हैदराबाद : धान खरीद की मांग को लेकर मुख्यमंत्री केसीआर के नेतृत्व गुरुवार को किये गये टीआरएस महाधरना पर केंद्र सरकार ने प्रतिक्रिया दी है। अनाज खरीद करने को लेकर स्पष्टीकरण देने का प्रयास किया। केंद्र ने कहा है कि उबले हुए चावल (बायल्ड राइस) खरीदने का कोई मतलब नहीं है। सालाना अनाज की खरीद के विवरण का खुलासा किया है। केंद्र ने कहा कि उसने पिछले साल खरीफ में 32 लाख मीट्रिक टन अनाज खरीदा था। इस साल खरीफ में और 25 से 40 लाख मीट्रिक टन अनाज खरीदने पर विचार कर रहा है।
केंद्र ने यह भी स्पष्ट किया कि पिछले रबी सीजन में दिये गये आश्वासन के अनुसार पूरे अनाज की खरीद की जाएगी। वर्तमान रबी सीजन के दौरान कितना अनाज खरीदा जाएगा इस बारे में जल्द ही खुलासा किया जाएगा। इस समय उबला हुआ चावल खरीदने का कोई इरादा नहीं है। उबले हुए चावल का उपभोग करने वाले राज्य ही उसे खरीद सकते हैं। इन परिस्थितियों में उबले हुए चावल का संग्रह संभव नहीं है। देश में उबले हुए चावल की कोई मांग नहीं है।
केंद्र ने बताया कि देश में जरूरत से ज्यादा धान और गेहूं की खेती हो रही है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो अनाज रखने की जगह नहीं बचेगी। देश में फसल विविधता बहुत महत्वपूर्ण है। दालें और तिलहन खेती की मांग होने के बावजूद आयात करने की नौबत आ रही हैं। केंद्र का विचार है कि फसल उत्पादन में विविधता होना/आना चाहिए। केंद्र ने कहा कि रबी फसल को खरीदी करने पर राज्यों के साथ विचार के बाद फैसला लिया जाएगा।
यह भी पढ़ें :
TRS Mahadharna : MC KCR बोले- “किसानों की समस्या का जड़ केंद्र सरकार हैं, हमने युद्ध आरंभ किया”