हैदराबाद: पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) को भारत सरकार ने पांच साल के लिए बैन पर कांग्रेस भड़़क उठी। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक कोडिकुन्निल सुरेश ने आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि पीएफआई पर बैन कोई उपाय नहीं है। आरएसएस भी पूरे देश में हिंदू सांप्रदायिकता फैला रहा है। आरएसएस और पीएफआई दोनों समान हैं। इसलिए सरकार को दोनों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। मुख्य सचेतक ने मीडिया से यह बात कही।
आपको बता दें कि पीएफआई को भारत सरकार ने प्रतिबंध कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के सबूत मिलने के बाद पीएफआई और उससे जुड़े आठ संगठनों पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। इस बीच कांग्रेस सांसद और लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक कोडिकुन्निल सुरेश ने आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की। उन्होंने पीएफआई से आरएसएस की तुलना करते हुए कहा कि ये दोनों समान हैं और प्रतिबंध इन दोनों पर लगना चाहिए।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि हम आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग करते हैं। पीएफआई पर बैन कोई उपाय नहीं है। आरएसएस भी पूरे देश में हिंदू साम्प्रदायिकता फैला रहा है। आरएसएस और पीएफआई दोनों समान हैं। इसलिए सरकार को दोनों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। केवल पीएफआई पर प्रतिबंध लगाना ठीक नहीं है।
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गौरतलब है कि भारत सरकार ने आतंकवाद रोधी कानून ‘यूएपीए’ के तहत पीएफआई के अलावा, ‘रिहैब इंडिया फाउंडेशन’ (आरआईएफ), ‘कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया’ (सीएफ), ‘ऑल इंडिया इमाम काउंसिल’ (एआईआईसी), ‘नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन’ (एनसीएचआरओ), ‘नेशनल विमेंस फ्रंट’, ‘जूनियर फ्रंट’, ‘एम्पावर इंडिया फाउंडेशन’ और ‘रिहैब फाउंडेशन’ (केरल) पर प्रतिबंध लगाया है।
यह प्रतिबंध देशभर में पीएफआई से संबद्ध ठिकानों पर छापेमारी और करीब 300 से अधिक लोगों को उसकी कई गतिविधियों के लिए गिरफ्तार करने और कई दर्जन संपत्तियों को जब्त करने के कुछ दिन बाद केंद्र सरकार ने लगाया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से मंगलवार देर रात जारी एक अधिसूचना में बताया गया कि पीएफआई के कुछ संस्थापक सदस्य स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के नेता हैं और पीएफआई के जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) से भी संबंध हैं। जेएमबी और सिमी दोनों ही प्रतिबंधित संगठन हैं।
अधिसूचना में आगे कहा गया कि पीएफआई के ‘इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया’ (आईएसआईएस) जैसे आतंकवादी संगठनों के साथ संबंधों के भी कई मामले सामने आए हैं। पीएफआई और उसके सहयोगी देश में असुरक्षा की भावना फैलाने के लिए एक समुदाय में कट्टरपंथ को बढ़ाने के लिए गुप्त रूप से काम कर रहे हैं, जिसकी पुष्टि इस तथ्य से होती है कि पीएफआई के कुछ कार्यकर्ता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय आतंकवादी संगठनों में शामिल हुए हैं। केंद्र सरकार का दृढ़ता से यह मानना है कि पीएफआई की गतिविधियों को देखते हुए उसे और उसके सहयोगियों को तत्काल प्रभाव से गैरकानूनी संगठन घोषित करना जरूरी है। उक्त अधिनियम की धारा-3 की उपधारा (3) में दिए गए अधिकार का इस्तेमाल करते हुए इसे गैर-कानूनी घोषित किया जाता है। (एजेंसियां)