पर खोया है वहीं से पाने की तलाश कर रहे हैं। पिछले चुनाव में सीपीएम बीएलएफ की रणनीति से लड़खड़ा गई थी। इस बार एक और नई रणनीति के साथ चुनावी जंग में उतरने के फैसला किया है। इस बार केएनके (केंद्रीयकरण – निर्वाचन क्षेत्र – कृषि अर्थात प्रयास) पद्धति को लागू करने के लिए तैयार हो गये हैं। इसी के अंतर्गत हर निर्वाचन क्षेत्र के लिए संजोयकों की नियुक्ति कर रही हैं। इनमें 30 सदस्य होंगे। ये सदस्य हमेशा लोगों के बीच रहेंगे और आने वाले चुनाव में लाभ हासिल करने की योजना बनाएंगे। पार्टी के नेता खुले आम कह रहे है कि पिछली बार पार्टी की ओर से लिये गये कुछ फैसले पार्टी को अपार नुकसान पहुंचाया है।
बीते विधानसभा चुनाव में तेलंगाना में करारी हार के चलते सीपीएम के नेता सुधारात्मक कदम उठा रहे हैं। पिछले चुनाव में अपनाई गई बीएलएफ रणनीति विफल रही है। इसके चलते सीपीएम अब आत्म-आलोचना (तेलुगु-आत्मविमर्श) में गिर गई है। आने वाले चुनावों में अपने पूर्व गौरव को फिर से हासिल करने के लिए पहले से ही नई रणनीतिक कदम उठा रही है। इसके लिए केएनके रणनीति को पर्दे पर लेकर आ रही है। माकपा ने नौ विधानसभा क्षेत्रों- भद्राचलम, पालेरू, मथिरा, वैरा, खम्मम, नलगोंडा, मिर्यालागुडा, तुंगतुर्ती और इब्राहिमपट्टनम में चुनाव लड़ने का फैसला किया है। पूर्व सांसद डॉ मीडियम बाबूराव ने शुक्रवार को भद्राचलम में एक संवाददाता सम्मेलन में यह खुलासा किया है। इस मौके पर बाबूराव ने कहा कि बीएलएफ रणनीति लोगों को पसंद नहीं आई है।
पूर्व सांसद ने खुद स्वीकार किया कि सीपीएम कईं कारणों से लोगों से दूर हो गई है। अब टूटे हुए बंधन को फिर से जोड़ने और उसके पूर्व गौरव को वापस ले जाने की कोशिश की जा रही है। पूर्व सांसद के बयान साफ होता है कि पिछले रणनीति पर माकपा पछतावा कर रही है। अब नई रणनीति के आधार पर नौ विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। इसी के अंतर्गत सीपीएम प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के लिए संयोजक नियुक्त कर रही है।
इसी के तहत भद्राचलम निर्वाचन क्षेत्र का सीपीएम संयोजक के रूप में स्थानीय नेता मच्चा वेंकटेश्वर को सदस्य नियुक्त करने की भी घोषणा की है। सीपीएम ने अब लोगों में नया नेतृत्व भेजकर लाभ उठाने की एक नई तरह की कणनीति शुरू की है। निर्वाचन क्षेत्र समिति में 30 सदस्यों की टीम को भी नियुक्त कर रही है। माकपा समय-समय पर स्थानीय मुद्दों पर आंदोलन करने का मास्टर प्लान भी बना रही है। इसके जरिए लोगों के बीच रहकर आने वाले चुनाव में लाभ उठाने का सीपीएम आवश्यक रणनीति बना रही है। जहां पर खोया है, वहीं पर पकड़ मजबूत करने की कोशिश में लगी है। सीपीएम ने स्पष्ट किया है कि आने वाले चुनाव में वह भद्राचलम निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रही है।