ना तीसरा मोर्चा और ना चौथा, अभी तक नहीं कोई मोर्चा: KCR

हैदराबाद : तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (KCR) ने शुक्रवार को झारखंड का दौरा किया। इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की। केसीआर पिछले दिनों में एक के बाद एक कई गैर-भाजपाई मुख्यमंत्रियों के साथ मुलाकात कर चुके हैं। कयास लगाये जा रहे हैं कि केसीआर भाजपा विरोधी एक नया मोर्चा बनाने की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन इस पर केसीआर का कुछ और ही कहते हैं।

मुख्यमंत्री सोरेन से मुलाकात के बाद तेलंगाना केसीआर ने कहा कि यह मानना गलत है कि वह एक भाजपा विरोधी मोर्चा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने ये जरूर कहा कि देश को एक नई दिशा देने के लिए ‘कुछ नया करने की कोशिश’ करने की योजना बनाने के लिए वह कई नेताओं के साथ बातचीत कर रहे हैं।

केसीआर अपनी पत्नी, बेटी, पोते, पार्टी के अन्य नेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ 2020 में गलवान घाटी में मारे गए दो सैनिकों के परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए एक दिवसीय दौरे पर रांची गये। केसीआर ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी उनके आवास पर मुलाकात की।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि उन्होंने देश के विकास रोड मैप के बारे में झारखंड के मुख्यमंत्री के साथ ‘राजनीतिक चर्चा’ भी की। साथ ही कहा कि देश आजादी के 75 साल बाद भी विकास के मामले में जो हासिल कर सकता था उसे हासिल करने में विफल रहा है। लेकिन उन्होंने हेमंत सोरेन के साथ संबोधित संक्षिप्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल को खारिज कर दिया कि क्या उनके राजनीतिक परामर्श का उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा विरोधी मोर्चा बनाना है।

केसीआर ने कहा, “किसने कहा भाजपा विरोधी मोर्चा बना रहा हूं? इसका क्या मतलब है? यह महत्वपूर्ण नहीं है। बहुत स्पष्ट है वह यह है कि देश को सही दिशा में ले जाने के लिए ईमानदारी से प्रयास होना चाहिए। एक शुरुआत की गई है। चर्चाएं चल रही हैं। तो यह भाजपा विरोधी, कांग्रेस विरोधी या किसी और का विरोधी नहीं है। मैं इसे स्पष्ट करना चाहता हूं। कोई कह रहा है कि ये तीसरा मोर्चा है तो कोई चौथा मोर्चा है। अभी तक कोई मोर्चा नहीं बना है। यह क्या आकार लेगा, हमें बाद में पता चलेगा।”

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने हालांकि इस बात पर जोर दिया कि देश 75 वर्षों में जिस तरह का विकास होना चाहिए था, उसे हासिल नहीं कर सका, इसलिए ‘कुछ नया करने की कोशिश’ करने की जरूरत थी, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि वह राष्ट्रीय राजनीति में भूमिका निभाने की कोशिश में हैं।

उन्होंने कहा, “क्या किया जा सकता है, यह कैसे किया जा सकता है.. इसको लेकर अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। निष्कर्ष पर मत कूदो। मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि इसे कोई नाम न दें।”

केसीआर ने कहा कि वह गलवान घाटी के शहीदों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए राज्य में थे, जैसा कि उनके द्वारा पहले घोषित किया गया था और झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन से आशीर्वाद लेने के लिया, जिन्होंने एक अलग तेलंगाना आंदोलन में उनकी मदद की थी।

घटनाक्रमों और केसीआर के दौरे पर झामुमो कि टिप्पणा जानना चाही तो झामुमो के प्रमुख महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, “बैठक में हुई चर्चा के बारे में मुझे जानकारी नहीं थी, इसलिए मैं अभी कोई टिप्पणी नहीं कर सकता।”

केसीआर पिछले कई दिनों से कई नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। झारखंड दौरा से पहले टीआरएस प्रमुख ने पिछले कुछ हफ्तों में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, राकांपा प्रमुख शरद पवार सहित गैर-भाजपा और गैर-कांग्रेसी दलों के साथ विचार-विमर्श किया। गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी और किसान नेता राकेश टिकैत से भी मुलाकात की। (एजेंसियां)

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