नई दिल्ली: सेलिब्रेटिंग लाइफ फाउंडेशन की साहित्य एवं कला संबंधी इकाई ‘सीएलएफ-कलश’ ने रविवार को निराला जी की 126वीं वर्षगांठ पर ‘सूर्यकांत त्रिपाठी निराला: व्यक्तित्व एवं कृतित्व’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो बी एल आच्छा ने और मंच संचलन डॉ सविता स्याल ने किया।
श्रीमती सरिता सुराणा, प्रो चंद्रदेव यादव, डॉ आर सुमनलता, और श्रीमती मनोरमा शर्मा और अन्य सुप्रसिद्ध विद्वान ने निराला जी के कृतित्व और व्यक्तित्व के विभिन्न पक्षों पर अपने विचार रखे।
कार्यक्रम का आरंभ स्वर सम्राज्ञी स्वर्गीय लता मंगेशकर जी को श्रद्धांजलि देने और निराला जी द्वारा रचित सुप्रसिद्ध सरस्वती वंदना ‘वर दे वीणा वादिनी वर दे’ का श्रीमती अम्बे मिश्रा के स्वर में गायन से हुआ।
श्रीमती सरिता सुराणा ने निराला जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर एक समग्र रूपरेखा श्रोताओं के समक्ष रखी। प्रो चंद्रदेव यादव ने ‘छायावाद के दौर में निराला की रचनाओं’ के माध्यम से निराला जी के कृतित्व के कई
जाने-अनजाने पक्षों से श्रोताओं को परिचित कराया।
डॉ आर सुमनलता ने प्रसिद्ध तेलुगु कवि श्री श्री के साथ निराला का तुलनात्मक व्याख्यान द्वारा और श्रीमती मनोरमा शर्मा ने उनसे जुड़े कुछ संस्मरण को याद कर कार्यक्रम को और रोचक बना दिया। श्रीमती अंबे मिश्रा के गायन और डॉ सविता स्याल का मंच संचालन भी प्रसंशनीय रहा है। अध्यक्ष बबीता झा के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।