केंद्रीय हिंदी संस्थान: 474वें नवीकरण पाठ्यक्रम का समापन एवं ‘हिंदीतरभाषी हिंदी नवलेखक शिविर’ का उद्घाटन

हैदराबाद : केंद्रीय हिंदी संस्थान, हैदराबाद केंद्र द्वारा आंध्र प्रदेश राज्य के मॉडल स्कूल के हिंदी अध्यापकों के प्रशिक्षण के लिए 474वें नवीकरण पाठ्यक्रम का आयोजन 2 से 14 सितंबर तक हैदराबाद केंद्र पर आयोजित किया गया। इस पाठ्यक्रम का समापन समारोह व केंद्रीय हिंदी निदेशालय, नई दिल्ली, उच्चतर शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ,नई दिल्ली तथा केंद्रीय हिंदी संस्थान, हैदराबाद केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘हिंदीतरभाषी हिंदी नवलेखक शिविर’ का उद्घाटन समारोह तथा हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में हिंदी पखवाड़े का उद्घाटन समारोह दिनांक 14 सितंबर को हैदराबाद केंद्र पर आयोजित किया गया। इस नवीकरण पाठ्यक्रम में कुल 34 प्रतिभागियों ने (महिला-15, पुरुष-19) नियमित रूप से उपस्थित होकर प्रशिक्षण प्राप्त किया।

सर्वप्रथम माँ शारदे के समक्ष मंचस्थ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभाआरंभ किया गया। सरस्वती वंदना प्रतिभागी अध्यापक श्रीमती मधुप्रिया व श्रीमती इंद्रवातम्मा ने की तथा संस्थान गीत महिला प्रतिभागियों द्वारा प्रस्तुत किया गया। अतिथियों के स्वागत में स्वागत गीत मधुप्रिया कांतम्मा व इंद्रावतम्मा द्वारा प्रस्तुत किया गया।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा तथा केंद्रीय हिंदी निदेशालय, नई दिल्ली के निदेशक प्रो. सुनील बाबुराव कुलकर्णी ने की। कार्यक्रम के संयोजक केंद्र के क्षेत्रीय निदेशक प्रो. गंगाधर वानोडे रहे। मुख्य अतिथि दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, हैदराबाद के उच्च शिक्षा और शोध संस्थान के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष तथा मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय (मानू) के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के परामर्शी (हिंदी) सदस्य तथा कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि सहायक निदेशक (भाषा) केंद्रीय हिंदी निदेशालय, भारत सरकार, नई दिल्ली तथा हिंदीतरभाषी हिंदी नवलेखक शिविर संयोजक डॉ. कृति शर्मा रहीं। नवीकरण पाठ्यक्रम प्रभारी एवं हिंदीतरभाषी हिंदी नवलेखक शिविर के समन्वयक डॉ. फत्ताराम नायक रहे। डॉ. एस. राधा, डॉ. प्रदीप कुमार भी मंच पर उपस्थित रहे।

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अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो. सुनील बाबुराव कुलकर्णी ने कहा कि हिंदी दिवस के अवसर पर यह कार्यक्रमों का त्रिवेणी संगम है। आज हिंदी विश्व की भाषा बन गई है। नवीकरण में जो प्रतिभागी प्रशिक्षित हुए हैं वे अपने ज्ञान को विद्यार्थियों के बीच फैलाएँ, जो नवलेखक शिविर के प्रतिभागी हैं उन्हें साहित्य के हेतु, तत्वों को जानना आवश्यक है। आप अपने नवलेखन को और अधिक किस प्रकार संवार सकते हैं, इस कार्यक्रम के माध्यम से उस पर प्रकाश डाला जाएगा। उन्होंने कहा कि आप बहुजन हिताय हेतु लिखें।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. ऋषभदेव शर्मा ने कहा कि हिंदी दिवस को हम भारतीय भाषा दिवस के रूप में जानते हैं। अगर भाषा नहीं होती तो यह सारा संसार अंधकारमय हो जाता। भारतीय भाषाएँ विश्व भाषाओं से किसी भी रूप में कमतर नहीं है। कार्यक्रम संयोजक व क्षेत्रीय निदेशक प्रोफेसर गंगाधर वानोडे ने कहा कि नवीकरण पाठ्यक्रम व नवलेखक शिविर से आप अपने हिंदी के ज्ञान को अद्यतन करते रहें तथा इस ज्ञान के माध्यम से आप अपने विद्यार्थियों के जीवन में प्रकाश फैलाते रहें। सफलतापूर्वक नवीरकण पाठ्यक्रम पूर्ण करने पर आपने सभी प्रतिभागियों को हार्दिक बधाई दी।

कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि डॉ. कृति शर्मा ने नवलेखक शिविर के मंतव्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस शिविर के माध्यम से हिंदीतरभाषी नवलेखक अपने नवसृजन का विस्तार कर पाएँगे साथ ही उन्होंने केंद्रीय हिंदी निदेशालय द्वारा किए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों तथा निदेशालय का परिचय दिया। डॉ. राधा जी ने अतिथियों का परिचय व स्वागत भाषण दिया ।इस अवसर पर संस्थान से दक्षिण भारत की संस्कृति पर आधारित त्रैमासिक पत्रिका ‘समन्वय दक्षिण’ का विमोचन भी किया गया तथा 474वें नवीकरण पाठ्यक्रम के हिंदी अध्यापकों द्वारा तैयार हस्तलिखित पत्रिका ‘संस्कृतियों का देश- हमारा आंध्र प्रदेश’ का विमोचन मंचस्थ अतिथियों द्वारा किया गया।

इस अवसर पर प्रतिभागी अध्यापक जहीर खान व श्रीमती कातंम्मा ने अपनी स्वरचित कविता प्रस्तुत की। इंद्रवतम्मा ने देशभक्ति गीत गाया। महिला प्रतिभागी समूह द्वारा लोकनृत्य ‘कोलाटम’ प्रस्तुत किया गया। अतिथि अध्यापक डॉ. योगेन्द्रनाथ मिश्र व डॉ. राजीव कुमार सिंह ने भी इस अवसर पर अपना आशीर्वचन दिया। नवीकरण के प्रतिभागी अध्यापकों द्वारा इस अवसर पर अपने सभी शिक्षकों व मंचस्थ अतिथियों का सम्मान भी किया तथा पर परीक्षण में प्रथम पुरस्कार श्रीमती बी. दुर्गादेवी, द्वितीय पुरस्कार श्री सय्यद जीलानी, तृतीय पुरस्कार पी. मोहन रेड्डी तथा प्रोत्साहन पुरस्कार श्रीमती के. कांतम्मा ने प्राप्त किया।

इस पाठ्यक्रम के दौरान प्रो. गंगाधर वानोडे, डॉ. फत्ताराम नायक व बाह्य अतिथि अध्यापक डॉ. योगेंद्रनाथ मिश्र, डॉ. सी. कामेश्वरी, डॉ. राजीव कुमार सिंह, डॉ. संध्यादास ने अध्यापन का कार्य किया तथा डॉ. मोहम्मद कमालुद्दीन एवं डॉ. रजनीधारी ने विशेष व्याख्यान दिया। कार्यक्रम के समापन समारोह के अंत में मंचस्थ अतिथियों द्वारा प्रमाण-पत्र वितरण किए गए। डॉ. फत्ताराम नायक ने केंद्रीय हिंदी संस्थान, हैदराबाद केंद्र का परिचय व मंच का संचालन किया। धन्यवाद ज्ञापन केंद्रीय हिंदी निदेशालय के डॉ. प्रदीप कुमार व डॉ. एस. राधा ने और तकनीकी सहयोग सजग तिवारी व डॉ. संदीप कुमार ने दिया।

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